Griha Pravesh in Kharmas: खरमास में गृह प्रवेश या भूमि पूजन करना शुभ या अशुभ?
एक साल में दो बार खरमास लगता है, जो कि पूरे एक महीने के लिए रहता है. इस साल का दूसरा खरमास 16 दिसंबर 2025 से शुरू होने जा रहा है, जो 14 जनवरी 2026 को समाप्त होगा। धार्मिक दृष्टि से एक महीने तक चलने वाली इस अवधि को शुभ नहीं माना जाता है, क्योंकि इसमें सूर्य की गति धीमी हो जाती है।
इसी कारण खरमास में शादी, सगाई या नामकरण जैसे कार्यों पर विराम लग जाता है. आइए जानते हैं कि खरमास में भूमि पूजन, जमीन की खरीदारी या गृह प्रवेश करना कैसा माना गया है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, जब सूर्य धनु और मीन राशि में भ्रमण करते हैं, तो खरमास लगता है. यह अवधि समाप्त होने के बाद ही शुभ कार्य शुरू करने चाहिए. खरमास के दौरान विवाह, सगाई और नया काम शुरू करने जैसे कई शुभ और मांगलिक कार्यों पर रोक होती है। खरमास के दौरान गृह प्रवेश वर्जित है क्योंकि इसे अशुभ समय माना गया है. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, इस दौरान सूर्य की गति धीमी हो जाती है, जिससे मांगलिक कार्यों का शुभ फल नहीं मिलता है. आप खरमास के बाद गृह प्रवेश के लिए कोई शुभ मुहूर्त देख सकते हैं।
सूर्य की गति धीमी: धार्मिक मान्यता है कि खरमास में सूर्य देव के रथ में खर (गधे) जुड़ जाते हैं, जिससे उनकी गति धीमी हो जाती है और यह समय अशुभ माना जाता है। शुभता में कमी: ज्योतिष की मानें तो जब सूर्य बृहस्पति की राशि में प्रवेश करता है, तो बृहस्पति की शुभ ऊर्जा कमजोर पड़ जाती है. इस वजह से खरमास की अवधि में किए गए शुभ कार्यों का पूरा फल नहीं मिलता है। अशुभ फल: खरमास में गृह प्रवेश, विवाह, सगाई, मुंडन जैसे मांगलिक कार्य नहीं किए जाते हैं, क्योंकि इनसे नकारात्मक प्रभाव हो सकता है और शुभ परिणाम नहीं मिलता है। खरमास समाप्त होने के बाद शुभ मुहूर्त देखकर गृह प्रवेश करें. 2025 में खरमास 16 दिसंबर से 14 जनवरी 2026 तक चलेगा. अगले साल 14 जनवरी को मकर संक्रांति के बाद खरमास समाप्त हो जाएगा और शुभ कार्य फिर से शुरू हो जाएंगे।
अगर आप नए साल में गृह प्रवेश की योजना बना रहे हैं, तो आप फरवरी 2026 में शुभ तिथियों जैसे 6, 7, 8, 14, 15 और 17 फरवरी को विचार कर सकते हैं। खरमास के दौरान भूमि पूजन नहीं करना चाहिए, क्योंकि इसे भी अशुभ माना जाता है. खरमास के दौरान भूमि पूजन जैसे शुभ कार्य और नया निर्माण शुरू करने से बचें. खरमास में नया वाहन, मकान या प्रोपर्टी भी नहीं खरीदनी चाहिए. इनके अलावा, खरमास इस दौरान सत्यनारायण भगवान की पूजा, दान, जप, योग, ध्यान और तीर्थ स्नान करना शुभ होता है. खरमास पौष मास में आता है और इस दौरान सूर्य देव की उपासना करना भी विशेष रूप से लाभदायक माना जाता है।