योगी सरकार ने लगाई हड़ताल पर रोक, नहीं मानने पर सीधे गिरफ्तारी

Feb 17, 2024 - 10:04
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योगी सरकार ने लगाई हड़ताल पर रोक, नहीं मानने पर सीधे गिरफ्तारी
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उत्‍तर प्रदेश की योगी सरकार ने किसान आंदोलन के बीच अगले 6 महीनों तक हड़ताल- प्रदर्शन आदि पर रोक लगा दी है।

जारी अधिसूचना में कहा गया है कि अगर कोई कर्मचारी हड़ताल या प्रदर्शन करता पाया गया तो बिना वारंट गिरफ्तारी की जाएगी। यह आदेश राज्य सरकार के अधीन सरकारी विभागों, निगम और प्राधिकरण पर लागू होगा. अपर मुख्य सचिव कार्मिक डॉ. देवेश चतुर्वेद के अधिसूचना जारी करते ही यह लागू हो गई है।

सरकार की ओर से अधिसूचना जारी कर बताया गया कि एस्मा ऐक्ट लगने के बाद कोई भी कर्मचारी हड़ताल-प्रदर्शन करता है तो एक्ट उल्लंघन के मामले में उसकी बिना वारंट गिरफ्तारी होगी. इससे पहले योगी सरकार ने 2023 में छह महीने तक के लिए हड़ताल पर रोक लगाई थी।

इधर, विभिन्न मांगों को लेकर किसान पंजाब, हरियाणा की सीमा पर डट गए हैं तो यूपी-दिल्ली बॉर्डर पर भी किसान और सुरक्षा कर्मी आमने-सामने हैं. किसान आंदोलन 2.0 के चौथे दिन शुक्रवार को हरियाणा के बॉर्डर्स पर शांति है. यहां पर किसान डटे हुए हैं और अब रविवार तक किसान दिल्ली की तरफ नहीं बढ़ेंगे।

किसान बॉर्डर पर डटे रहेंगे और आगे नहीं बढ़ेंगे हालांकि माना जा रहा है कि रविवार तक किसान बॉर्डर पर डटे रहेंगे और आगे नहीं बढ़ेंगे. क्योंकि रविवार को चंडीगढ़ में सरकार और किसानों में फिर से मीटिंग होनी है. हरियाणा के सात जिलों में इंटरनेट बैन 17 फरवरी तक बढ़ाया गया है।

किसान और केंद्रीय मंत्रियों के बीच हुई वार्ता से नए परिणाम सामने आ सकते हैं. इस सकारात्मक पहल के बाद अब दोबारा रविवार को दोनों पक्षों में बातचीत होगी. मीटिंग के बाद किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने कहा कि हम मुद्दों पर चर्चा ही ना करते रह जाएं. समाधान भी निकालना चाहिए।

दिल्‍ली समेत अन्‍य लगती सीमाओं पर चौकसी बढ़ाई सुरक्षा के मद्देनजर राजधानी दिल्‍ली समेत अन्‍य लगती सीमाओं पर चौकसी बढ़ा दी है. सुरक्षा के तगड़े इंतजाम किए गए हैं. दिल्‍ली पुलिस का कहना कि प्रदर्शनकारी किसान दिल्‍ली की सीमा के अंदर प्रवेश न कर सकें. यहां इंटरनेट पर भी पाबंदी लगी हुई है।

सरकार ने सुरक्षा को ध्‍यान में रखते हुए कई रूट बंद कर दिए हैं।इसके कारण सामान्‍य जनता को भारी दिक्‍कत का सामना करना पड़ रहा है. सरकार और उसके मंत्री किसान संगठनों और नेताओं से चर्चा कर समाधान तलाश रहे हैं।