करणी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष की मौत पर बड़ा खुलासा, कैसे की थी प्लानिंग
जयपुर : राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुखदेव सिंह गोगामेड़ी की हत्या को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है।
सुखदेव की मंगलवार दोपहर करीब 1:45 बजे दो अज्ञात बदमाशों ने अचानक गोलियां बरसाकर हत्या कर दी थी। पुलिस ने दोनों आरोपियों की पहचान भी कर ली है। एक राजस्थान के मकराना के जूसरी का रोहित राठौड़ और दूसरा हरियाणा के महेंद्रगढ़ का नितिन फौजी है।
अब यह खुलासा हो गया कि आखिर कैसे इन बदमाशों ने सुखदेव को मारने की प्लानिंग रची थी। शादी का कार्ड देने के बहाने आए थे सामने आया है कि तीन बदमाश शादी का कार्ड देने के बहाने सुखदेव के घर आए थे। तीनों ने करीब 10 मिनट तक पहले बात भी की थी। इस दौरान उन्होंने एहसास ही होने नहीं दिया कि उनकी मंशा क्या है।
फिर अचानक तीनों सुखदेव पर गोलियां बरसाने लग पड़ते हैं। इस दौरान उन्होंने 17 गोलियां दागीं। सुखदेव गोगामेड़ी के साथ-साथ उन्होंने अपने ही साथी नवीन की भी हत्या कर दी। शूटर्स ने सुखदेव गोगोमेड़ी के घर तक पहुंचने के लिए नवीन सिंह शेखावत का इस्तेमाल किया था। नवीन सिंह शेखावत काफी लंबे समय से गोगोमेड़ी का परिचित था।
नवीन का अक्सर गोगामेड़ी के घर पर था आना-जाना। इसी बात का फायदा उठाकर दोनों शूटर्स गोगामेड़ी तक पहुंचे। पहली गोली गोगामेड़ी को मारने के बाद उन्होंने दूसरी गोली नवीन को मारी। लॉरेंस बिश्नोई गैंग ने ली जिम्मेदारी हत्या की जिम्मेदारी लॉरेंस बिश्नोई गैंग ने ली है। हमलावर मुलाकात के बहाने पहुंचे थे। गैंग से जुड़े रोहित गोदारा ने फेसबुक के जरिए हत्याकांड का जिम्मा लिया है।
गैंगस्टर रोहित गोदारा का एक कथित सोशल मीडिया पोस्ट वायरल हो रहा है. इसमें उसने लिखा है, "राम राम, सभी भाइयों को मैं रोहित गोदारा कपूरीसर, गोल्डी बराड़. भाइयों आज यह जो सुखदेव गोगामेड़ी की हत्या हुई है, इसकी संपूर्ण जिम्मेदारी हम लेते हैं। यह हत्या हमने करवाई है। भाइयों मैं आपको बताना चाहता हूं कि ये हमारे दुश्मनों से मिलकर उनका सहयोग करता था।
उनको मजबूत करने का काम करता था। रही बात दुश्मनों की, तो वह अपने घर की चौखट पर अपनी अर्थी तैयार रखें। जल्दी उनसे भी मुलाकात होगी। चुनाव लड़ने के लिए मांगा था टिकट साल 2023 के विधानसभा चुनावों से पहले गोगामेड़ी ने कांग्रेस से टिकट मांगा था, जिसके बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने नवंबर में उन्हें लिखा था कि टिकट केवल एक उम्मीदवार को दिया जा सकता है और उन्हें पार्टी द्वारा घोषित आधिकारिक उम्मीदवार का समर्थन करना चाहिए।
करणी सेना के संस्थापक और संरक्षक लोकेंद्र सिंह कालवी के साथ मतभेदों के बाद गोगामेड़ी 2015 में श्री राजपूत करणी सेना से अलग हो गए और उन्होंने श्री राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना का गठन किया। इन दोनों संगठनों ने राजपूत समुदाय के संदर्भ में ऐतिहासिक तथ्यों से कथित छेड़छाड़ को लेकर फिल्म पद्मावत का विरोध किया था। और इस विरोध को पूरे देश मे देखने को मिला था।