मां का पहला पीला गाढ़ा दूध बच्चे के लिए अमृत समान 

Aug 6, 2023 - 10:37
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मां का पहला पीला गाढ़ा दूध बच्चे के लिए अमृत समान 
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मां का पहला पीला गाढ़ा दूध बच्चे के लिए अमृत समान   

स्तनपान बच्चे का मौलिक अधिकार, मां का दूध बढ़ाता है रोग प्रतिरोधक क्षमता : डॉ. मर्यादा   

छह माह तक बच्चों को केवल स्तनपान कराएं शहद, पानी घुट्टी कुछ न दें     

कासगंज । मां का दूध शिशु के लिए सर्वोत्तम आहार एवं हर शिशु का मौलिक अधिकार है। यह शिशु के शारीरिक और मानसिक विकास के लिए अत्यंत आवश्यक है। मां का दूध शिशु को डायरिया, निमोनिया और कुपोषण से बचाता है।

यह बात जिला अस्पताल की महिला रोग विशेषज्ञ डॉ. मर्यादा ने कही। उन्होंने कहा कि माँ का दूध नवज़ात बच्चों के लिए एक ऐसा पहला टीका है, जिससे बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होती है। इसलिए बच्चों को मां स्तनपान अवश्य कराएं। माँ का पहला पीला गाढ़ा  दूध (कोलोस्ट्रम ) अमृत के सामान होता है। बच्चों को छह माह तक केवल  स्तनपान ही कराना चाहिए।

सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र अशोकनगर पर तैनात मेडिकल ऑफिसर डॉ. मारुती  ने बताया कि जन्म के शुरुआती छह महीने तक शिशु को केवल स्तनपान कराएं, ऊपरी आहार पानी शहद घुट्टी आदि कुछ भी न दें। माँ के दूध में सभी पोषक तत्व मौजूद होते हैं, जो उनके शारीरिक और मानसिक विकास के लिए आवश्यक हैं।  उन्होंने बताया कि मौसमी बदलाव में यदि मां बुखार, खांसी या आईफ़्लू आदि की चपेट में है तो वह बच्चे को पूरी सावधानी के साथ स्तनपान कराएं।

ऐसी स्थिति में बच्चे को स्तनपान कराते वक्त मां को चश्मा लगाना चाहिए। खांसते और छींकते समय अपने मुंह को रुमाल या टिश्यू से ढकें। बच्चे को अपना दूध पिलाने से पहले और बाद में अपने हाथों को साबुन और पानी से अच्छी तरह धोएं। किसी भी सतह को छूने से पहले उसे साबुन से अच्छी तरह से साफ कर लें, जिससे बच्चे को संक्रमण होने का खतरा न रहे।  मोहल्ला सिटी निवासी 25 वर्षीय रिंकी बताती हैं कि उनका बच्चा रिश्व  जन्म से ही बहुत कमज़ोर था। उस समय आशा बहनजी संगमित्रा ने उन्हें छह माह तक केवल स्तनपान कराने को कहा था।

वह अपने बच्चे को चार माह से केवल स्तनपान ही करा रही हैं। आशा बहनजी की सलाह के अनुसार वह अपने बच्चे को छह माह तक स्तनपान ही कराएंगी, जिससे उनका बच्चा स्वस्थ्य रहे और रोगों से लड़ने की क्षमता बनी रहे। मां का दूध पीकर वह पहले से काफी स्वस्थ है। वहीं दूसरी ओर मोहल्ला सिटी की 28 वर्षीय प्रीति बताया- उनके तीन बच्चे हैं, उन्होंने अपने दो बच्चों को सिर्फ अपना ही दूध पिलाया है, उनका सबसे छोटा बेटा डेढ़ माह का है, जिसे वह केवल स्तनपान कराती हैं और छह माह तक केवल स्तनपान ही कराएंगी। आशा कार्यकर्ता ने उन्हें स्तनपान के बारे में पहली बार गर्भवती होने पर समझाया था।

लेकिन अपने बड़े बेटे आयुष को लगभग तीन माह तक स्तनपान कराया। तीन माह के बाद गर्मी ज़्यादा होने पर उन्होंने अपने बच्चे को पानी देना शुरू कर दिया, जिससे उनका बेटा आयुष बीमार हो गया, और दस्त होने लगे। बाल रोग विशेषज्ञ को दिखाया तो उन्होंने समझाया कि बच्चे को केवल स्तनपान ही कराना है इसके अलावा ऊपर से कुछ नहीं यहां तक कि पानी भी नहीं।

उन्होंने समझाया मां के दूध में पानी और वह सभी पोषक तत्व होते हैं जो बच्चे के विकास और बीमारियों को दूर रखने के लिए जरूरी होते हैं। अब आयुष छह वर्ष का हो गया और बिल्कुल स्वस्थ है। उसके बाद उन्होंने अपने  दूसरे बेटे मयंक को छह माह तक केवल स्तनपान ही कराया। केवल स्तनपान कराने से उनके दोनों बेटे स्वस्थ हैं।