राजा परीक्षित के जन्म की कथा सुनाई
माधवबाड़ी स्थित रामायण मंदिर में भागवत कथा के दूसरे दिन बुधवार को कथा व्यास डाॅ. संजय कृष्ण सलिल ने परीक्षित जन्म और सुखदेव आगमन के प्रसंग का वर्णन किया। उन्होंने बताया कि एक दिन परीक्षित क्रमिक मुनि से मिलने आश्रम गए। उन्होंने आवाज लगाई, लेकिन तप में लीन होने के कारण मुनि ने कोई उत्तर नहीं दिया।राजा परीक्षित स्वयं का अपमान मानकर निकट मृत पड़े सर्प को क्रमिक मुनि के गले में डाल कर चले गए। कथा में मुख्य यजमान वंदना और विवेक सिंह रहे। विपिन गांधी ,भविष्य अरोड़ा, राम अरोड़ा, मनोज अरोड़ा, पवन अरोड़ा आदि का सहयोग रहा।
माधवबाड़ी स्थित रामायण मंदिर में भागवत कथा के दूसरे दिन बुधवार को कथा व्यास डाॅ. संजय कृष्ण सलिल ने परीक्षित जन्म और सुखदेव आगमन के प्रसंग का वर्णन किया। उन्होंने बताया कि एक दिन परीक्षित क्रमिक मुनि से मिलने आश्रम गए। उन्होंने आवाज लगाई, लेकिन तप में लीन होने के कारण मुनि ने कोई उत्तर नहीं दिया।
राजा परीक्षित स्वयं का अपमान मानकर निकट मृत पड़े सर्प को क्रमिक मुनि के गले में डाल कर चले गए। कथा में मुख्य यजमान वंदना और विवेक सिंह रहे। विपिन गांधी ,भविष्य अरोड़ा, राम अरोड़ा, मनोज अरोड़ा, पवन अरोड़ा आदि का सहयोग रहा।