शिक्षा संकट पर डिंपल यादव ने जताई चिंता, जिलाधिकारी से माँगी विस्तृत जानकारी

Jul 17, 2025 - 19:37
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शिक्षा संकट पर डिंपल यादव ने जताई चिंता, जिलाधिकारी से माँगी विस्तृत जानकारी

शिक्षा संकट पर डिंपल यादव ने जताई चिंता, जिलाधिकारी से माँगी विस्तृत जानकारी

मैनपुरी। जिले में शिक्षा व्यवस्था को लेकर गहराते संकट के बीच स्थानीय सांसद डिंपल यादव ने जिलाधिकारी को एक पत्र भेजकर स्कूलों को बंद करने, विद्यालयों के विलय और कर्मचारियों की पदच्युति जैसे निर्णयों पर गहन आपत्ति जताई है। उन्होंने मांग की है कि इस पूरे मामले से जुड़ी विस्तृत जानकारी तत्काल सार्वजनिक की जाए। पत्र में सांसद डिंपल यादव ने विशेष रूप से उन 943 विद्यालयों का उल्लेख किया है, जिनमें से 341 को बंद करने या अन्य विद्यालयों में मर्ज करने का आदेश दिया गया है। उन्होंने इन फैसलों से प्रभावित होने वाले छात्रों और कर्मचारियों की स्थिति को लेकर चिंता जाहिर की है और कई अहम बिंदुओं पर विवरण माँगा है। सांसद ने प्रशासन से यह जानकारी माँगी है कि निर्णय से प्रभावित छात्र किस आयु वर्ग में आते हैं।

उन्होंने छात्रों को निम्न आयु वर्ग, मध्यम आयु वर्ग और उच्च आयु वर्ग में विभाजित कर आंकड़े प्रस्तुत करने की मांग की है। इसके साथ ही उन्होंने जातिगत आधार पर भी प्रभावित छात्रों की संख्या की जानकारी चाही है। अनुसूचित जाति, जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग और सामान्य वर्ग से आने वाले कितने छात्र इस फैसले से प्रभावित होंगे, इसका स्पष्ट विवरण माँगा गया है। डिंपल यादव ने बंद किए जा रहे या मर्ज किए जा रहे विद्यालयों से प्रभावित कुल बच्चों की संख्या और उनकी ब्लॉकवार सूची की भी माँग की है। इसके साथ ही उन्होंने यह जानना चाहा है कि छात्रों के लिए किस प्रकार की वैकल्पिक व्यवस्था की गई है और क्या यह व्यवस्था व्यवहारिक और सुलभ है। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया है कि क्या इन निर्णयों से पहले विद्यालयों के अभिभावकों से कोई लिखित सहमति ली गई है। यदि हाँ, तो उन सहमति पत्रों की प्रतियाँ भी माँगी गई हैं। शिक्षकों, अनुदेशकों, शिक्षा मित्रों, रसोईयों और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की स्थिति को लेकर भी उन्होंने गहरी चिंता जताई है। सांसद ने माँग की है कि उन सभी कर्मचारियों की सूची उपलब्ध कराई जाए जिनकी पदच्युति हुई है, साथ ही यह भी बताया जाए कि उनकी नियुक्तियाँ किस विद्यालय में थीं। डिंपल यादव ने विशेष रूप से चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की वर्तमान स्थिति पर भी जानकारी माँगी है। उन्होंने पूछा है कि कितने चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी अब व्यापक संसाधन केंद्रों पर तैनात किए गए हैं और उनकी नामावली भी प्रस्तुत की जाए। सांसद ने स्पष्ट किया है कि यह पत्र जनहित में पारदर्शिता बनाए रखने के उद्देश्य से भेजा गया है। उनका कहना है कि शिक्षा से जुड़ा यह निर्णय हजारों बच्चों और उनके परिवारों के भविष्य से जुड़ा मामला है और इसके हर पहलू पर खुलकर जानकारी देना प्रशासन की जिम्मेदारी है। अब सभी की नजरें जिलाधिकारी के उत्तर पर टिकी हैं, जिससे यह स्पष्ट हो सके कि इन फैसलों के पीछे की नीति और तर्क क्या हैं।