शिक्षा के मंदिर में शर्मनाक लव स्टोरी: हेडमास्टर और टीचर के रिश्ते ने उठाए सवाल
शिक्षा के मंदिर में शर्मनाक लव स्टोरी: हेडमास्टर और टीचर के रिश्ते ने उठाए सवाल

शिक्षा के मंदिर में शर्मनाक लव स्टोरी: हेडमास्टर और टीचर के रिश्ते ने उठाए सवाल
वैशाली, बिहार** – बिहार के वैशाली जिले के महुआ प्रखंड के उच्चतर माध्यमिक विद्यालय हरपुर मिर्जानगर से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। इस स्कूल के प्रभारी प्रधानाध्यापक हेमंत कुमार को निलंबित कर दिया गया है। उन पर आरोप है कि उन्होंने स्कूल की प्रयोगशाला को निजी "बेडरूम" की तरह इस्तेमाल किया, जिसमें एक महिला शिक्षक के साथ उनका आचरण संदिग्ध पाया गया। यह मामला तब तूल पकड़ा जब ई-शिक्षा कोष पोर्टल पर एक शिकायत सबूतों के साथ दर्ज की गई।
शिकायत के अनुसार, स्कूल के सीसीटीवी फुटेज में हेडमास्टर और टीचर का व्यवहार शालीनता की सीमाएं पार करता दिखा। साथ ही प्रयोगशाला के अंदर एक बेड पड़े होने की पुष्टि भी वीडियो में की गई। जिला कार्यक्रम पदाधिकारी शशि रंजन के निर्देश पर प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी अर्चना कुमारी जब जांच के लिए स्कूल पहुंचीं, तो वहां का माहौल चौंकाने वाला था। प्रयोगशाला की चाबी सिर्फ हेडमास्टर के पास थी और वहां एक पूरी तरह से व्यवस्थित बिस्तर पाया गया, मानो यह किसी शैक्षणिक संस्था का हिस्सा नहीं, बल्कि किसी का निजी कमरा हो। स्कूल स्टाफ ने मामले पर चुप्पी साध ली, जिससे संदेह और भी गहरा गया। नाइट चार्ज ने भी स्पष्ट रूप से कहा कि प्रयोगशाला पर हेडमास्टर का ही पूर्ण नियंत्रण रहता है। इस घटना ने शिक्षा विभाग और स्थानीय प्रशासन में हलचल मचा दी है।
जिला शिक्षा पदाधिकारी ने हेमंत कुमार को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है और पूरे मामले की जांच 45 दिनों में पूरी करने का आदेश दिया गया है। साथ ही उस महिला शिक्षक पर भी अनुशासनिक कार्रवाई की सिफारिश की गई है, जिनके साथ हेडमास्टर का संबंध सामने आया है। इस घटना ने एक बार फिर यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि क्या हमारे स्कूलों में नैतिक शिक्षा और अनुशासन का स्तर इतना गिर चुका है कि शिक्षक ही अपनी मर्यादा भूल जाएं? शिक्षा विभाग को अब इस मामले को एक उदाहरण बनाकर सख्त कार्रवाई करनी होगी, ताकि भविष्य में कोई भी शिक्षक अपने पद और प्रतिष्ठा का दुरुपयोग करने से पहले सौ बार सोचे।
टिप्पणी:** यदि आप इस लेख को स्कूल या कॉलेज पेपर में प्रकाशित करना चाहते हैं, तो स्थानीय संदर्भ और स्रोत की पुष्टि अवश्य करें। इसे एक **नैतिक चेतावनी** और **व्यवस्थागत सुधार** की अपील के रूप में पेश करें, न कि केवल सनसनीखेज खबर के तौर पर।