Mainpuri Loksabha: क्या है इतिहास और किसका है कब्जा, किसकी हुई जीत
Mainpuri Loksabha: मैनपुरी संसदीय क्षेत्र पर इस समय समाजवादी पार्टी का कब्जा है। कद्दावर समाजवादी नेता मुलायम सिंह यादव के प्रपौत्र तेजप्रताप सिंह यादव, मैनपुरी संसदीय क्षेत्र का लोकसभा में समाजवादी पार्टी का प्रतिनिधित्व करते हैं।
उत्तर प्रदेश के 80 संसदीय क्षेत्रों में से मैनपुरी संसदीय क्षेत्र पर इस समय समाजवादी पार्टी का कब्जा है। समाजवादी नेता डिंपल यादव, मैनपुरी संसदीय क्षेत्र का लोकसभा में समाजवादी पार्टी का प्रतिनिधित्व करते हैं। उन्हें सियासी परिवारों वाले युवा सांसदों की श्रेणी में गिना जाता है।
इस सीट के जातिगत समीकरणों की बात करें तो यह यादव मतदाता बहुल सीट है, जिनकी कुल आबादी 6 लाख से ऊपर है जो कुल वोटर्स के 35 फीसदी से भी अधिक है। यहां की दूसरी बड़ी आबादी शाक्यों की हैं जिनके 2 लाख 50 हजार से अधिक वोटर्स यहां हैं। क्षत्रिय, ब्राह्मण, जाट, गुजर, सैनी और दलित जाति के वोटरों की भी उल्लेखनीय तादात यहां है। मुस्लिम आबादी भी यहां घनी है। अगर चुनाव आयोग के 2014 के आंकड़ों पर गौर करें तो इस सीट पर कुल 16 लाख से अधिक मतदाता हैं जिनमें से 9 लाख से अधिक पुरुष और 7 लाख से अधिक महिलाएं हैं।
मैनपुरी लोकसभा का इतिहास(Mainpuri Loksabha History)
देश में हुए पहले लोकसभा चुनाव 1952 से ही यह संसदीय क्षेत्र अस्तित्व में है और जब पहली बार 1952 में यहां चुनाव हुए तो भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के उम्मीदवार बादशाह गुप्ता यहां से लोकसभा पहुंचे। कुछ अंतराल के बाद 1962 में भी कांग्रेस की टिकट पर वही चुने गए। अब तक सम्पन्न हुए 16 लोकसभा चुनावों और 3 उपचुनावों में सर्वाधिक 13 बार समाजवादी मूल की सियासी पार्टियां (2 उपचुनाव सहित) और 6 बार कांग्रेस (1 उपचुनाव सहित) यहां से चुनाव जीती हैं। वर्ष 2014 में हुए लोकसभा उपचुनाव में समाजवादी युवराज तेजप्रताप सिंह यादव ने यहां से जीत हासिल की है।
यह संसदीय क्षेत्र इस मायने में भी महत्वपूर्ण है कि यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव वर्ष 1996 और 2009 में यहां से चुनाव जीत चुके हैं। यूं तो 2004 और 2014 में भी वो यहां से चुनाव जीते थे, लेकिन बाद में त्यागपत्र देकर इस सीट को छोड़ दिया था। खास बात यह कि 2004 के उपचुनाव में उनका प्रपौत्र धर्मेंद्र यादव और 2014 में उनके दूसरे प्रपौत्र तेजप्रताप सिंह यादव उनकी ही पार्टी की टिकट पर यहां से चुनाव जीते थे।
कांग्रेस नेता महाराज सिंह 1967 और 1971 में, प्रजा सोशलिस्ट पार्टी नेता बंशी दास धांगर 1957 में, समाजवादी नेता रघुनाथ सिंह वर्मा भारतीय लोकदल से 1977 में और जनता पार्टी सेक्युलर से 1980 में यहां बाजी मारी और लोकसभा पहुंचे।
कांग्रेस नेता चौधरी बलिराम सिंह यादव 1984 में यहां से लोकसभा पहुंचे। बाद में वो समाजवादी पार्टी में शामिल होकर 1998 और 1999 में भी लोकसभा पहुंचे। जनता दल नेता उदय प्रताप सिंह 1989 में यहां का प्रतिनिधित्व किया। फिर वह समाजवादी जनता पार्टी में शामिल हो गए और 1991 में लगातार दूसरी बार लोकसभा पहुंचे।
2014 के लोकसभा उपचुनाव में समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार तेजप्रताप सिंह यादव ने भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी प्रेम सिंह शाक्य को मात दी थी।
2008 में परिसीमन के बाद इस संसदीय सीट का स्वरूप बदल गया। अब 5 विधानसभा क्षेत्र इस लोकसभा सीट के अंतर्गत आते हैं। वह हैं- मैनपुरी, भोगांव, किशनी, करहल और जसवंतनगर। खास बात यह है कि इन सभी 5 विधानसभा सीटों में से 4 पर समाजवादी पार्टी और 1 पर भारतीय जनता पार्टी का कब्जा है। सिर्फ भोगांव सीट पर ही भाजपा काबिज है। यद्यपि केंद्र और यूपी में भारतीय जनता पार्टी का ही शासन है, फिर भी महागठबंधन यहां उम्मीद से अधिक मजबूत है, क्योंकि अतीत भी उसी के पक्ष में रहा है। अब सपा की इस सिटिंग सीट को बीजेपी कैसे अपने पाले में करेगी, यह देखना महत्त्वपूर्ण होगा।
इस सीट पर मुख्यतः मुकाबला समाजवादी पार्टी गठबंधन और बीजेपी गठबंधन के बीच ही होगा। जिसे कांग्रेस त्रिकोणीय मुकाबले में तब्दील कर सकती है। 2014 के लोकसभा उपचुनाव में भाजपा उम्मीदवार प्रेम सिंह शाक्य यहां दूसरे नंबर पर रहे थे, जबकि आरएसएमडी उम्मीदवार ए के शाक्य 5,587 वोट पाकर यहां तीसरे नंबर पर रहे थे।
मैनपुरी सपा का गढ़ माना जाता है। साल 2019 के लोकसभा चुनाव में इस सीट से मुलायम सिंह यादव ने जीत हासिल की थी। हांलाकि मुलायम सिंह के निधन के बाद दिसंबर 2022 में हुए उपचुनाव में उनकी बहू डिंपल यादव ने यहां पर 2.88 लाख मतों से भारी जीत हासिल की। डिंपल यादव को 6,18,120 वोट मिले थे। तो वहीं बीजेपी के रघुराज सिंह शाक्य को 3,29,659 वोट हासिल हुए थे।
Mainpuri Loksabha: कौन कब जीता चुनाव?
समय | पार्टी | नेता |
---|---|---|
1952-1957 | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस | बादशाह गुप्ता |
1957-1962 | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस | बादशाह गुप्ता |
1962-1967 | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस | - |
1967-1971 | कांग्रेस | महाराज सिंह |
1971-1977 | कांग्रेस | महाराज सिंह |
1977-1980 | प्रजा सोशलिस्ट पार्टी | बंशी दास धांगर |
1980-1984 | भारतीय लोकदल | रघुनाथ सिंह वर्मा |
1984-1989 | जनता पार्टी सेक्युलर | - |
1989-1991 | जनता दल | उदय प्रताप सिंह |
1991-1996 | समाजवादी जनता पार्टी | चौधरी बलिराम सिंह यादव |
1996-1998 | समाजवादी पार्टी | मुलायम सिंह यादव |
1998-1999 | समाजवादी पार्टी | मुलायम सिंह यादव |
1999-2004 | समाजवादी पार्टी | मुलायम सिंह यादव |
2004-2008 | समाजवादी पार्टी | मुलायम सिंह यादव |
2008-2014 | समाजवादी पार्टी | मुलायम सिंह यादव |
2014-2019 | समाजवादी पार्टी | तेजप्रताप सिंह यादव |
2019-2022 | समाजवादी पार्टी | मुलायम सिंह यादव |
2022-वर्तमान | समाजवादी पार्टी | डिंपल यादव |
डिंपल यादव निजी जीवन (Dimple Yadav Wiki)
पूरा नाम | डिंपल यादव |
जन्म तिथि | 15 जनवरी 1978 |
जन्म स्थान | पुणे, महाराष्ट्र |
राजनीतिक पार्टी | समाजवादी पार्टी |
संसदीय क्षेत्र | उत्तर प्रदेश, मैनपुरी |
पद | दिसंबर 2022 से संसद सदस्य |
पूर्व पद | कन्नौज से संसद सदस्य |
पति | अखिलेश यादव, समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष, पूर्व उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री |
शिक्षा | लखनऊ विश्वविद्यालय से वाणिज्य में स्नातक |
वैवाहिक स्थिति | विवाहित |
बच्चे | दो बेटियाँ और एक बेटा |
महत्वपूर्ण घटनाएं | 2012 में कन्नौज संसद सीट से अनिवासी चुनी गई; मुलायम सिंह यादव की मृत्यु के बाद मैनपुरी लोकसभा सीट से उपचुनाव में विजयी |
- उन्होंने लखनऊ विश्वविद्यालय से वाणिज्य में स्नातक की पढ़ाई की।
- डिंपल यादव ने महिलाओं के उत्थान और समाज में उनकी भूमिका को मजबूत करने के लिए कई पहलू बढ़ाए हैं। उन्होंने महिलाओं के अधिकारों की रक्षा और समर्थन के लिए लड़ा है।
- उनके पति हैं समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और पूर्व उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव।
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