बहन की राखी की लाज

बहन की राखी की लाज

Aug 17, 2024 - 09:09
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बहन की राखी की लाज
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कहानी - बहन की राखी की लाज

500 परिवारों का सबलगढ़ एक चर्चित गांव है जो शिक्षा क्षेत्र नौकरी पेशा कृषि मैं अपना विशेष स्थान रखता है ।इस गांव में 300 परिवार ऐसे हैं जिनमें नौकरी पेशामे अच्छे पदों पर तथा मिलिट्री में कैप्टन सूबेदार सैनिक शिक्षा विभाग आदिमे अच्छे पदों पर हैं । जिनमें बहुत से सेवानिवृत्त होने के बाद गांव में रह रहे हैं । 80 परिवार गांव में ऐसे हैं जो उन्नतशील खेती कर रहे हैं तथा20 ऐसे परिवार हैं जो व्यापार धंधे में लगे हुए हैं। बाकी परिवार भी अपनी रोजी-रोटी अच्छी तरह से मजदूरी करके कमा रहे हैं।

इस प्रकार यह गांव विकास के नाम पर उन्नतशील गांव है। होली दिवाली रक्षाबंधन इस गांव में बड़े धूमधाम से मिलजुलकर मनाए जाते हैं।होली के दिन इतनी जमकर होली खेली जाती है यह पूरा गांव रंगों से सराबोर हो जाता है ।दिवाली के दिन पूरा गांवमेजब घर-घर दीपक जलाए जाते हैं आतिशबाजी चलती है। तब पूरा गांव जगमगा उड़ता है ।अनोखी मनोहर छटा बिखेरता है। रक्षाबंधन के दिन सभी लड़कियां एक दूसरे घर में जाकर पड़ोसी लड़कों को अपना भाई मानकरराखी बांधती है इस उन्नतशील सबलगढ़गांव में 90 वर्षीय कैप्टन ठाकुर धर्मेंद्र बहादुर का खुशहाल परिवार रहता है ।

कैप्टन ठाकुर धर्मेंद्र बहादुर के दो लड़के 40 वर्षीय रविंद्र सिंह 35 वर्षय किशन सिंह हैं जो दोनों मिलिट्री में सूबेदार हैं। कैप्टन साहब की 80 वर्षीय पत्नी रामकली जो धार्मिक प्रवृत्ति की है। दिन भर पूजा-पाठ में लगी रहती है। दोनोंलड़कों की एम ए तक शिक्षित पत्नियां है और कॉलेज में लेक्चरर है। बड़े लड़के की पत्नी का नाम रामवती छोटे लड़के की पत्नी का नाम कल्पना है। कैप्टन साहब की दोनों बहू में धार्मिक प्रवृत्ति सादा जीवन उच्च विचार की है। सामाजिक धार्मिक परोपकार कार्यों में बढ़-चढ़कर भाग लेती रहती है ।

दोनोंपत्नियों को इस बात का गर्व है कि उनके पति देश सेवा सुरक्षा में लगे हुए हैं और मिलिट्री में अपनी बहादुरता से नाम कमा रहे हैं। रक्षाबंधन के त्यौहार पर जब गांव के नौकरी करने वाले सभी अधिकारी कर्मचारी रक्षाबंधन जन्माष्टमी मनाने के लिए एक हफ्ताभर की छुट्टी लेकर आ गए हैं ।लेकिन सूबेदार के दोनों लड़के अभी तक छुट्टी लेकर नहीं आए हैं । रक्षाबंधन के तीन दिन के पहले दोनों त्योहारों की तैयारी हो चुकीहै । कैप्टन साहब के दोनों लड़कों ने बताया था कि पाकिस्तान के खूंखार आतंकवादियों ने सीमा में घुसपैठ करने की कोशिश की है। उसकी रोकथाम के लिए पूरी बटालियन के साथ वह सीमा अपनी अपनी- चौकियों पर पहुंच गए हैं और अभीतक15आतंकवादियों को ढेर कर चुके हैं अब जंगलों में छिपे हुए खूंखारआतंकवादियों को ढूंढ रहे हैं।

 जैसे ही सभी आतंकवादियों को खदेड़ देंगे वह 2 दिन पहले रक्षाबंधन के त्यौहार पर आ जाएंगे और अपनी लाडली बहन शकुंतला से राखी बांधव आएंगे। घबराने की कोई बात नहीं है। जब यह बात गांव वालों को आतंकवादियों को खदेड़ने की बात पता चली तो सभी अपनी-अपनी टीवी पर समाचार सुनने लगे। कैप्टन साहब को इस बात की खुशी थी कि उनके दोनों बच्चे बड़ी बहादुरी से पाकिस्तान के आतंकवादियों को खदेड़ रहे हैं और छिपे हुए आतंकवादियों को मार रहे हैं।

टीवी में समाचार आ रहे थे कि आज कितने छिपे हुए आतंकवादियों को ढूंढ कर मार दिया गया है और सेना बड़ी बहादुर का से पाकिस्तानी आतंकवादियों को बड़ी बहादुर से खदेड़ रही है। रक्षाबंधन के 2 दिन पहले टीवी पर समाचार आया सूबेदार रविंद्र सिंह और किशन सिंह जब आतंकवादियों को ढूंढ ढूंढ कर मार रहे थे तभी पाकिस्तानी जहाज ने आकाश से एक बंब गिराया जिससे सूबेदार रविंद्र सिंह घायल हो गए है और उन्हें सैनिक अस्पताल में भर्ती करा दिया गया है ।सूबेदार रविंद्र और किशन सिंह ने बहादुरी से 20 खूंखार आतंकवादियों को मार कर पाकिस्तानी आतंकवादियों के छक्के छुड़ा दिए हैं और उन्हें खदेड़ दिया है।

भारत सरकार ने सूबेदार रविंद्र सिंह और किशन सिंह की बहादुरी की प्रशंसा की है । कैप्टन साहब जब यह सब समाचार सुन रहे थे तो अपने लड़कों की बहादुरी के किस्से गांव वालों को बता रहे थे। तभी अचानक कैप्टन साहब के मोबाइल की घंटी बज उठी और उधर से मिलिट्री के कैप्टन की आवाज आई । अच्छा इलाज होने केबाद भी सूबेदार रविंद्र सिंह को बचाया जाना कठिन लग रहा है नवज साथ छोड़ गई है फिर भी प्रयास किया जा रहे हैं ।पूरी सेना को अपने बहादुर सूबेदार रविंद्र सिंह पर नाज है कि उन्होंने 30 आतंकवादियों को मार कर शहीद हो रहे हैं लेकिन मिलिट्री के डॉक्टर ऐसा नहीं होने देंगे । इस खबर के आने के बाद रक्षाबंधन के 1 दिन पहले सबलगढ़ मैं जिला अधिकारी पुलिस अधीक्षक तथा तमाम फोर्स का जमघट लग गया ।

कैप्टन साहब के परिवार में रोया पीटना पड़ गया, पूरे सबलगढ़ गांव में शोक तथा रोना पीटना मच गया ।. बहन शकुंतला रो-रो कर कह रही थी भैया तुम तो राखी बांधने के लिए कह गए थे यह क्या कर रहे हो ?क्या मेरी राखी को कलंकित कर दोगे ?तभी कैप्टन साहब के फोन पर घंटी बज उठी और उधर से आवाज आई डॉक्टर के प्रयासों से सूबेदार रविंद्र सिंह को बचा लिया गया है अब वह स्वस्थ है। सूबेदार ।रविंद्र अपनी बहन को बार-बार याद कर रहे हैं । इसलिए उसको यहां मिलिट्री अस्पताल में लाना होगा। बहन का आना बहुत जरूरी है। , डीएम और पुलिस अधीक्षकको संदेश दे दिया गया है कि वह बहन तथा आपको लेकर फौरन मिलिट्री अस्पताल पहुंचे ।

फोन पर यह सब बात चल ही रही थी तभी ऊपर एक जहाज आवाज करता हुआ नीचे उतरा । जहां जहाज से उतरकर कैप्टन साहब मोहन चंद्र ने रविंद्र के पिता से कहा आप जल्दी से रविंद्र की बहन तथा अपनी तैयारी करके जहाज पर आ जाइए ।¡№आपको पैसा बगैर की कोई जरूरत नहीं पड़ेगी। मोदी सरकार ने सभी बंदोबस्त कर दिया है। आप जल्दी से बस केवल तैयार होकरजहाज पर बैठिए जल्दी से मिलिट्री अस्पताल पहुंचना है। रिटायर कैप्टन अपनी बेटी शकुंतला को लेकर जहाज पर जा बैठे तभी जहाज रिटायर कैप्टन और और सूबेदार रविंद्र की बहन को लेकर मिलिट्री अस्पताल जा पहुंचा ।

मिलिट्री अस्पताल के डॉक्टर रविंद्र की बहन शकुंतला लेकर इमरजेंसी वार्ड में पहुंचे और रविंद्र से बोले लो तुम्हारी बहन आ गई है ।अब यह तुम्हें राखी बंधेगी। तुम जल्दी ठीक हो जाओगे और अपने गांव पहुंचोगे ।बहन को देखकर रविंद्र ने अपना हाथ अपनी बहन की ओर बढ़ाया बहन ने राखी बांध दी और कहा भाई तूने मेरी राखी की लाज बचा ली। सूबेदार रविंद्र के आंखों में आंसू आ गए और उसने बहन का हाथ पकड़ लिया और अपने पलंग पर बिठाया। 10 दिनों के बाद अच्छे होने पर रविंद्र अपने छोटे भाई किशन तथा आई हुई बहन शकुंतला तथा पिता के साथ सरकारी हेलीकॉप्टर से गांव पहुंचा । 10 दिनों के बाद सबलगढ़ में पुनः रक्षाबंधन का त्यौहार बड़े धूमधाम से मनाया गया और सभी बहनों ने रविंद्र को आकर राखी बांधी ,।

गांव में एक खुशी का माहौल छा गया गया गांव में आकर रविंद्र सूबेदार ने अपनी माता को बताया कि जब वह बेहोशी हालत में पड़ा हुआ था तो उसे अपनी बहन की याद आ गई और वह बेहोशी से अचानक जागृत अवस्था में आ गया उसे लग रहा था बहन रो-रो कर राखी बांधने को राखी की लज्जा बचाने को कह रही है। राखी को बंधवाने के लिए मैं जीवित बच गया। मेरा जीवित होना बहन की राखी की लाज है ।

बृज किशोर सक्सेना किशोर इटावी कचहरी रोड मैनपुरी।