जमीन बेचकर 15 लाख में 'खरीदी' रेलवे की नौकरी! उसके बाद छोड़ी बीबी
जमीन बेचकर 15 लाख में 'खरीदी' रेलवे की नौकरी! उसके बाद छोड़ी बीबी
जयपुर। अवैध तरीके से अपनी पत्नी को सरकारी नौकरी दिलाने की एक व्यक्ति की कोशिश ने रेलवे में एक बड़े भर्ती घोटाले (Major recruitment scam in Railways) का खुलासा कर दिया है। कोटा निवासी मनीष मीणा ने करीब आठ महीने पहले रेलवे अधिकारियों से संपर्क किया था और अपनी पत्नी आशा मीणा के लिए फर्जी उम्मीदवार का उपयोग कर रेलवे की नौकरी हासिल करने का आरोप लगाया था।
मनीष ने बताया कि यह नौकरी दिलाने के लिए रेलवे गार्ड राजेंद्र नामक एजेंट के माध्यम से 15 लाख रुपये का सौदा हुआ था। यह रकम उन्होंने अपनी कृषि भूमि गिरवी रखकर जुटाई थी। दुर्भाग्य से, नौकरी मिलने के महज पांच महीने बाद ही आशा ने मनीष को छोड़ दिया। रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने अपने पति को “बेरोजगार” बताते हुए उनके साथ रहने से इनकार कर दिया। व्यक्तिगत और आर्थिक रूप से ठगा हुआ महसूस करते हुए, मनीष ने इस धोखाधड़ी की शिकायत अधिकारियों से की। मनीष की शिकायत पर पश्चिम मध्य रेलवे (WCR) के सतर्कता विभाग ने जांच शुरू की, जो अंततः केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) तक पहुंची। एफआईआर में दिल्ली पुलिस कांस्टेबल लक्ष्मी मीणा, रेलवे पॉइंटवुमन आशा मीणा (मनीष की पत्नी) और कुछ अज्ञात रेलवे अधिकारियों के नाम दर्ज किए गए हैं। प्रारंभिक जांच में पता चला है कि आशा ही अकेली नहीं थी, बल्कि कई अन्य उम्मीदवार भी इसी तरह फर्जी तरीके से नौकरी हासिल कर चुके हो सकते हैं।
मनीष ने बताया कि बीते आठ महीनों में उन्होंने विशेष ऑपरेशन ग्रुप (SOG), रेलवे अधिकारी और रेलवे मंत्रालय से भी संपर्क किया था। हाल ही में मनीष को जानकारी मिली कि उनकी पत्नी आशा मीणा और रेलवे गार्ड राजेंद्र को निलंबित कर दिया गया है, लेकिन जबलपुर के वरिष्ठ अधिकारियों के खिलाफ अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है, जो इस घोटाले में शामिल हो सकते हैं। रेलवे परीक्षाओं में उम्मीदवारों की जगह परीक्षा देने के आरोपों का सामना कर रहीं लक्ष्मी मीणा की भूमिका की भी सीबीआई जांच कर रही है। मनीष की शिकायत के अनुसार, लक्ष्मी ने आशा मीणा और एक अन्य उम्मीदवार सपना मीणा के लिए अलग-अलग परीक्षाओं में डमी उम्मीदवार बनकर परीक्षा दी थी। उन्होंने केवल लिखित परीक्षा ही पास नहीं की, बल्कि शारीरिक परीक्षा और दस्तावेज़ सत्यापन की प्रक्रिया भी पूरी की। लक्ष्मी की मदद से आशा पॉइंटवुमन बनीं, जबकि सपना WCR में सहायक के रूप में नियुक्त हुईं। अलवर जिले के चंदूपुरा गांव की रहने वाली लक्ष्मी 30 अगस्त 2022 को आशा मीणा की जगह क्षेत्रीय रेलवे भर्ती बोर्ड (RRRB) द्वारा आयोजित ग्रेड-4 की परीक्षा में शामिल हुई थीं, ऐसा दस्तावेजों से स्पष्ट हुआ है।
यह व्यापक भर्ती घोटाले का बड़ा उदाहरण माना जा रहा है, जिसमें रेलवे अधिकारियों और बिचौलियों की मिलीभगत उजागर हुई है। इस घोटाले के सिलसिले में अब तक कुछ निचले स्तर के कर्मचारियों को निलंबित कर दिया गया है, लेकिन जबलपुर के वरिष्ठ अधिकारी - जिन पर इस घोटाले को संरक्षण देने का आरोप है - अब तक किसी भी जिम्मेदारी से बचते रहे हैं। सूत्रों के अनुसार, सीबीआई इस मामले में और एफआईआर दर्ज कर सकती है।