मुंबई को अडानी सिटी नहीं बनने देंगे, उद्धव ठाकरे
सिवसेना (UBT) के प्रमुख उद्धव ठाकरे ने शनिवार को प्रेस कान्फ्रेंस कर राज्य सरकार पर जमकर हमला बोला।
इस दौरान 'अडानी धारावी प्रोजेक्ट' उनके निशाने पर रहा. ठाकरे ने कहा, 'हम मुंबई को अडानी सिटी नहीं बनने देंगे। प्रेस कान्फ्रेंस में उद्धव ठाकरे ने कहा, 'लाडली बहना और कई योजनाओं के नाम से जनता को आकर्षित करने का काम किया जा रहा है।
उद्योगपति गौतम अडानी पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि आज मैं एक योजना के बारे में कहने आया हूं. वो योजना है 'लड़का उद्योगपति योजना। ठाकरे ने कहा, 'धारावी में हमने आंदोलन किया था. वहां के लोगों को 500 वर्ग फुट का घर मिलना ही चाहिए. हर घर में एक माइक्रो व्यापार चलता है. इसके लिए क्या उपाय किया जाएगा. ये मुंबई का नाम अडानी सिटी भी कर देंगे।
इनकी कोशिश चल रही है, उसे हम होने नहीं देंगे। उन्होंने कहा, 'धारावी के लोगों को पात्र और अपात्र के चक्रव्यू में फंसाने की कोशिश की जा रही है. हमारी सरकार सत्ता में आएगी तो हम धारावी के लोगों को दूसरी जगह नहीं बसाएंगे. धारावी में ही कारोबार की उचित व्यवस्था की जाएगी। उद्धव ठाकरे ने कहा, 'धारावी का विकास होना चाहिए, अडानी का नहीं. अगर अडानी ये सब पूरा नहीं कर सकते तो दोबारा टेंडर कराया जाए. ग्लोबल टेंडर निकलना चाहिए और पारदर्शिता का पालन होना चाहिए।
हम मुंबई को अडानी सिटी नहीं बनने देंगे। भारतीय अरबपति गौतम अडानी ने मुंबई के स्लम एरिया धारावी का कायाकल्प करने के लिए पहले बोली जीती थी. बीते साल सितंबर महीने में इस काम को अंजाम देने के लिए उन्होंने एक नई कंपनी बनाई थी. खबर आई थी कि अडानी ग्रुप ने धारावी के पुनर्विकास के लिए एक ग्लोबल टीम का चयन किया है और इसके लिए मशहूर आर्किटेक्टर हफीज कॉन्ट्रैक्टर को जिम्मा सौंपा है। गौतम अडानी के नेतृत्व वाले अडानी ग्रुप ने धारावी स्लम एरिया के रि-डेवलपमेंट के लिए बीते साल जुलाई 2023 में बोली जीती थी. महाराष्ट्र सरकार ने अडानी की 619 मिलियन डॉलर की बोली को स्वीकार किया था।
मुंबई का धारावी स्लम न्यूयॉर्क के सेंट्रल पार्क के आकार का लगभग तीन-चौथाई है और इसका नजारा हॉलीवुड डायरेक्टर डैनी बॉयल की ऑस्कर विजेता 2008 की फिल्म 'स्लमडॉग मिलियनेयर' में दिखाया गया था। अडानी ग्रुप की ओर से धारावी के पुनर्विकास के लिए धारावी पुनर्विकास परियोजना प्राइवेट लिमिटेड नामक ज्वाइंट वेंचर के गठन की पुष्टि करते हुए बताया गया था कि यह एरिया करीब 10 लाख लोगों का निवास स्थल है।
मुंबई के केंद्र में स्थित इस एरिया में हजारों गरीब परिवार तंग क्वाटर्स में रह रहे हैं और इनमें से कई के पास शुद्ध पानी और साफ शौचालय तक नहीं है. इसके रिडेवलपमेंट का काम दशकों से लटका हुआ है. इसका पुनर्निर्माण एक बहुत बड़ा काम है, जिस पर पहली बार 1980 के दशक में विचार किया गया था।