UP Rain : भारी बारिश-बिजली गिरने से 14 की मौत, अलर्ट से आज स्कूल बंद

UP Rain : भारी बारिश-बिजली गिरने से 14 की मौत, अलर्ट से आज स्कूल बंद

Sep 2, 2025 - 08:49
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UP Rain :  भारी बारिश-बिजली गिरने से 14  की मौत, अलर्ट से आज स्कूल बंद

उत्तर प्रदेश के कई जिलों में बीते रविवार से जारी भारी बारिश ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। बारिश से हुए हादसों में पूरे यूपी में 14 लोगों की मौत हो गई। इनमें मेरठ-मुरादाबाद में सात लोग बिजली गिरने तो प्रयागराज, बहराइच-गोंडा में बारिश जनित हादसों से सात लोगों की मौत हो गई। अलीगढ़, एटा, कासगंज, मुरादाबाद-पीलीभीत में प्रशासन ने 12वीं तक के स्कूलों में छुट्टी कर दी। मौसम विभाग ने अगले 24 घंटों के दौरान कई जिलों में भारी से अत्यधिक बारिश की चेतावनी जारी की है।

मॉनसून की ट्रफ लाइन यूपी के ऊपर है। एक पश्चिमी विक्षोभ भी सक्रिय है। 24 घंटों में कई जिलों में अत्यधिक वर्षा दर्ज की गई। फुरसतगंज(अमेठी) में 171.3 मिमी, अलीगढ़ में 153.4 मिमी और संभल में 146 मिमी हुई। बरेली, सरधना (मेरठ), पटियाली (कासगंज) और आंवला (बरेली) में भी 125 मिमी तक बारिश दर्ज की गई। अलीगढ़ में दस साल में पहली बार एक दिन में 44 मिमी बारिश हुई। लखनऊ शहर में रुक-रुक कर बारिश का सिलसिला जारी है। सोमवार की सुबह 8:30 बजे तक 53 मिलीमीटर वर्षा दर्ज की गई है। मौसम विभाग के अनुसार बारिश अगले 24 घंटे इसी तरह जारी रहने की उम्मीद है। वहीं, बारिश की वजह से दिन का तापमान 4.4 डिग्री नीचे आ गया। यह 29.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।

अलीगढ़ - शहर में 10 साल का रिकॉर्ड तोड़ते हुए सितंबर के पहले दिन 44 मिमी बारिश दर्ज की गई। रामघाट रोड पर सैकड़ों दुकानों में पानी घुस गया। सड़कों पर इतना पानी भर गया कि लोगों को नाव चलानी पड़ी। मुरादाबाद - मंडल में लगातार बारिश से चार लोगों की डूबकर मौत हो गई। जलभराव के कारण रेल यातायात भी प्रभावित हुआ, जिससे एक दर्जन से अधिक ट्रेनें देरी से चलीं। पीलीभीत और मथुरा: पीलीभीत में खेतों में पानी भरने से फसलें डूब गईं, जबकि मथुरा में झमाझम बारिश से शहर के कई इलाके तालाब में बदल गए हैं। यमुना नदी में पानी का बहाव लगातार बढ़ रहा है। सहारनपुर के हथिनीकुंड बैराज से 3.39 लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने के बाद यमुना का जलस्तर तेजी से बढ़ा, जिससे सहारनपुर और बागपत के तटवर्ती इलाकों में दहशत फैल गई।

आगरा में यमुना का जलस्तर बढ़ने से मथुरा और आगरा के लिए संकट पैदा हो गया है, क्योंकि 3.11 लाख क्यूसेक पानी 50 घंटे में मथुरा तक पहुंच जाएगा। जहां बुंदेलखंड में यमुना का जलस्तर घटने से थोड़ी राहत है, वहीं फर्रुखाबाद में गंगा नदी अभी भी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। गंगापार के एक दर्जन से ज्यादा गांव टापू बन गए हैं, और गांव वालों को आवागमन के लिए नाव और स्टीमर का सहारा लेना पड़ रहा है। कटान के कारण ठाठ की मड़ैया और डॉली की मड़ैया जैसे गांवों का अस्तित्व खतरे में है। प्रयागराज में गंगा-यमुना का जलस्तर घट रहा है, लेकिन इसकी रफ्तार बेहद धीमी हो गई है। कानपुर बैराज से लगातार पानी छोड़े जाने के कारण जलस्तर पर दबाव बना हुआ है, जिससे कछारी इलाके अभी भी डूबे हुए हैं।