महाराष्ट्र की राजनीति में हलचल: फडणवीस और उद्धव ठाकरे की बंद कमरे में मुलाकात

महाराष्ट्र की राजनीति में हलचल: फडणवीस और उद्धव ठाकरे की बंद कमरे में मुलाकात
मुंबई। महाराष्ट्र विधानसभा परिसर में आज एक अनपेक्षित और अहम राजनीतिक घटनाक्रम सामने आया। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) प्रमुख उद्धव ठाकरे के बीच एक बंद कमरे में 20 मिनट तक चली बैठक ने राज्य की सियासत में हलचल मचा दी है। इस मुलाकात में शिवसेना नेता और पूर्व मंत्री आदित्य ठाकरे भी मौजूद रहे। यह मुलाकात विधान परिषद के सभापति राम शिंदे के कक्ष में हुई, जिसे लेकर अब तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन सूत्रों के मुताबिक बातचीत कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर केंद्रित रही। इनमें
**विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष का पद, राज्य की तीन-भाषा नीति**, और राज्य के राजनीतिक संतुलन जैसे विषय शामिल थे। **फडणवीस का न्योता और ठाकरे की प्रतिक्रिया** यह बैठक ऐसे समय पर हुई है जब एक दिन पहले ही सीएम फडणवीस ने विधान परिषद में उद्धव ठाकरे को
**सत्ता पक्ष में शामिल होने का प्रस्ताव** दिया था। उन्होंने कहा था: > "देखिए उद्धव जी, 2029 तक हमारे वहां (विपक्ष में) आने का कोई स्कोप नहीं है... लेकिन आप यहां (सत्ता पक्ष) आ सकते हैं, इस पर विचार किया जा सकता है।" इस प्रस्ताव पर सदन में हल्की-फुल्की हंसी जरूर सुनाई दी, लेकिन राजनीतिक गलियारों में इसे
**संभावित गठबंधन या सहयोग** के रूप में देखा जा रहा है। उद्धव ठाकरे ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा था, *"कुछ बातों को मजाक में लेना चाहिए,"* लेकिन उनकी यह टिप्पणी भी गंभीर राजनीतिक संकेतों से खाली नहीं मानी जा रही।
**पृष्ठभूमि: शिवसेना और भाजपा का रिश्ता** 2019 में भाजपा और शिवसेना के बीच चुनाव पूर्व गठबंधन हुआ था, लेकिन मुख्यमंत्री पद को लेकर विवाद के चलते यह गठबंधन टूट गया। इसके बाद उद्धव ठाकरे ने कांग्रेस और एनसीपी के साथ मिलकर महाविकास अघाड़ी (MVA) सरकार बनाई। 2022 में एकनाथ शिंदे की बगावत और भाजपा के समर्थन से नई सरकार बनने के बाद शिवसेना (UBT) विपक्ष में आ गई।
**क्या बन रहा है नया राजनीतिक समीकरण?** राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि महाराष्ट्र में आगामी चुनावों को ध्यान में रखते हुए **राजनीतिक समीकरणों में बड़ा बदलाव** देखने को मिल सकता है। यह मुलाकात महज औपचारिकता नहीं, बल्कि **भविष्य की साझेदारी की संभावनाओं की पड़ताल** भी हो सकती है। भाजपा और शिवसेना (UBT) के फिर से करीब आने की संभावना अगर हकीकत में बदलती है, तो यह
**महाराष्ट्र की राजनीति में बड़ा बदलाव** होगा, खासतौर पर महाविकास अघाड़ी के समीकरणों पर इसका सीधा असर पड़ेगा।
**अभी भी अटकलें, लेकिन संभावनाएं खुली** हालांकि अभी तक दोनों पक्षों ने इस बैठक को लेकर कोई आधिकारिक पुष्टि या विस्तृत जानकारी नहीं दी है, लेकिन महाराष्ट्र की राजनीति में इस प्रकार की मुलाकातें प्रायः **गंभीर राजनीतिक संकेत** लेकर आती हैं। आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या यह महज एक औपचारिक भेंट थी या किसी बड़े गठबंधन की पृष्ठभूमि तैयार हो रही है।