बांग्लादेश में राजनीतिक संकट: क्या तख्तापलट के पीछे चीन और पाकिस्तान की साजिश है?

बांग्लादेश में एक बार फिर तख्तापलट हो गया है। प्रदर्शनकारियों के प्रधानमंत्री आवास में घुसने के बाद प्रधानमंत्री शेख हसीना अपनी बहन के साथ देश छोड़कर भारत चली आई हैं।

Aug 5, 2024 - 20:17
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बांग्लादेश में राजनीतिक संकट: क्या तख्तापलट के पीछे चीन और पाकिस्तान की साजिश है?
Bangladesh Political Crisis
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BANGLADESH: बांग्लादेश में एक बार फिर तख्तापलट हो गया है। प्रदर्शनकारियों के प्रधानमंत्री आवास में घुसने के बाद प्रधानमंत्री शेख हसीना अपनी बहन के साथ देश छोड़कर भारत चली आई हैं। वह पहले त्रिपुरा पहुंचीं, फिर वहां से गाजियाबाद आईं। अब उनके यूरोप जाने की खबर है। सवाल उठ रहा है कि 1975 के बाद 2024 में हुए इस तख्तापलट के पीछे कहीं चीन और पाकिस्तान का हाथ तो नहीं है?

भारत के पड़ोसी मुल्कों में बांग्लादेश ही वह अकेला राष्ट्र है जिसकी अर्थव्यवस्था लगातार आगे बढ़ रही है। जमात-ए-इस्लामी बांग्लादेश एक राजनीतिक पार्टी है, जिसे वहां पर कट्टरपंथी संगठन माना जाता है। इसे भारत विरोधी माना जाता है और इसके पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई से मदद लेने का दावा किया जाता रहा है। बांग्लादेश मामलों के विशेषज्ञ का कहना है कि चीन और पाकिस्तान लंबे समय से बांग्लादेश में अपनी स्थिति मजबूत करने की फिराक में लगे हुए हैं।

'पाकिस्तान से काफी प्रशिक्षण मिला'

विशेषज्ञ कमर आगा ने कहा कि जमात-ए-इस्लामी और वहां के कई अन्य आतंकी संगठन इस तरह की हरकतें करने में माहिर हैं। उन्हें पाकिस्तान से काफी प्रशिक्षण मिला है। उन्होंने कहा कि यह पाकिस्तान और चीन की साजिश है।

उन्होंने आगे कहा कि ये देश लंबे समय से इस कोशिश में लगे थे कि बांग्लादेश में उनका वर्चस्व बन जाए और पाकिस्तान और चीन समर्थित सरकार वहां पर बन जाए। चीन जहां भी जाता है, वहां पाकिस्तान को भी ले आता है। यह वहां पर बहुत समय से चल रहा था।

सेना जानबूझकर नहीं लगा रही मार्शल लॉ

साथ ही दूसरी बात यह है कि जमात जैसे ज्यादातर संगठन अल्पसंख्यकों के खिलाफ हैं। ऐसे में वहां से बड़ी संख्या में पलायन भी हो सकता है। अगर सेना तुरंत एक्शन नहीं लेती है तो स्थिति खराब हो सकती है।

उन्होंने कहा कि बांग्लादेशी सेना ने देश की सत्ता तो हासिल कर ली है, लेकिन उनकी सड़क पर उपस्थिति नहीं दिखाई पड़ रही है। मार्शल लॉ भी नहीं लगा है। वे सिर्फ बातें कर रहे हैं। हो सकता है कि वे जानबूझकर इन चीजों में देरी कर रहे हैं। मेरे ख्याल से वे इस मूड में नहीं हैं कि सरकार आम लोगों के हाथों में सौंपी जाए। वे थोड़ा इंतजार कर रहे हैं ताकि हालात बिगड़ें और फिर मार्शल लॉ लागू कर पूरा नियंत्रण हासिल कर लिया जाए।