Mainpuri News : प्यार की नई कहानी: 6 साल की दोस्ती के बाद दो युवतियों ने रचाई शादी, परिजनों ने किया विरोध

Mainpuri News : प्यार की नई कहानी: 6 साल की दोस्ती के बाद दो युवतियों ने रचाई शादी, परिजनों ने किया विरोध

Aug 31, 2025 - 20:20
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Mainpuri News :  प्यार की नई कहानी: 6 साल की दोस्ती के बाद दो युवतियों ने रचाई शादी, परिजनों ने किया विरोध

प्यार की नई कहानी: 6 साल की दोस्ती के बाद दो युवतियों ने रचाई शादी, परिजनों ने किया विरोध

मैनपुरी (अजय किशोर)मैनपुरी जिले के करहल में एक अनोखी प्रेम कहानी सामने आई है, जहां छह साल तक साथ पढ़ने और रहने के बाद दो युवतियों ने आपस में शादी कर ली। परिवार के विरोध के चलते दोनों ने 26 अगस्त को एक नोटरी शपथ पत्र के जरिए कोर्ट मैरिज कर ली। शादी के बाद एक युवती के परिवारवाले उसे घर से बाहर नहीं निकलने दे रहे हैं, जिससे दोनों युवतियां बेहद परेशान हैं। करहल थाना क्षेत्र की रहने वाली 21 वर्षीय युवती पिछले छह साल से पास के गांव की एक अन्य युवती के साथ स्कूल में पढ़ रही थी। उनकी दोस्ती समय के साथ प्यार में बदल गई।

 दोनों का अधिकतर समय साथ ही बीतता था। शुरुआत में उनके परिवारवालों ने इसे दो सहेलियों का गहरा रिश्ता समझा, लेकिन उन्हें इस बात का अंदाज़ा नहीं था कि दोनों एक-दूसरे के साथ जीवन बिताने की कसमें खा चुके हैं। जब एक युवती के परिवार को उनके रिश्ते के बारे में पता चला, तो उन्होंने मिलने-जुलने पर पाबंदी लगा दी। इसी बीच, दोनों युवतियों ने मौका पाकर 26 अगस्त को कोर्ट मैरिज कर ली। उन्होंने एक शपथ पत्र भी दिया, जिसमें कहा कि वे पिछले छह सालों से साथ पढ़ रहे हैं और रह रहे हैं, और एक-दूसरे के बिना नहीं रह सकते। उन्होंने हमेशा साथ रहने का फैसला किया है और अगर परिवारवाले उन्हें अलग करने की कोशिश करते हैं, तो यह गलत होगा। शादी के बाद से ही एक युवती के परिवारवाले उसे घर में कैद किए हुए हैं और दूसरी युवती से मिलने नहीं दे रहे। इससे दोनों बहुत दुखी हैं।

 जिस युवती को घर में कैद किया गया है, उसने सोशल मीडिया पर अपनी साथी से बात कर अपनी परेशानी बताई है। दूसरी युवती का कहना है कि वे दूर नहीं रह सकते और अगर परिवारवाले नहीं मानते, तो वह पुलिस की मदद लेगी। जब उनसे पूछा गया कि क्या वह पुरुषों से नफरत करती हैं, तो उन्होंने साफ इनकार करते हुए कहा कि ऐसा कुछ नहीं है, लेकिन वे अपनी सहेली से बेइंतहा प्यार करती हैं और अब जिंदगी भर साथ रहना चाहती हैं। भारत में समलैंगिक विवाह को अभी तक कानूनी मान्यता नहीं मिली है।

हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने 2018 में समलैंगिकता को अपराध की श्रेणी से बाहर कर दिया था। एक फैसले में, कोर्ट ने यह भी कहा था कि समलैंगिक विवाह को कानूनी मान्यता देना संसद का काम है। इस मामले में, दोनों युवतियों के बालिग होने और आपसी सहमति से शादी करने के बावजूद, कानूनी तौर पर उनके विवाह को मान्यता मिलना एक जटिल मुद्दा है।