ग्रामीण विकास से आर्थिक विकास

Aug 2, 2024 - 08:40
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ग्रामीण विकास से आर्थिक विकास विजय गर्ग

भारत की आत्मा उसके गांवों में बसती है। सदियों से ग्रामीण क्षेत्रों ने हमारे देश की सांस्कृतिक विरासत, प्राकृतिक संपदा और कड़ी मेहनत करने वाले लोगों को पोषित किया है, लेकिन आज ग्रामीण भारत कई चुनौतियों का सामना कर रहा है। ग्रामीण गरीबी, ग्रामीण विकास में सबसे बड़ी बाधा है।

ग्रामीण क्षेत्रों में आय, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच में असमानताएं हैं। सड़कों, बिजली, और सिंचाई जैसी बुनियादी सुविधाओं की कमी है। अपर्याप्त बुनियादी ढांचा, कम रोजगार के अवसर, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवा तक सीमित पहुंच आदि कई समस्याएं ग्रामीण जीवन स्तर को प्रभावित करती हैं। रोजगार और बेहतर जीवन स्तर की तलाश में ग्रामीण युवा शहरों की ओर पलायन कर रहे हैं।

इन चुनौतियों का समाधान करना और ग्रामीण भारत को को समृद्ध बनाना एक महत्त्वपूर्ण कार्य है। यह केवल सरकार द्वारा नहीं किया जा सकता, बल्कि ग्रामीण समुदायों, गैर- सरकारी संगठनों और निजी क्षेत्र को भी मिलकर इसके लिए प्रयास करने होंगे। दरअसल, ग्रामीण विकास, ग्रामीण क्षेत्रों में जीवन स्तर को बेहतर बनाने की एक बहुआयामी प्रक्रिया है, जिसमें गांवों का आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक विकास शामिल है। आ‍ि आर्थिक विकास के अंतर्गत, रोजगार अवसरों में वृद्धि, कृषि उत्पादकता में सुधार और ग्रामीण उद्यमों को बढ़ावा आदि प्रक्रियाएं शामिल हैं।

सामाजिक विकास के अंतर्गत, शिक्षा, स्वास्थ्य, स्वच्छता और बुनियादी ढांचे तक पहुंच में सुधार करना और राजनीतिक विकास के अंतर्गत ग्रामीण समुदायों को सशक्त बनाना तथा उन्हें निर्णय लेने की प्रक्रिया में शामिल करना आदि है। ग्रामीण विकास दरअसल ग्रामीण गरीबी को कम करने और जीवन स्तर को बेहतर बनाने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है। ग्रामीण क्षेत्र, राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था में महत्त्वपूर्ण योगदान करते हैं। कृषि, ग्रामीण उद्योग और गैर-कृषि रोजगार देश के सकल घरेलू उत्पाद । (जीडीपी) में महत्त्वपूर्ण हिस्सा रखते हैं।

ग्रामीण विकास, सभी के लिए समान अवसर सुनिश्चित करने और सामाजिक न्याय को बढ़ावा देने में मदद करता है। ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करके, यानी कृषि, ग्रामीण उद्योग और गैर-कृषि रोजगार के अवसरों को बढ़ावा देकर, सामाजिक सेवाओं में करके पानी रक्षा, स्वास्थ्य को ताकत, सीसी सेवाओं तक पहुंच बना कर, बुनियादी ढांचे यानी ग्रामीण क्षेत्राम बिजली और सिंचाई जैसी बुनियादी सुविधाओं का विकास करके, विकास के माध्यम से ग्रामीण युवाओं सशक्त बनाकर तथा ग्रामीण विकास योजनाओं और कार्यक्रमों को बनाने और लागू करने में ग्रामीण समुदायों को शामिल करके, ग्रामीण विकास को गति देने महत्त्वपूर्ण प्रयास किए जा सकते हैं।

ग्रामीण विकास योजनाओं और कार्यक्रमों की सफलता के लिए स्थानीय समुदायों का सक्रिय योगदान महत्त्वपूर्ण है। जब लोग योजनाओं को बनाने और लागू करने में भाग लेते हैं, तो वे उनमें अधिक स्वामित्व की भावना रखते हैं, जिसके परिणामस्वरूप बेहतर कार्यान्वयन होता है। ग्रामीण समुदायों को निर्णय लेने की प्रक्रिया में शामिल करने से उनका सशक्तीकरण और सामाजिक पूंजी का निर्माण होता है। ग्रामीण समुदायों को योजनाओं और कार्यक्रमों का प्रबंधन करने के लिए आवश्यक कौशल और ज्ञान प्रदान करना चाहिए। गांव के लोगों को उपलब्ध योजनाओं और कार्यक्रमों के बारे में जागरूक करना आवश्यक है।

सड़कें ग्रामीण विकास में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं, क्योंकि वे बेहतर बाजार तक पहुंच प्रदान करती हैं, जिससे किसानों और व्यवसायों को अपनी उपज और उत्पादों को बेचने में आसानी होती है। इससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था में वृद्धि होती और रोजगार के अवसर पैदा होते हैं। कृषि गतिविधियों, लघु उद्योगों और घरेलू उपयोग को बढ़ावा मिले, इसके लिए निर्बाध बिजली आपूर्ति स्थापित करनी होगी।

कृषि उत्पादकता और किसानों की आय में वृद्धि हो, इसके लिए स्वच्छ पेयजल और सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी की उपलब्धता सुनिश्चित करनी होगी। शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा और व्यापार के अवसरों तक पहुंच में सुधार करने के लिए, 'ब्राडबैंड इंटरनेट कनेक्टिविटी' प्रदान करना आवश्यक है। उपज के भंडारण के लिए बेहतर सुविधाएं प्रदान की जाएं, जिससे फसल नुकसान को कम करने और किसानों को बेहतर मूल्य प्राप्त करने में मदद मिले।

युवाओं को आवश्यक कौशल प्रदान करने के के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जाने चाहिए, जिससे उन्हें बेहतर आजीविका के अवसर प्राप्त सकें। युवाओं के बेहतर भविष्य के लिए प्राथमिक, माध्यमिक और उच्च शिक्षा सहित गुणवत्तापूर्ण शिक्षा तक पहुंच सुनिश्चित करना जरूरी है। ग्रामीण क्षेत्रों में प्राथमिक चिकित्सा सुविधाओं का विकास भी आवश्यक है, ताकि लोगों को बेहतर स्वास्थ्य और जीवन स्तर प्राप्त हो सके। ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए, ग्रामीण क्षेत्रों की प्राकृतिक सुंदरता और सांस्कृतिक विरासत को उजागर करने की पहल की जानी चाहिए।

स्थानीय कारीगरों और कलाकारों को बढ़ावा दिया जाए, जिससे उन्हें अपनी कला और शिल्प बेचने के अवसर मिल सके। वनों की कटाई रोकने और वनीकरण कार्यक्रमों के माध्यम से वन क्षेत्रों का विस्तार करने के लिए कदम उठाए जाने चाहिए। जल प्रदूषण को रोकने के लिए कड़े उपाय करना तथा वर्षा जल संचयन और सूक्ष्म सिंचाई जैसी तकनीकों को बढ़ावा देकर पानी की कमी को दूर करना जरूरी है। ग्रामीणों को कंप्यूटर और इंटरनेट का उपयोग करने के लिए प्रशिक्षित करना भी जरूरी है, ताकि उन्हें आनलाइन सेवाओं और सूचना तक पहुंच प्रदान की सके।

गांवों के विकास के लिए ग्रामीण महिलाओं का सशक्तीकरण और आत्मनिर्भर होना बहुत जरूरी है। ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार और आय के अवसरों को बढ़ाकर ग्रामीणों पलायन करने से रोकना होगा। जा योजनाओं आयोजित करने होंगे ग्रामीण क्षेत्रों और वहां के लोगों की विशिष्ट आवश्यकताओं के अनुसार को तैयार और क्रियान्वित किया जाना चाहिए। प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा अनिवार्य बनाने और बेटियों को उच्च शिक्षा के लिए प्रोत्साहित करने के लिए नीतियां बनानी होंगी।

महिलाओं को उनके अधिकारों, स्वास्थ्य, स्वच्छता और वित्तीय प्रबंधन के बारे में जागरूक बनाने लिए कार्यक्रम लैंगिक समानता और महिला सशक्तीकरण पर जागरूकता अभियान चलाने तथा लैंगिक रूढ़ियों को तोड़ने और महिलाओं के के प्रति सम्मान को बढ़ावा के लिए सामाजिक परिवर्तन लाने की आवश्यकता है। महिलाओं को लघु हस्तशिल्प जैसे क्षेत्रों में स्वरोजगार उद्योग, कृषि, पशुपालन और हस्तशिल्प र स्थापित करने के लिए ऋण, सबसिडी और प्रशिक्षण प्रदान करना चाहिए। महिलाओं स्वामित्व वाले व्यवसायों को बढ़ावा देने के लिए, महिला उद्यमियों को बाजार तक पहुंच, क्रेडिट सुविधाओं और सरकारी अनुबंधों में प्राथमिकता प्रदान करनी होगी तथा महिलाओं को रोजगार के लिए आवश्यक कौशल प्रदान करने के लिए व्यावसायिक प्रशिक्षण केंद्रों की स्थापना करनी चाहिए।

ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं को स्वच्छ जल और स्वच्छता सुविधाओं पहुंच प्रदान करना जरूरी है। ग्रामीण महिलाओं के सामने आने वाली विशिष्ट चुनौतियों को दूर करने के लिए लक्षित नीतियां और कार्यक्रम विकसित करना आवश्यक है। भारत सरकार ग्रामीण क्षेत्रों और वहां के लोगों के जीवन स्तर को बेहतर बनाने के लिए अनेक योजनाएं चला रही है। इन योजनाओं का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे में सुधार करना, रोजगार के अवसर पैदा करना, किसानों को सशक्त बनाना तथा गरीबी और असमानता को कम करना है, लेकिन अभी भी बहुत काम करना बाकी है। विजय गर्ग सेवानिवृत्त प्रधानाचार्य शैक्षिक स्तंभकार मलोट