UP के 43 जिलों के पानी में फ्लोराइड का स्तर बेहद खतरनाक
UP के 75 में से 43 जिलों के पानी में फ्लोराइड की मात्रा खतरनाक स्तर पर पहुंच गई है। इसमें दिल्ली के नजदीक गौतम बुद्ध नगर व गाजियाबाद भी शामिल हैं।
राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) को भेजी केंद्रीय भूजल प्राधिकरण (सीजीडब्ल्यूए) की रिपोर्ट के मुताबिक यूपी सहित देश में 469 जिलों में फ्लोराइड और 230 जिलों में आर्सेनिक की अधिकता मिली है।
एनजीटी ने यूपी सहित 27 राज्यों के मुख्य सचिव के साथ सीजीडब्ल्यूए, केंद्र सरकार के सचिव वन और पर्यावरण को इसकी रोकथाम और बचाव के लिए उठाए गए कदमों पर रिपोर्ट मांगी है। सुनवाई 15 फरवरी को होगी।
एनजीटी को 18 दिसंबर को सौंपी रिपोर्ट में सीजीडब्ल्यूए ने माना कि पानी में फ्लोराइड व आर्सेनिक की मौजूदगी लोगों की सेहत के लिए खतरा हैं। भूगर्भ जल में फ्लोराइड की तय मात्रा 1 मिलीग्राम/लीटर है।
देशभर के 469 जिलों में फ्लोराइड की मात्रा 1.5 मिलीग्राम प्रति लीटर से अधिक मिली है। गौतम बुद्ध नगर में 70 फीसदी निर्भरता भूगर्भ जल पर विशेषज्ञ भले ही फ्लोराइड वाले पानी को नहीं पीने के लिए कह रहे हों। लेकिन गौतम बुद्ध नगर में अभी भी करीब 70 फीसदी पेयजल आपूर्ति सीधे भूगर्भ जल पर ही निर्भर करती है।
बड़ी संख्या में लोगों के पास इस पानी को शोधित करने के जरूरी साधन जैसे आरओ सिस्टम तक उपलब्ध नहीं हैं। गंगाजल की आपूर्ति भी सीमित ही है जिसे भूगर्भ जल में मिलाकर ही नोएडा के अधिकांश इलाकों में आपूर्ति होती है। जिले के दूसरे इलाकों में भूगर्भ जल की पेयजल के लिए स्रोत है।
इन जिलों के पानी में फ्लोराइड अधिक आगरा, अलीगढ़, प्रयागराज, औरैया, बांदा, आजमगढ़, बुलंदशहर, चित्रकूट, एटा, इटावा, फर्रुखाबाद, फतेहपुर, फिरोजाबाद, गौतमबुद्धनगर, गाजीपुर, गोंडा, गाजियाबाद, हमीरपुर, हाथरस, जौनपुर, कन्नौज, कानपुर नगर, महोबा, कांशीरामनगर, ललितपुर, मैनपुरी, मथुरा, मऊ, प्रतापगढ़, रायबरेली, शाहजहांपुर समेत अन्य जिले भी शामिल हैं।