लोकसभा एटा पर सांसद राजवीर सिंह (प्रत्याशी बीजेपी) ठंडी सांस लें सकते है?
लोकसभा एटा पर सांसद राजवीर सिंह (प्रत्याशी बीजेपी) ठंडी सांस लें सकते है?
Etah Loksabha Result: लाख कोशिशों के बाद बीजेपी बड़ी मुश्किल से लोकसभा एटा कासगंज पर किनारे लगती दिखाई दे रही है।चुनाव के शुरुआत में राजवीर सिंह को बीजेपी के कोर वोट में ही हाथ जोड़ते और माफ़ी मांगते देखा गया था परंतु बीजेपी के कोर वोटर ने राजवीर सिंह को माफ नहीं किया है। पांचो विधानसभा के वोटिंग प्रतिशत को पैमाने से नापते है तो देखने को मिलता है कि पटियाली विधानसभा पर क्षत्रिय वोटर ने बीजेपी को आँख दिखा दीं है।
जबकि योगी आदित्यनाथ की जनसभा ने भी राजवीर सिंह का साथ नहीं दिया है। पुरे समीकरण को देखे तो पटियाली विधानसभा पर किसी एक प्रत्याशी की नहीं चली है, इस विधानसभा पर सपा प्रत्याशी देवेश शाक्य ने अपनी उपस्थिति बेहतर तरीके से दर्ज कराई है। शाक्य वोटर ने इस बार पूर्णरूप से बीजेपी का दामन एटा पर छोड़ दिया है। पूर्व विधायक ममतेश शाक्य की भीतरघात भी इस पुरे चुनाव में देखने को मिलती रही है। लगभग शाक्य वोटर ने अपनी ताकत सपा के पाले में कर दीं है।
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शाक्य वोट इस बार 100/95% सपा को मिल रहा है।यादव वोटर सपा के साथ खड़ा हुआ था। *पटियाली का यादव ????* पटियाली विधानसभा पर यादव वोटर सपा को पूर्ण गया है। किसी भी बूथ पर बीजेपी को सपोर्ट करते नहीं देखा गया है। बीजेपी में आये यादव नेताओं पर यादव समाज का जोरदार तमाचा है। *कासगंज का लोधी ????* कासगंज विधानसभा पर काफ़ी हद तक बीजेपी के कोर वोटर वैश्य ने अपने तेवर दिखा दिए है.जबकि लोधी वोटर भी सांसद व स्थानीय विधायक से नाराज दिखे है। पिछले दस साल में वोटर के मन की बात को सांसद नहीं समझ पाए है। विधानसभा कासगंज सदर पर विधायक देवेंद्र लोधी ने वोटर की एक नहीं सुनी. जिसका परिणाम भी सांसद को बूथ खुलने पर देखने को मिलेगा।
इस विधानसभा पर यादव वोटर पूर्व सांसद देवेंद्र यादव के कहने भर को साथ था लेकिन यादव वोटर ने मुँह दिखाई ही दिया है।इस विधानसभा पर नेताओं का सरकारी ऑफिसो से बसूली का खेल भी चुनाव पर असर डालेगा. अफसर आपको देगा तो जनता से ही तो लेगा......
वीरेंद्र लोधी का मारहरा
मारहरा विधानसभा पर लोधी- यादव पर कट्टर स्थिति बनी रही है। बूथ बार गणना की जाये तो जिस तरफ जिस समाज का दबदवा रहा है उसी समाज ने बूथ पर जमकर वोटिंग कराने का प्रयास किया है। मारहरा विधानसभा पर ऐसा भी देखने को मिला है कि वोटर से सांसद पुरे पांच साल नहीं मिले है लेकिन बीजेपी को सपोर्ट करते देखा गया है।
वोटर का कहना था कि बीजेपी को सपोर्ट करते है बस, इस विधानसभा पर भी बीजेपी के यादव नेताओं ने कोई खेल नहीं दिखा पाया है। मारहरा विधानसभा पर विधायक वीरेंद्र लोधी की गाड़ी को बूथवार दौड़ते देखा गया था। निधोली कला से ब्लॉक प्रमुख सुनील यादव के बूथों से हार कर बीजेपी आ रही है. सुनील यादव ने विधानसभा चुनावों पर सपा का दामन थाम लिया था लेकिन अभी हाल ही में ब्लॉक प्रमुख सीट को बचाने के चक्कर में बीजेपी ज्वाइन की थी लेकिन विफल हो रहे है।बीजेपी के कोर वोट क्षत्रिय वोटर ने इस विधानसभा पर कुछ हद तक बीजेपी को समर्थन दिया है। शाक्य वोटर इस विधानसभा पर भी सपा की तरफ मुड़ता देखा गया है। मारहरा नगर पर मुस्लिम वोटर ने अपना पूर्ण समर्थन सपा को दिया। बीजेपी का मुस्लिम वोटर पर कोई असर नहीं देखा गया।इस विधानसभा पर 100/56% का ग्राफ दिखा।मिरहची नगर पर सर्वेश उपाध्याय का प्रयास बीजेपी को लाभ देता दिखाई दे रहा है। इस नगर पर सपा पिछड़ सी गई है।
मारहरा विधानसभा
पर भी पुलिस चोकियो से बसूली का खेल जनता को कुचलते देखा गया है. विधायक की नजर में यह जायज हो सकता है लेकिन बसूली जनता से हो और जनता वोट भी आपको करे, दोनों चीज़े संभव नहीं होगा।
सदर विधानसभा एटा
सदर विधानसभा के नगर पालिका पर वैश्य वोटर ने बीजेपी की पूरी नैया डुबोने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। गाँव क्षेत्र के बूथों पर जाये तो बीजेपी का दबदवा देखा गया. परंतु सकीट क्षेत्र पर अजय यादव आउट हो चुके है. अभी हाल ही में बीजेपी ज्वाइन की थी।सांसद के बगल में खडे होकर रोड शो में देखे भी गए थे। लेकिन अपने बूथों से हार कर आ सकते है।सदर विधानसभा पर विधायक विपिन कुमार डेविड का साथ न होने की अफवाह ने तूफान मचा दिया जिसका यह हश्र हुआ है वोटिंग रसातल पर आई है।लेकिन आखिरी दिन एटा में किये गए रोड शो ने भी सांसद की वोटिंग को नहीं बढ़ाया। जबकि सदर विधायक साथ में मौजूद थे।देहात क्षेत्र ने बीजेपी का साथ दिया है वहीं देहात में यादव-शाक्य वोटर ने सपा को भी जमकर दौड़ाया है।सांसद राजवीर सिंह और सपा प्रत्याशी देवेश शाक्य के बीच में कौन सही है के मध्य फसा दिखाई दिया मतदाता.....
अमापुर के बागो को उजाड़ने वाले विधायक हरिओम लोधी -
अमापुर विधायक हरिओम लोधी की लकड़ी मशीन ने वोटर को पूरा कुचल दिया है। इस विधानसभा पर शाक्य व लोधी वोटर बहुतयात मे निवास करता है। इस विधानसभा पर क्षत्रिय वोटर भी अपनी पकड़ रखता है लेकिन कुछ हद तक ही क्षत्रियो ने सपा की साईकिल पर सवारी की है. बीजेपी विधायक के खास प्रयास नहीं होने की वज़ह से यहां के बूथों पर सांसद को उम्मीद के अनुसार बढ़त न होने से निराशा हो सकती है.अमापुर सिद्धपुरा नगर पर वोटर ने अपनी नाराजगी दर्ज की है लेकिन आखिरी चार घंटे में अपनी उपस्थिति दर्द की है. खासकर सिद्धपुरा पर बीजेपी ने अच्छा प्रदर्शन किया है।सांसद के प्रिय विधायक हरिओम लोधी ने मतदान बढ़ाने में कोई प्रयास नहीं किया जो भी मतदाता बूथ तक गया उसमे मतदाता की स्वयं इच्छा रही है।
समीकरण फैल -
कुल मिलाकर बीजेपी को यादव नेताओं को शामिल करना भी फायदेमंद नहीं रहा है। कुछ नेताओं ने सांसद राजवीर सिंह को अंदुरुनी रूप से चोट भी पहुंचाई है।बीजेपी के कार्यकर्त्ताओ ने भी अपनी नाराजगी दर्ज की है। बूथों पर कुछ अच्छा प्रयास नहीं देखा गया था ।
Mlc - Mlc आशीष यादव
के साथियो को सपा के बूथों पर देखा गया। जबकि लाभ के मामले में बीजेपी का दामन थाम कर लाभ कमाया जा रहा है।किन्तु मजबूती सपा को देने का प्रयास किये गए है।इस बार खेल का रंग तो बदला ही है हार-जीत का गुणा- भाग भी सांसद को दिखाई देने लगा है। अगर वोटर के जागरूक होने की चर्चा की जाये तो वोटर ने बूथ पर वोट नहीं किया है उतनी ही कमियां जनता ने सांसद राजवीर सिंह की गिनाई थी।सांसद को इस बार गली-गली घुमाने में उन छुटभइये नेताओं का बड़ा हाथ है जिन्होने पुरे पांच साल सांसद को गुमराह भी किया और सांसद जानबूझ कर गुमराह होते देखे गए। जिसके परिणाम स्वरुप सांसद राजवीर सिंह के जीत का आंकड़ा कुछ चंद वोटों पर आकर रुक गया है।
प्रशासनिक तंत्र पर फेल शिकंजा -
सांसद राजवीर सिंह के कारनामें सुनिए जिसके परिणाम इस चुनाव में देखने को मिलेंगे।* आपको शायद याद होगा कि एटा सदर पर एक SDM रहे थे जिनका नाम था शिवकुमार सिंह. सांसद राजवीर सिंह ने शिवकुमार को इतना प्यार दिया था कि कासगंज की तहसील पटियाली पर तैनात रहे थे।ज़ब SDM शिवकुमार पोस्टिंग पर रहे तो इनकी जुवान ने जनता के एक काम नहीं किये,जिससे जनता ने एक राय होकर पटियाली विधानसभा चुनाव में अपनी नाराजगी दर्ज की और स्थानीय विधायक ममतेश शाक्य को इसका परिणाम झेलना पड़ा था।वर्तमान में हार कर घर बैठे है। सांसद राजवीर सिंह ने फिर एक बार प्यार दिखाया और शिवकुमार सिंह को सदर एटा पर पोस्टिंग कराई थी।जिसका परिणाम यह हुआ था कि सदर विधानसभा पर जनता के मन में बीजेपी प्रत्याशी विपिन कुमार डेविड को हारने का मन बना लिया था लेकिन सपा प्रत्याशी जुगेद्र सिंह यादव का जीतना जनता को सही नहीं लगा, जिससे सदर एटा का परिणाम बदलते- बदलते रह गया था।
अगर सदर पर बीजेपी प्रत्याशी विपिन कुमार डेविड नहीं होते तो शायद यह विधानसभा बीजेपी के हाथों में आज नहीं होती। खैर कई नुकसान प्रशासन में मौजूद प्रशासक भी जनता को रुष्ट करके कराते है। लेकिन सांसद राजवीर सिंह की आँखों में मिर्च पड़ी रही जिसका परिणाम आज हाथ जोड़ मुँह उतारकर पुरे लोकसभा में घूमना पड़ा।
अभी के हालात सदर तहसील से -
सदर विधानसभा पर भी मतदान प्रतिशत कम रहा है उसके परिणाम भी सदर तहसील से होकर गुजरता है। सांसद राजवीर सिंह की सिफारिश पर सदर तहसील पर SDM भावना विमल की पोस्टिंग की गई है।इन अधिकारी के आने के बाद जनता को इनके दफ्तर से फटकार खाकर बाहर आते देखा गया है।यह भी जानना बेहद जरुरी है कि सदर तहसील एटा दो विधानसभाओ को जोड़ता है। जनता रूठी तो बूथ तक असर देखने को मिलता है।सांसद के तंत्र में खुद के सजाये हुए ऐसे तीर है कि सांसद ने वो तीर खुद ही ले लिए है।
मुस्लिम वोटर-
इस बार चुनाव में वो देखने को मिला है जिसे राजनीति में कूटनीति कहा जाता है. लोकसभा चुनावों का तीसरा चरण बेहद बेहूदी भाषा और भाषण का रहा है लेकिन मुस्लिम वोटर को भी अपनी रणनीति बदलते देखा गया है। दो चरणों में मुस्लिम वोटर की लम्बी-लम्बी लाइनों को देख कर बीजेपी के बड़े-बड़े नेताओं के बल पड़ गया था। बीजेपी के सोशल मिडिया प्लेटफार्म पर जमकर मुस्लिम समुदाय की लाइनों के साथ बुर्का और गोल टोपी को दिखाया गया था. जिससे हिन्दू वोट को चेताने का काम किया गया था. इस बार मुस्लिम वोटर ने अपनी रणनीति को बदला और बुर्का व गोल टोपी के बिना ही मतदान की लाइनो में लगे दिखाई दिए। यह रणनीति बीजेपी को परेशान तो करेंगी ही साथ ही सादा कपड़े और फिर बुर्का में वोट डालने की नीति भी बूथ पर फर्जी वोट के रूप में देखने को मिली थी...... *सांसद को जिले की स्थिति गुलाबी लगती होंगी क्योंकि सांसद राजवीर सिंह को वो गुलाबी दिखाई गई थी।
मुद्दे और जनता की व्यक्तिगत समस्याएं कभी किसी ने सुनी ही नहीं थी।आखिरकार वो दिन आने वाला है ज़ब मतदाता के रूठने और साथ होने के परिणाम 4 जून को दिखाई देंगे।* सपा प्रत्याशी देवेश शाक्य के साथ एक अच्छा कार्य था कि दूर के निवासी होने का फायदा मिलता दिखाई दे रहा है क्योंकि नया-नया मेहमान बेहद ईमानदार दिखाई देता है.इस बार सपा प्रत्याशी देवेंश शाक्य ने बीजेपी को पानी और पानी को अप्पा कहलवा दिया है।
MP हारनाथ सिंह यादव,MLC आशीष यादव, देवेंद्र यादव कासगंज, EX MLA अजय यादव, EX ब्लॉक प्रमुख बजीर सिंह यादव, ब्लॉक प्रमुख सुनील यादव, इनसे साबित हुआ है कि यादव वोट इनके पीछे नहीं है. सपा का कोर वोट सपा के साथ खड़ा था। बिना बारूद के कारतूस साबित हुए बीजेपी के ये नेता.....
आंकड़े सत्ता के!
पूरी लोकसभा पर विधानसभा बार वोटर --- कासगंज -3,70,390 अमापुर -3,17,480 पटियाली -3,62,072 एटा -3,36,474 मारहरा -3,14,108 *लोकसभा एटा पर पड़ा विधानसभाबार मोटा- मोटा आंकड़ा 5 बजे तक! * कासगंज -216492... अमापुर -178423... पटियाली -192441... एटा -336474.... मारहरा -314108... अगर पुरे लोकसभा पर 6 बजे तक पड़े वोट को अंदाजे से देखा जाये तो करीब 61% तक वोट बूथ तक जा पाया है। सभी विधानसभा का कुल वोटर 17,00524 होता है. अगर इस संख्या में से 61% निकला तो 10,37,319.64 वोट EVM मशीन में दर्ज हुआ होगा।
इस संख्या पर गौर करे तो कासगंज विधानसभा पर सबसे अधिक मतदाताओं का जोश दिखाई दिया है.लेकिन मारहरा विधानसभा ने आखिरी एक घंटे में सारे रिकार्ड तोड़ दिए थे। शाम 5 बजे तक का वोट 9,55504 लाख पड़ चूका था. इसके बाद 6 बजे तक पांचो विधानसभा पर करीब 1 लाख वोट EVM तक गया. जिसके परिणाम स्वरुप एटा लोकसभा का मतदान प्रतिशत सीधा 61% तक एक दम उछाल मार गया। *सही रूप में देखे तो लोकसभा के अभी ECI ने आंकड़े प्रदर्शित नहीं किये है।
बीजेपी और सपा के बीच बसपा के कोर वोटर ने खुद को बेच कर धन कमाने में ही फायदा समझा होगा क्योंकि मुद्दे इस चुनाव में कई थे,परंतु संविधान के रास्ते दलित वोट को अखिलेश यादव ने अच्छे से भुनाया है। यह चुनाव बीजेपी के लिए लोकसभा एटा पर जंगे आजादी होगा।इसलिए 4 जून को वोटों की गिनती भी आहिस्ता-आहिस्ता होंगी चुंकि कुछ लोगों की राजनीति यही से दरवाजे बंद करेंगी। *सांसद राजवीर सिंह के सौ गुनाह होंगे लेकिन जनता ने इस बार गाली देते माफ किये है। राजनीति में वैचारिक मतभेद हो सकता है लेकिन व्यक्तिगत कटुता व्यक्तित्व को नष्ट कर देता है। कुछ ऐसा ही इस चुनाव के मतदान में देखने को मिला है।* बीजेपी को हार से दूर खड़ा किया है इस बार जनता ने..... धन्यवाद बोलना चाहिए।
★पी एस राजपूत ★
(एक स्वतंत्र लेखक) इस लेख में लिखें सभी शब्द स्वयं मेरे द्वारा लिखें गए है मैं इस पूरी गणना का स्वयं जिम्मेदार रहुँगा.