चुनाव आयोग ने पार्टियों को दिए चन्दे, इलेक्टोरल बॉन्ड से जुड़े नए आंकड़े किए जारी
चुनाव आयोग ने इलेक्टोरल बॉन्ड को लेकर रविवार को कुछ नई जानकारियां शेयर कीं। ईसी ने अपनी वेबसाइट पर चुनावी बॉन्ड से जुड़ा नया डेटा जारी कर दिया, जो व्यक्तियों की ओर से खरीदे गए और राजनीतिक दलों द्वारा भुनाए गए हैं।
यह डेटा आयोग ने सीलबंद लिफाफे में सुप्रीम कोर्ट को सौंपा था। न्यायालय ने बाद में आयोग से यह डेटा सार्वजनिक करने के लिए कहा था। माना जा रहा है कि ये डिटेल 12 अप्रैल, 2019 से पहले की अवधि से संबंधित हैं। निर्वाचन आयोग के आंकड़ों के अनुसार, देश के विभिन्न राजनीतिक दलों को इलेक्टोरल बॉन्ड के तौर पर इतनी राशि मिली...
- भाजपा ने कुल 6,986.5 करोड़ रुपये के चुनावी बॉन्ड भुनाए, पार्टी को 2019-20 में सबसे ज्यादा 2,555 करोड़ रुपये मिले। - कांग्रेस ने चुनावी बॉन्ड के जरिए कुल 1,334.35 करोड़ रुपये भुनाए। - बीजद ने 944.5 करोड़ रुपये, वाईएसआर कांग्रेस ने 442.8 करोड़ रुपये, तेदेपा ने 181.35 करोड़ रुपये के चुनावी बॉन्ड भुनाए।
- चुनावी बॉन्ड के माध्यम से तृणमूल कांग्रेस को 1,397 करोड़ रुपये मिले। - बीआरएस ने 1,322 करोड़ रुपये के चुनावी बॉन्ड भुनाए। - द्रमुक को चुनावी बॉन्ड के माध्यम से 656.5 करोड़ रुपये मिले, जिसमें सैंटियागो मार्टिन की अगुवाई वाली फ्यूचर गेमिंग से प्राप्त 509 करोड़ रुपये भी शामिल हैं।
- सपा को चुनावी बॉन्ड के जरिए 14.05 करोड़ रुपये, अकाली दल को 7.26 करोड़ रुपये, अन्नाद्रमुक को 6.05 करोड़ रुपये, नेशनल कॉन्फ्रेंस को 50 लाख रुपये मिले। चुनाव आयोग ने कहा, 'राजनीतिक दलों से प्राप्त डेटा सीलबंद लिफाफे में सुप्रीम कोर्ट में जमा किया गया था।
- 15 मार्च, 2024 के एससी के आदेश पर अमल करते हुए न्यायालय की रजिस्ट्री ने सीलबंद लिफाफे में एक पेन ड्राइव में डिजिटल रिकॉर्ड के साथ कॉपियां वापस कर दीं। आयोग ने आज चुनावी बॉन्ड को लेकर SC की रजिस्ट्री से डिजिटल रूप में प्राप्त डेटा को अपनी वेबसाइट पर अपलोड कर दिया है।' इससे पहले गुरुवार को निर्वाचन आयोग ने इलेक्टोरल बॉन्ड से संबंधित ब्योरा अपनी वेबसाइट पर डाला था।
- एससी ने 15 फरवरी को अपने ऐतिहासिक फैसले में चुनावी बॉन्ड योजना को असंवैधानिक बताते हुए रद्द कर दिया था। चुनावी बॉन्ड योजना 2 जनवरी, 2018 को शुरू की गई थी। इस बॉन्ड की पहली बिक्री मार्च 2018 में हुई थी। बीते गुरुवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक, इलेक्टोरल बॉन्ड को खरीदने वाली प्रमुख कंपनियों का ब्योरा इस प्रकार है... - फ्यूचर गेमिंग और होटल सर्विसेज - 1,368 करोड़ रुपये
- - मेघा इंजीनियरिंग एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड - 966 करोड़ रुपये - क्विक सप्लाई चेन प्राइवेट लिमिटेड - 410 करोड़ रुपये - वेदांता लिमिटेड - 400 करोड़ रुपये - हल्दिया एनर्जी लिमिटेड - 377 करोड़ रुपये - भारती ग्रुप - 247 करोड़ रुपये - एस्सेल माइनिंग एंड इंडस्ट्रीज लिमिटेड - 224 करोड़ रुपये - वेस्टर्न यूपी पावर ट्रांसमिशन - 220 करोड़ रुपये - केवेंटर फूडपार्क इन्फ्रा लिमिटेड - 194 करोड़ रुपये - मदनलाल लिमिटेड - 185 करोड़ रुपये - डीएलएफ ग्रुप
- - 170 करोड़ रुपये - यशोदा सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल - 162 करोड़ रुपये - उत्कल एल्यूमिना इंटरनेशनल - 145.3 करोड़ रुपये - जिंदल स्टील एंड पावर लिमिटेड - 123 करोड़ रुपये - बिड़ला कार्बन इंडिया - 105 करोड़ रुपये - रूंगटा संस - 100 करोड़ रुपये - डॉ रेड्डीज - 80 करोड़ रुपये - पीरामल एंटरप्राइजेज ग्रुप - 60 करोड़ रुपये - नवयुग इंजीनियरिंग - 55 करोड़ रुपये