1 जुलाई से लागू होंगे नए आपराधिक कानून, IPC की जगह लेंगे ये अधिनियम; गृह मंत्रालय

Feb 25, 2024 - 09:54
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1 जुलाई से लागू होंगे नए आपराधिक कानून, IPC की जगह लेंगे ये अधिनियम; गृह मंत्रालय
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Delhi News: नए आपराधिक कानूनों को लेकर गृह मंत्रालय की तरफ से नोटिफिकेशन जारी कर दिया गया है।

इसके अनुसार, भारतीय साक्ष्य अधिनियम 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 और भारतीय न्याय संहिता 2023 1 जुलाई, 2024 से लागू होंगी। हत्या के लिए लगाई जाने वाली धारा अब 101 नए कानूनों के अंतर्गत हत्या के लिए लगाई जाने वाली धारा पहले IPC 302 के अंतर्गत आती थी, जो अब 101 कहलाएगी।

 इसके अलावा धोखेबाजी की धारा 420 अब 316 होगी, हत्या के लिए प्रयास की धारा 307 की जगह 109 होगी और रेप के लिए धारा 376 अब धारा 63 होगी। नए आपराधिक कानून में क्या-क्या? नाबालिग से रेप की सजा- उम्रकैद या फांसी गैंपरेप के दोषी की सजा- 20 साल या आजीवन कारावास मॉब लिंचिंग के लिए सजा- फांसी किसी की गिरफ्तारी पर उसके परिवार को जानकारी देना अनिवार्य होगा। 90 दिनों में केस पर क्या-क्या कार्रवाई की गई, विक्टिम को इसकी जानकारी दी जाएगी।

90 दिनों के अंदर कोर्ट में पेश न होने पर आरोपी की गैरमौजूदगी में ट्रायल चलेगा। 3 साल में कोर्ट को अपना फैसला सुनाना अनिवार्य होगा। फैसले के 7 दिन के अंदर ही कोर्ट का फैसला सुनाना होगा।

दया की याचिका दायर करने का अधिकार केवल दोषी का होगा। NGO या कोई अन्य संस्थान याचिका दाखिल नहीं कर पाएगा। आपको बता दें कि ये कानून औपनिवेशिक युग के भारतीय दंड संहिता, दंड प्रक्रिया संहिता और 1872 के भारतीय साक्ष्य अधिनियम की जगह लेंगे।

तीनों कानूनों का उद्देश्य विभिन्न अपराधों को परिभाषित करके उनके लिए सजा तय करके देश में आपराधिक न्याय प्रणाली को पूरी तरह से बदलना है। वहीं, सरकार ने वाहन चालक द्वारा हिट एंड रन के मामलों से संबंधित प्रावधान को लागू नहीं करने का निर्णय लिया है, जैसा कि ट्रक चालकों से वादा किया गया था।

ट्रक चालकों ने इन प्रावधानों का विरोध किया था। एक अधिसूचना में कहा गया, ''भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 1 की उपधारा (2) द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए, केंद्र सरकार एक जुलाई, 2024 को उस तारीख के रूप में निर्दिष्ट करती है, जिस दिन धारा 106 की उपधारा (2) के प्रावधान को छोड़कर उपरोक्त संहिता के प्रावधान लागू होंगे।'' कानून के प्रावधान सामने आने के बाद ट्रक चालकों ने धारा 106 (2) के प्रावधान का विरोध किया था।

इसमें उन लोगों को 10 साल की सजा और जुर्माने का प्रावधान है, जो तेज गति और लापरवाही से वाहन चलाकर किसी व्यक्ति की मौत का कारण बनते हैं और घटना के बारे में पुलिस को सूचना दिए बिना भाग जाते हैं।