शिवसेना शिंदे गुट और NCP मोदी सरकार से नाराज, 7 सांसद जीतने के बाद भी नहीं बना कोई मंत्री

Jun 10, 2024 - 20:47
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शिवसेना शिंदे गुट और NCP मोदी सरकार से नाराज, 7 सांसद जीतने के बाद भी नहीं बना कोई मंत्री
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मोदी कैबिनेट में जगह नहीं मिलने से अजित पवार गुट की एनसीपी की नाराजगी के बाद एकनाथ शिंदे गुट की शिवसेना की भी नाराजगी सामने आ रही है।

पार्टी के चीफ व्हीप श्रीरंग बारणे का कहना है कि एक तरफ जहां, चिराग पासवान, जीतन राम मांझी और एचडी कुमारस्वामी की पार्टी को कम सीट मिलने के बाद भी कैबिनेट मंत्रालय दिया गया है, वहां उनकी पार्टी के सात सांसद होने के बावजूद सिर्फ स्वतंत्र प्रभार के साथ राज्य मंत्री का ही पद दिया गया। श्रीरंग बारणे ने कहा, "हम कैबिनेट में जगह की उम्मीद कर रहे थे. चिराग पासवान के पांच सांसद हैं, मांझी के एक सांसद हैं, जेडीएस के दो सांसद हैं, फिर भी उन्हें एक कैबिनेट मंत्रालय मिला है।

फिर 7 लोकसभा सीटें मिलने के बावजूद शिवसेना को सिर्फ एक राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) क्यों मिला." 'शिवसेना को मिलना चाहिए कैबिनेट मंत्री का पद', श्रीरंग बारणे शिवसेना के चीफ व्हिप ने कहा, "हमारी शिवसेना के स्ट्राइक रेट को देखते हुए हमें कैबिनेट मंत्री पद दिया जाना चाहिए था." यह बात कहते हुए शिंदे गुट के सांसद श्रीरंग बारणे ने खुलकर अपनी नाराजगी जाहिर की है. श्रीरंग बारणे ने कहा कि एनडीए के अन्य घटक दलों के एक-एक सांसद चुने गए, लेकिन उन्हें कैबिनेट मंत्री का पद दिया गया है, तो फिर बीजेपी ने शिंदे गुट के प्रति इतना अलग रुख क्यों अपनाया?

 शिवसेना सांसद ने कहा कि अगर ऐसा होता है तो परिवार के खिलाफ आकर महागठबंधन में शामिल हुए अजित पवार को मंत्री पद दिया जाना चाहिए था. साथ ही बीजेपी को सतारा सांसद उदयनराजे भोसले को यह मंत्री पद देना चाहिए था। शिंदे गुट की शिवसेना की नाराजगी से पहले एनसीपी अजित गुट ने भी मंत्री पद नहीं मिलने के बाद अपनी नाराजगी जाहिर की थी. पार्टी नेता प्रफुल्ल पटेल का कहना था, "...कल रात (शपथग्रहण से पहले) हमें बताया गया कि हमारी पार्टी को स्वतंत्र प्रभार वाला एक राज्य मंत्री मिलेगा।

मैं पहले केंद्र सरकार में कैबिनेट मंत्री था, इसलिए यह मेरे लिए एक डिमोशन होता. हमने बीजेपी नेतृत्व को सूचित कर दिया है और उन्होंने हमें कहा है कि बस कुछ दिन इंतजार करें, वे सुधारात्मक उपाय करेंगे। लोकसभा चुनाव 2024 में महाराष्ट्र में बीजेपी ने शिंदे गुट की शिवसेना और अजित गुट की एनसीपी के साथ चुनाव लड़ा था. मसलन, बीजेपी ने 31 सीटों पर चुनाव लड़ा और 9 सीटें जीतीं, अजित गुट की पार्टी एनसीपी ने चार सीटों पर चुनाव लड़ा और एक सीट जीती और शिंदे गुट की शिवसेना ने 13 सीटों पर चुनाव लड़ा और सात सीटें जीती।

वहीं चिराग पासवान की पार्टी ने चुनाव में पांच सीटें जीती हैं, जिनमें चिराग को कैबिनेट मंत्रालय दिया गया है, जीतन राम मांझी ने अपनी पार्टी से अकेले चुनाव जीता है और उन्हें भी कैबिनेट मंत्रालय मिला है और जेडीएस ने दो सीटें जीती है, जिसमें एचडी कुमारस्वामी को कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिया गया है. वहीं शिवसेना की तरफ प्रतापराव जाधव को स्वतंत्र प्रभार के साथ राज्य मंत्री का पद दिया गया है, जिससे पार्टी खुश नहीं है।

गौरतलब है कि महाराष्ट्र में तख्तापलट करते हुए एकनाथ शिंदे ने शिवसेना के दर्जनों विधायकों के साथ एनडीए गठबंधन जॉइन कर लिया था. बाद में उन्होंने पार्टी और पार्टी के चुनाव चिन्ह पर भी दावा किया था. कोर्टरूम ड्रामे के बाद शिवसेना का असली हकदार एकनाथ शिंदे गुट को माना गया। बाद में अजित पवार भी एक दर्जन से ज्यादा विधायकों के साथ बीजेपी की अगुवाई वाले एनडीए में शामिल हो गए. उन्होंने भी पार्टी और चुनाव चिन्ह पर दावा किया और पार्टी की कमान अजित पवार को मिल गई।

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