डिप्लोमा इंजीनियर्स संघ लोक निर्माण विभाग, उ0प्र0
लखनऊ। डिप्लोमा इंजीनियर्स संघ लोक निर्माण विभाग,
उ0प्र0 जीवन के विविध रंगो का आयाम होली: विभागाध्यक्ष शंकुन्तला है बाग में, ठेका पर दुष्यंत:लटूरी लट्ठ लखनऊ 5 अप्रैल। डिप्लोमा इंजीनियर्स संघ लोक निर्माण विभाग का होली मिलन समारोह के मुख्य अतिथि लोक निर्माण विभाग के प्रमुख अभियंता विकास एवं विभागाध्यक्ष इं. वी.के. श्रीवास्तव ने कहा कि जीवन के विविध रंगो का आयाम होली पर्व है।
पदवार जिम्मेदारी छोटे से लेकर बड़े तक की तय होनी चाहिए, समस्या है तो उसका समाधान है। आप समस्या ओर सुझाव दिल खोलकर मेरे सामने रखियें। मेरे स्तर पर कभी भी निराषा हाथ नही लगेगी। हम सबकों मिलकर काम करना होगा। प्रदेष के मुख्यमंत्री जी के लक्ष्यों को प्राथमिकता के आधार पर निस्तारण कर प्रदेष के विकास में चार चांद लगाने में हमारी भूमिका सबसे अलग होनी चाहिए।
समारोह के दौरान अतिथिगणों को स्मृति चिन्ह प्रदान कर सम्मानित किया गया। इसके उपरान्त उनके द्वारा एकता सूत्र टाईटल विषेषांक का विमोचन किया गया। लाटरी द्वारा पुरस्कार वितरण समारोह में कई इंजीनियर्स को लाली लिपिस्टीक तो कई को बेलन आदि इनाम दिया गया। कार्यक्रम को अतिथि तकनीकी सलाहकार इ.विजय सिंह ने सम्बोधित करते हुए कहा कि मै कई अवसरों पर आपके संगठन के कार्यक्रम में शामिल हो चुका हूॅ।
आपके द्वारा किये जाने वाले आयोजन हर संगठन के लिए मार्गदर्षक साबित होते है। प्रमुख अभियंता ग्रामीण संड़क इं. अशोक अग्रवाल ने कहा कि लम्बे समय से विभाग में सेवा के दौरान डिप्लोमा इंजीनियर्स संघ के विविध आयोजनों को अच्छी तरह से देखा है, संघ की बेहतर पहल और उच्च विचार के कारण ही यह संघ प्रदेश की कर्मचारी समाज में अपना अलग स्थान रखता है। राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के अध्यक्ष हरिकिशोर तिवारी ने कहा कि मैने जो शुरूआते की थी उस परम्परा को आगे बढ़ाने में वर्तमान पदाधिकारियों की भूमिका के लिए उन्हें साधुवाद दूंगा।
संघ की एकता बनाए रखने में इस तरह के आयोजन महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है। संघ के प्रदेष अध्यक्ष इं. एन.डी. द्धिवेदी ने कहा कि होली मिलन समारोह के बहाने हमारी आपकी एक मुलाकात हो जाती है। किसी के मन में अगर कोई मतभेद होता है तो आपस में गले मिलकर दूर कर लिया जाता है। डिप्लोमा इंजीनियर्स महासंघ के अध्यक्ष एच.एन मिश्रा ने कहा कि परम्परा का निर्वाहन हमें समाज से जोड़ता है।
जबकि देष और प्रदेष की सेवा हमें अपने गौरव का अनुभव कराती है। इस तरह के आयोजन हर संवर्ग को करना चाहिए। कार्यक्रम को मुख्य अभियंता विद्युत यांत्रिक इं. यू.के.सिहं एवं अधीक्षण अभियंता इं. आर.एम. श्रीवास्तव ने सम्बोधित किया। कार्यक्रम का संचालन राजर्षि त्रिपाठी ने किया। अखिल भारतीय हास्य कवि सम्मेलन में लटूरी लट्ठकी शुरूआत करते हुए कहा कि ‘‘ प्रेम संदेशा हाथ लें, आगंन खड़ा बसंत। शकुन्तला है बाग में, ठेका पर दुष्यंत।।
हास्य काव्य पाठ को आगे बढ़ाते हुए हास्य कवियत्री प्रीति त्रिपाठी ने कहा कि ‘‘ जरा सा मुस्कुरा दो तुम, तो मेरी शाम बन जाए। कदम रख दो तो मेरा आशिया भी धाम बन जाए।। सिया के राम,मोहन, राधिका जैसा परमपावन तुम्हारे नाम से जुड़कर ये मेरा नाम बन जाए।। आगरा से आए कवि मोहित सक्सेना से पढ़ा कि ‘‘ मॉ भारती के माल पर, जब कील गाड़ी जा रही हो। कुरूसभा में रोज पॉचाली उघाड़ी जा रही हो, तो कहों दुस्साशनों का बदन फॉड़े क्यो नही, सिघाणी के पुत्र है तो हम दहाड़े क्यो नही।। सीतापुर से जगजीवन मिश्र ने पढ़ा कि प्रेम को मदभरी एक नजर चाहिए। मन का रूख मोड़ दे वह असर चाहिए। प्रेम में मरमिटे जाने कितने यहॉ, प्रेम करना है तो फिर जिगर चाहिए।।
इटावा के रोहित चौधरी ने पढ़ा कि महक रहा कण कण धरती का,पवन चली सुखदाई है। प्रभु राम के राजतिलक की पावन बेला आई है। समारोह में संघ के महामंत्री प्रकाषचंद, वरिष्ठ उपाध्यक्ष श्रवण कुमार, चेयरमैन संघर्ष समिति सतेन्द्र त्रिपाठी, इं. राजेश वर्मा, इं विनोद गौतम, इं. वीके. पाण्डेय, इं. सुनील पाण्डेय, इं. के.के. गौतम, इं. ए.के.मिश्रा, इं. दिवाकर राय, इं. भार्गेवेन्दू मिश्रा, महासंघ के इं. जी.एन.सिंह, के अलावा सहयोगी संगठनों के इं. एस.डी. द्विवेदी,
ई. श्रीप्रकाष गुप्ता, इं. दिवाकर गौतम, इं. जयप्रकाश, इं. राजीव श्रीवास्तव, परिषद के महामंत्री शिवबरन सिंह यादव, डा. नरेश, अविनाशचन्द्र श्रीवास्तव, धर्मेन्द्र सिंह,सुभाष चन्द्र तिवारी, श्रीमती रीता गंगवार, शशि किरन, लोक निर्माण विभाग भारत सिंह यादव, रामराज दुबे, हरिकेश यादव, षिवकुमार यादव, सुभाषचंद मिश्रा, वीरेन्द्र यादव, ओमप्रकाष पटेल, सुनील कुमार यादव आदि उपस्थित रहे।। मनोज कुमार श्रीवास्तव (मीडिया प्रभारी)
लखनऊ से अशोक कुमार कनौजिया