एक देश, एक रजिस्ट्रेशन: पारदर्शिता और एकरूपता की नई पहल

Jun 1, 2025 - 09:50
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एक देश, एक रजिस्ट्रेशन: पारदर्शिता और एकरूपता की नई पहल

भारत सरकार द्वारा प्रस्तावित 'एक देश, एक रजिस्ट्रेशन' योजना देश की संपत्ति पंजीकरण प्रणाली में एक क्रांतिकारी बदलाव लाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह पहल 117 साल पुराने रजिस्ट्रेशन अधिनियम, 1908 को संशोधित करने का प्रयास करती है, जिसका उद्देश्य संपत्ति पंजीकरण की प्रक्रिया को पूरी तरह डिजिटल और एकसमान बनाना है। इस योजना के तहत, संपत्ति पंजीकरण की पूरी प्रक्रिया को एक डिजिटल मंच पर लाया जाएगा, जिससे पारदर्शिता और सुविधा में वृद्धि होगी।

आधार कार्ड के माध्यम से पहचान सत्यापन की व्यवस्था लागू की जाएगी, जो धोखाधड़ी को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। सभी दस्तावेजों को डिजिटल रूप में संग्रहित किया जाएगा, जिससे कागजी प्रक्रियाओं पर निर्भरता कम होगी और दस्तावेजों की सुरक्षा में सुधार होगा। इस योजना का लक्ष्य पूरे देश में एक समान पंजीकरण प्रक्रिया लागू करना है, ताकि विभिन्न राज्यों के बीच प्रक्रियागत अंतर समाप्त हो सकें। यह न केवल तकनीकी उन्नति का प्रतीक है, बल्कि भारत की संघीय व्यवस्था में एकरूपता लाने की दिशा में एक उल्लेखनीय प्रयास भी है। यह योजना केवल तकनीकी सुधार तक सीमित नहीं है, बल्कि यह न्यायिक प्रणाली में विश्वास को पुनर्जनन करने का भी एक प्रयास है। संपत्ति से संबंधित विवादों की संख्या को कम करने में यह योजना महत्वपूर्ण योगदान दे सकती है। 'एक देश, एक रजिस्ट्रेशन' के तहत एक समान प्रक्रिया को अपनाने से राज्यों के बीच प्रक्रियागत भिन्नताएं समाप्त होंगी, जो भारत जैसे संघीय ढांचे में एकरूपता की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम है।

डिजिटल एकीकरण के साथ-साथ, यदि राज्य सरकारें इस योजना को केवल तकनीकी परिवर्तन के रूप में नहीं, बल्कि एक प्रशासनिक जिम्मेदारी के रूप में अपनाती हैं, तो यह न केवल आम नागरिकों को सशक्त बनाएगी, बल्कि जमीन से संबंधित धोखाधड़ी के खिलाफ एक प्रभावी सुरक्षा कवच भी प्रदान करेगी। इस तरह की प्रणाली न केवल प्रक्रियाओं को सरल बनाएगी, बल्कि नागरिकों के लिए संपत्ति पंजीकरण को अधिक सुगम और विश्वसनीय बनाएगी। इस योजना के अंतर्गत, संपत्ति पंजीकरण की पूरी प्रक्रिया को ऑनलाइन करने का लक्ष्य रखा गया है। यह न केवल समय की बचत करेगा, बल्कि पारदर्शिता को भी बढ़ावा देगा। आधार आधारित पहचान सत्यापन प्रणाली के माध्यम से, संपत्ति खरीदने और बेचने वालों की पहचान को सत्यापित करना आसान हो जाएगा, जिससे फर्जी दस्तावेजों और धोखाधड़ी की संभावना न्यूनतम होगी। डिजिटल दस्तावेजों का भंडारण न केवल कागजी प्रक्रियाओं को कम करेगा, बल्कि दस्तावेजों को सुरक्षित रखने और आवश्यकता पड़ने पर त्वरित पहुंच सुनिश्चित करने में भी मदद करेगा। इसके अलावा, देश भर में एक समान प्रक्रिया लागू होने से नागरिकों को अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग नियमों और प्रक्रियाओं से जूझना नहीं पड़ेगा। यह एकरूपता न केवल संपत्ति पंजीकरण को सरल बनाएगी, बल्कि इससे संबंधित कानूनी प्रक्रियाओं को भी सुगम बनाएगी।

इस पहल का एक अन्य महत्वपूर्ण पहलू यह है कि यह न केवल तकनीकी दृष्टिकोण से सुधार लाएगी, बल्कि सामाजिक और आर्थिक स्तर पर भी इसका व्यापक प्रभाव पड़ेगा। संपत्ति विवाद, जो भारत में न्यायिक प्रणाली पर एक बड़ा बोझ हैं, इस योजना के लागू होने से काफी हद तक कम हो सकते हैं। एक डिजिटल और पारदर्शी प्रणाली के माध्यम से, संपत्ति के स्वामित्व को सत्यापित करना आसान हो जाएगा, जिससे विवादों की संख्या में कमी आएगी। साथ ही, यह योजना सरकार और नागरिकों के बीच विश्वास को मजबूत करेगी, क्योंकि एक पारदर्शी और सुगम प्रणाली नागरिकों को यह आश्वासन देगी कि उनकी संपत्ति सुरक्षित है। यदि राज्य सरकारें इस योजना को पूर्ण निष्ठा के साथ लागू करती हैं, तो यह न केवल तकनीकी रूप से उन्नत होगी, बल्कि यह आम नागरिकों के लिए एक सशक्तिकरण का साधन भी बनेगी। इसके अतिरिक्त, यह योजना भारत की डिजिटल इंडिया पहल के साथ भी पूरी तरह से संरेखित है। डिजिटल इंडिया का उद्देश्य देश को तकनीकी रूप से सशक्त बनाना और सरकारी सेवाओं को डिजिटल मंचों के माध्यम से नागरिकों तक पहुंचाना है। '

एक देश, एक रजिस्ट्रेशन' इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, क्योंकि यह न केवल संपत्ति पंजीकरण को डिजिटल बनाएगा, बल्कि इसे देश भर में एक समान और सुगम भी बनाएगा। यह योजना उन लोगों के लिए विशेष रूप से लाभकारी होगी जो विभिन्न राज्यों में संपत्ति खरीदने या बेचने की प्रक्रिया में शामिल होते हैं, क्योंकि उन्हें अब अलग-अलग राज्यों की जटिल प्रक्रियाओं से नहीं जूझना पड़ेगा। इसके अलावा, डिजिटल दस्तावेजों का उपयोग न केवल प्रक्रिया को तेज करेगा, बल्कि पर्यावरण के दृष्टिकोण से भी कागज की खपत को कम करेगा, जो स्थायी विकास की दिशा में एक सकारात्मक कदम है। हालांकि, इस योजना के कार्यान्वयन में कुछ चुनौतियां भी हो सकती हैं। डिजिटल साक्षरता और इंटरनेट की उपलब्धता भारत के ग्रामीण और दूरदराज के क्षेत्रों में अभी भी एक मुद्दा है। इन क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के लिए डिजिटल प्रणाली को समझना और उसका उपयोग करना चुनौतीपूर्ण हो सकता है। इसके लिए सरकार को व्यापक जागरूकता अभियान चलाने और डिजिटल साक्षरता को बढ़ावा देने की आवश्यकता होगी। साथ ही, डिजिटल बुनियादी ढांचे को मजबूत करना भी आवश्यक है ताकि देश के हर कोने में इस योजना का लाभ पहुंच सके। इसके अलावा, डेटा सुरक्षा और गोपनीयता भी एक महत्वपूर्ण चिंता का विषय है। डिजिटल दस्तावेजों और आधार आधारित सत्यापन प्रणाली में साइबर सुरक्षा को सुनिश्चित करना अत्यंत आवश्यक होगा ताकि नागरिकों का डेटा सुरक्षित रहे।

इसके बावजूद, 'एक देश, एक रजिस्ट्रेशन' योजना भारत की संपत्ति पंजीकरण प्रणाली में एक नया युग लाने की क्षमता रखती है। यह न केवल प्रक्रियाओं को सरल और पारदर्शी बनाएगी, बल्कि यह नागरिकों के लिए एक विश्वसनीय और सुगम प्रणाली भी स्थापित करेगी। यदि इस योजना को ठोस नीतियों और प्रभावी कार्यान्वयन के साथ लागू किया जाता है, तो यह न केवल संपत्ति विवादों को कम करेगा, बल्कि भारत की संघीय व्यवस्था में एकरूपता को बढ़ावा देगा। यह योजना न केवल तकनीकी सुधार का प्रतीक है, बल्कि यह सामाजिक और आर्थिक न्याय को बढ़ावा देने का एक सशक्त माध्यम भी है। यह नागरिकों को यह विश्वास दिलाएगी कि उनकी संपत्ति सुरक्षित है और सरकार उनकी सुविधा और सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। इस प्रकार, यह योजना केवल एक प्रशासनिक सुधार नहीं, बल्कि एक सामाजिक और आर्थिक परिवर्तन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। निष्कर्षतः, 'एक देश, एक रजिस्ट्रेशन' योजना केवल एक पंजीकरण प्रक्रिया नहीं है, बल्कि यह जन-न्यायिक सुलभता और पारदर्शिता का एक डिजिटल वचन है। यह भारत को एक अधिक एकीकृत, पारदर्शी और तकनीकी रूप से उन्नत राष्ट्र बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

अवनीश कुमार गुप्ता साहित्यकार, स्वतंत्र स्तंभकार, और शोधार्थी