Chhattisgarh Mizoram election : छत्तीसगढ़/मिजोरम में विधानसभा चुनाव आज, जाने किसकी चमकेगी किस्मत बॉर्डर सील
Chhattisgarh Mizoram election : 5 राज्यों के चुनावों को 2024 का सेमीफाइनल कहा जा रहा है. इसकी आज से शुरुआत हो रही है। आज मिजोरम और छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव के लिए वोटिंग होनी है. आज मिजोरम की सभी 40 सीटों और छत्तीसगढ़ की 20 सीटों पर मतदान होगा।
छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव के पहले चरण के 20 विधानसभा क्षेत्रों में से 16 विधानसभा सीट ऐसी हैं, जहां महिलाएं निर्णायक भूमिका में हैं. इन सीटों पर महिला मतदाताओं की संख्या पुरुषों की तुलना में अधिक है। आज पहले चरण में जिन 20 सीटों पर मतदान होना है, उनमें से 2018 के छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में कांग्रेस 17 सीटों पर विजयी हुई, जबकि भाजपा ने इन 20 सीटों में से केवल दो सीटें जीती थीं और एक सीट जनता पार्टी ने जीती थी।
दो चरणों में मतदान छत्तीसगढ़ के 90 सदस्यीय विधानसभा के लिए सात और 17 नवंबर को दो चरणों में मतदान होगा. पहले चरण में 20 सीटों पर तथा दूसरे चरण में 70 सीटों पर वोट डाले जाएंगे. पहले चरण की 20 सीटों पर 19,93,937 पुरुष मतदाता, 20 लाख 84 हजार 675 महिला मतदाता और 69 ट्रांसजेंडर मतदाता अपने मताधिकार का इस्तेमाल कर सकेंगे. पहले चरण में कुल 40 लाख 78 हजार 681 मतदाता हैं।
अधिकारियों ने बताया कि पहले चरण के 20 निर्वाचन क्षेत्रों में से 16 निर्वाचन क्षेत्र मोहला-मानपुर, भानुप्रतापपुर, कांकेर, केशकाल, कोंडागांव, नारायणपुर, दंतेवाड़ा, बीजापुर, कोंटा, राजनांदगांव, खुज्जी, पंडरिया, कवर्धा, बस्तर, जगदलपुर और चित्रकोट में महिला मतदाताओं की संख्या पुरुष मतदाता से अधिक हैं। कवर्धा सीट पर सबसे अधिक महिला मतदाता उन्होंने बताया कि इनमें से कवर्धा सीट पर सबसे अधिक महिला मतदाता हैं।
कवर्धा में कुल मतदाताओं की संख्या 3,31,615 है, जिनमें से 1,66,843 महिला और 1,64,770 पुरुष मतदाता हैं. जबकि ट्रांसजेंडर के दो मतदाता हैं. अधिकारियों ने बताया कि पहले चरण के शेष चार विधानसभा क्षेत्रों अंतागढ़, डोंगरगढ़, खैरागढ़ और डोंगरगांव में महिलाओं की तुलना में पुरुष मतदाता अधिक हैं. उन्होंने बताया कि पहले चरण में 25 महिलाओं समेत 223 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं।
अधिकारियों ने बताया कि पहले चरण के लिए 5304 मतदान केंद्र बनाए गए हैं. इन मतदान केंद्रों में से 200 ‘संगवारी’ मतदान केंद्र होंगे, जिनका प्रबंधन महिला कर्मचारियों द्वारा किया जाएगा. उन्होंने बताया कि 20 मतदान केंद्रों का प्रबंधन ‘दिव्यांग जन’ द्वारा किया जाएगा तथा 20 का प्रबंधन युवा कर्मचारियों द्वारा किया जाएगा। अधिकारियों ने बताया कि पहले चरण में ट्रांसजेंडर के 69 मतदाताओं में से सबसे ज्यादा जगदलपुर सीट पर 29 मतदाता, अंतागढ़ और बीजापुर में आठ-आठ, डोंगरगढ़ और नारायणपुर में चार-चार, केशकाल में तीन, कवर्धा, राजनांदगांव, कांकेर, कोंडागांव और बस्तर में दो-दो तथा चित्रकोट, दंतेवाड़ा और कोंटा में एक-एक मतदाता हैं।
रेनबो मॉडल मतदान केंद्र स्थापित डीएम प्रियंका शुक्ला ने बताया कि कांकेर जिले के अंतागढ़ विधानसभा क्षेत्र के सभी आठ ट्रांसजेंडर मतदाता विशेष रूप से तैयार किए गए ‘रेनबो’ मॉडल मतदान केंद्र पर अपना वोट डाल सकेंगे. कांकेर की जिलाधिकारी प्रियंका शुक्ला ने बताया कि अंतागढ़ सीट के तृतीय लिंग के सभी आठ मतदाता पखांजूर क्षेत्र में रहते हैं. इसीलिए पखांजूर-3 में ‘रेनबो’ मॉडल मतदान केंद्र स्थापित किया गया है।
इससे उन्हें यह महसूस कराया जा सके कि वे लोकतंत्र का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। उन्होंने इस पहल को संभवत: देश में अपनी तरह का पहला प्रयास बताया. उन्होंने बताया कि इस मतदान केंद्र पर तृतीय लिंग के चार पुलिसकर्मी भी सुरक्षा में तैनात रहेंगे। शुक्ला ने बताया कि इस मतदान केंद्र पर 887 मतदाता हैं, जिनमें 421 पुरुष, 458 महिला और तृतीय लिंग के आठ मतदाता शामिल हैं. अधिकारी ने बताया कि इस मतदान केंद्र को इंद्रधनुष के सात रंगों में रंगा गया है तथा उसी रंग में तंबू भी बनाया गया है।
60 हजार सुरक्षा जवान तैनात पुलिस के अनुसार, नक्सल प्रभावित बस्तर संभाग के खतरनाक क्षेत्रों में 600 से अधिक मतदान केंद्र, जहां आज छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के पहले दौर में मतदान होगा, सुरक्षा की तीन परतों द्वारा संरक्षित किए जाएंगे. उन्होंने बताया कि 12 विधानसभा सीटों वाले बस्तर संभाग में शांतिपूर्ण चुनाव संपन्न कराने के लिए लगभग 60,000 सुरक्षा जवानों को तैनात किया गया है, जिनमें से 40,000 केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) से और 20,000 राज्य पुलिस से हैं।
पुलिस के अनुसार, विशिष्ट नक्सल विरोधी इकाई कोबरा के सदस्यों के साथ-साथ महिला कमांडो भी सुरक्षा तंत्र का हिस्सा होंगी। उनके अनुसार, सुरक्षा कारणों से संभाग की पांच विधानसभा सीटों में 149 मतदान स्थानों को निकटतम पुलिस स्टेशन और सुरक्षा शिविरों में स्थानांतरित कर दिया गया है. नक्सली गतिविधि पर नजर रखने के लिए ड्रोन और हेलीकॉप्टर का इस्तेमाल किया जाएगा।
पुलिस के मुताबिक बम निरोधक टीम और डॉग स्क्वायड को भी बुलाया जाएगा। मैदान में प्रमुख उम्मीदवार हैं रमन सिंह (बीजेपी), भावना बोहरा (बीजेपी), लता उसेंडी (बीजेपी), गौतम उइके (बीजेपी), मोहम्मद अकबर (कांग्रेस), सावित्री मनोज मंडावी (कांग्रेस), मोहन मरकाम (कांग्रेस), विक्रम मंडावी (कांग्रेस) और कवासी लखमा (कांग्रेस). बीजेपी ने छत्तीसगढ़ के पूर्व सीएम रमन सिंह को पाटन विधानसभा क्षेत्र से मैदान में उतारा है, जहां उनका मुकाबला कांग्रेस के गिरीश देवांगन से होगा।
मिजोरम में 40 सीटों पर मतदान
मिजोरम में विधानसभा चुनाव के लिए सभी 40 सीटों पर मतदान किया जाएगा। कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच 8.57 लाख से अधिक मतदाता 174 उम्मीदवारों के चुनावी भाग्य का फैसला करेंगे। अधिकारियों ने यह जानकारी दी. मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) मधुप व्यास ने कहा कि मिजोरम के सभी 1,276 मतदान केंद्रों पर सुबह सात बजे मतदान शुरू होगा और शाम चार बजे तक जारी रहेगा।
मतगणना तीन दिसंबर को होगी। एक और अधिकारी ने कहा कि इनमें से 149 सुदूर मतदान केंद्र हैं, जबकि अंतरराज्यीय एवं अंतरराष्ट्रीय सीमा के आसपास के करीब 30 मतदान केंद्रों को संवेदनशील घोषित किया गया है. व्यास ने कहा, मिजोरम में देश में सबसे शांतिपूर्ण चुनाव कराने की परंपरा रही है. हमें उम्मीद है कि हम इसे बरकरार रखेंगे।
राज्य के सभी बॉर्डर सील उन्होंने कहा कि 40 सदस्यीय मिजोरम विधानसभा के लिए मतदान से पहले म्यांमा से लगी 510 किलोमीटर लंबी अंतरराष्ट्रीय सीमा और बांग्लादेश से लगी 318 किलोमीटर लंबी सीमा को सील कर दिया गया है. इसके अलावा असम के तीन जिलों, मणिपुर के दो और त्रिपुरा के एक जिले से लगीं अंतर-राज्यीय सीमाएं भी बंद कर दी गई हैं।
व्यास ने कहा कि ईवीएम लेकर अधिकतर मतदान कर्मी पहले ही अपने संबंधित बूथों पर पहुंच चुके हैं। उन्होंने कहा कि हमारे पास तकनीकी गड़बड़ियों से निपटने के लिए पर्याप्त अतिरिक्त ईवीएम और पर्याप्त इंजीनियर हैं। कानून व्यवस्था की स्थिति पर भी लगातार नजर रखी जा रही है. अधिकारियों ने बताया कि कम से कम तीन हजार पुलिस कर्मियों और केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों के 5400 कर्मियों को चुनावों के लिए तैनात किया गया है।
चुनावी मैदान में कुल 174 उम्मीदवार चुनाव में 18 महिलाओं समेत कुल 174 उम्मीदवार मैदान में हैं. सत्तारूढ़ मिजो नेशनल फ्रंट (एमएनएफ), मुख्य विपक्षी दल जोरम पीपुल्स मूवमेंट (जेडपीएम) और कांग्रेस ने सभी 40 सीटों पर उम्मीदवार खड़े किए हैं. भाजपा 23 और आम आदमी पार्टी (आप) 4 सीटों पर चुनाव लड़ रही हैं. 27 निर्दलीय उम्मीदवार मैदान में हैं । कुल मिलाकर, 4,39,026 महिला मतदाताओं समेत 8,57,063 मतदाता मिजोरम विधानसभा चुनाव में अपने मताधिकार के इस्तेमाल करेंगे। मणिपुर में जातीय झड़पों का असर राज्य में मुख्य मुकाबला, जिसकी लगभग सभी सीटें एसटी के लिए आरक्षित हैं, सत्तारूढ़ मिजो नेशनल फ्रंट (एमएनएफ), कांग्रेस और जोरम पीपुल्स मूवमेंट के बीच है, जिसमें भाजपा किंग मेकर के रूप में उभरने के लिए उत्सुक है।
पड़ोसी राज्य मणिपुर में जातीय झड़पों का असर चुनावों पर पड़ा है और मुख्यमंत्री जोरमथांगा के नेतृत्व वाले सत्तारूढ़ एमएनएफ को उम्मीद है कि लोग पड़ोसी राज्य से आए कुकी-जो समुदाय के कुछ सदस्यों को शरण देने के लिए पार्टी के रुख का समर्थन करेंगे। म्यांमार के कुछ जो-कुकिस ने भी राज्य में शरण ली है. पर्यवेक्षकों ने कहा कि एमएनएफ ने ‘जो एकीकरण’ को चुनावी मुद्दा बनाने की कोशिश की है. जबकि एमएनएफ केंद्र में भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन का हिस्सा है, राज्य स्तर पर दोनों दलों के बीच कोई गठबंधन नहीं है।