स्टेशन मास्टर ने महिला लोको पायलट की जिंदगी खराब करदी, पुलिस ने ढूंढा राज
रेलवे स्टेशनों पर मेल-मुलाकातों का दौर कब प्यार में बदला, उसे भी पता नहीं चला। धीरे-धीरे रिश्ते की सच्चाई सामने आने लगी। प्यार में धोखा भी सामने आया।
स्टेशन मास्टर के प्यार में पड़ी महिला लोको पायलट को अंदाजा भी नहीं था कि वह जिसे चाहती है, वह पहले से शादीशुदा है। राज खुलने के बाद दोनों के बीच दूरी बन गई। महिला को इतना प्रताड़ित किया गया कि उसने आखिर मौत को गले लगा लिया। मामला शहडोल जिले के कोतवाली थाना क्षेत्र का है।
किरण टॉकीज के पास किराये के मकान मे रहने वाली शहडोल में पदस्थ महिला लोको पायलट आरती, उम्र 33 वर्ष, की आत्महत्या के मामले में पुलिस ने चार दिन बाद स्टेशन मास्टर आशाराम मीणा के खिलाफ केस दर्ज किया है। आत्महत्या के लिए उकसाने समेत अन्य धाराएं लगाई गई हैं। मीणा इस समय रतलाम डिविजन मे स्टेशन मास्टर है।
शहडोल-कटनी रेल खंड के बीच आते-जाते दोनों की मुलाक़ात हुई थी। फिर यह मुलाक़ातें प्रेम मे बदल गई। प्रेमी स्टेशन मास्टर ने विवाहित होते हुए भी झूठ बोला। महिला लोको पायलट को अपने जाल मे फंसाया। यह राज खुलने के बाद दोनों में दरार पैदा हो गई। दोनों मे बातचीत बंद हुईं और फिर आहत प्रेमिका ने प्रताड़ना से तंग आकर मौत को गले लगा लिया।
चार दिन पहले आरती, उम्र 33 वर्ष, के घर का दरवाजा बंद था। काफी देर तक दरवाजा न खुलने से पड़ोसियों को शंका हुई। काफी आवाज देने के बाद भी जब आरती ने दरवाजा नहीं खोला तो लोगों ने मामले की जानकारी कोतवाली थाना पुलिस को दी। पुलिस मौके पर पहुंची।
घर का दरवाजा तोड़कर अंदर देखा तो उसका शव फांसी के फंदे पर झूल रहा था। परिजनों ने आत्महत्या के लिए रतलाम में पदस्थ स्टेशन मास्टर आशाराम मीणा को दोषी ठहराया। परिजनों के अनुसार उक्त स्टेशन मास्टर पूर्व में उमरिया जिले के पाली स्टेशन में पदस्थ था। इस दौरान आरती और उसके बीच जान-पहचान हुई।
दोनों में प्रेम प्रसंग हो गया था। परिजनों ने आरोप लगाया कि आरोपी स्टेशन मास्टर ने विवाहित होने के बावजूद, यह बात आरती से छिपाई थी। जब आरती को उसके शादीशुदा होने की जानकारी लगी तो उसने मीणा से बात करना बंद कर दिया था। वह उसे मानसिक रूप से प्रताड़ित करने लगा था। इसी कारण उसने यह आत्मघाती कदम उठाया हैं।