सबसे कीमती उपहार
 
                                सबसे कीमती उपहार
मनुष्य के लिये हवा,पानी और रोशनी अति आवश्यक है।यह कुदरत ने हम्हें निशुल्क प्रदान की है।इन चीजों के बिना हमारा जीवन व्यर्थ है पर अफशोस इस बात का है कि जो हमारे जीवन के लिये अति आवश्यक है और कुदरत ने हमे निशुल्क प्रदान की है वह है किसी दूसरे को उपहार देना ।
हम उसका सही से सार्थक मूल्यांकन नहीं कर पा रहे हैं। उपहार सुनकर हम सबके मन में एक जिज्ञासा आ जाती है कि यह उपहार में आयी वस्तु कितने की होगी क्योंकि हमारी सोच में सिर्फ और सिर्फ अर्थ के इर्द - गिद अपने स्वार्थ के हिसाब से सामने वाले के आँकलन का नजरिया होता है ।
इसका सही से चिन्तन हम करे तो कहा जाता है कि जरूरी नहीं है की वह दामों में कीमती कोई उपहार हो बल्कि कीमती वह उपहार है जो यहाँ- वहाँ हर जगह किसी भी प्रकार से खरीदा नहीं जा सकता हैं ।ऐसा बेशकीमती उपहार समय है क्योंकि समय का हर पल है ऐसा पल होता है जो जाने के बाद कभी लौटकर नहीं आता है । हम किसी को कुछ दे नहीं सकते परन्तु उसको समय तो दे सकते है ।
भले ही कुछ समय तक स्वार्थ का वाना पहनकर किए गए कार्य स्वयं को खुशियां प्रदान करें, लेकिन लंबे समय तक यह संभव नहीं। भगवान कृष्ण ने गीता में संदेश दिया है कि अवसर मिले तो सारथी बनना, स्वार्थी नहीं। आत्म अवलोकन करने पर स्वार्थी व्यक्ति को कुंठा के अतिरिक्त कुछ प्राप्त नहीं होता। जबकि अपनत्व, प्रेम व स्नेहवश किया गया नि:स्वार्थ कार्य, व्यवहार स्थाई सम्मान, प्रसन्नता प्रदान करने वाला होता है। नि:स्वार्थ भावना प्रेम से जन्मती है और प्रेम ईश्वर द्वारा मानव को दिया हुआ सर्वोत्तम उपहार है।
हम सब अपने को ईश्वर की संतान तो कहते हैं, लेकिन उनके दिए गुणों को आत्मसात कर उन्हें अहंकार व स्वार्थपरता से ढक देते हैं। यह हमारे उपयोग करने के ऊपर निर्भर है वो उसी वस्तु से पुण्यार्जन कर सकता है तो थोड़ी चुक होने पर पापार्जन भी कर सकता है।
स्वभाव भी ठीक उसी प्रकार से है जो विवेक, चिन्तन और शुभ आचरण से सुंदर हो सकता है।इसलिए किसी को अपने अमूल्य समय का उपहार दीजिए उसके साथ में कुछ समय बिताइए और उसके मन में बहार लाइए । जिससे जब भी अवसर आएगा वह यह क्षण हर बार याद रखेगा । प्रदीप छाजेड़
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 







 
                                                                                                                                                     
                                                                                                                                                     
                                                                                                                                                     
                                                                                                                                                     
                                                                                                                                                     
                                                                                                                                                     
                                             
                                             
                                             
                                             
                                            