उत्तर प्रदेश सरकार की बड़ी कार्रवाई: स्टांप व पंजीयन विभाग में हुए 200 तबादले तत्काल रद्द, करोड़ों के भ्रष्टाचार की जांच शुरू

उत्तर प्रदेश सरकार की बड़ी कार्रवाई: स्टांप व पंजीयन विभाग में हुए 200 तबादले तत्काल रद्द, करोड़ों के भ्रष्टाचार की जांच शुरू
लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार ने स्टांप और पंजीयन विभाग में हुए **200 तबादलों को तत्काल प्रभाव से रद्द** कर दिया है। इन सभी नियुक्तियों को **“शून्य सत्र”** घोषित किया गया है। यह फैसला तब लिया गया जब विभाग में **भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप** सामने आए। आरोप है कि इन तबादलों और नियुक्तियों में **करोड़ों रुपए की अवैध लेनदेन** हुई है। राज्य के स्टांप एवं पंजीयन मंत्री
**रविंद्र जायसवाल** ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए विभाग के **आईजी समीर वर्मा (IAS)** के खिलाफ **उच्च स्तरीय जांच** के आदेश दे दिए हैं। जांच के बाद दोषियों के खिलाफ **कड़ी कार्रवाई** की जाएगी। **87 उपनिबंधकों और 114 कनिष्ठ सहायकों के तबादले रद्द** रद्द किए गए तबादलों में 87 उपनिबंधक और 114 कनिष्ठ सहायक शामिल हैं।
सूत्रों के अनुसार, इन तबादलों में कुछ बाबुओं को **बिना योग्यता** के महत्वपूर्ण पदों पर नियुक्त किया गया था। मामले की गंभीरता को देखते हुए **मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ** ने भी हस्तक्षेप करते हुए सभी निबंधकों और उप-निबंधकों के ट्रांसफर पर **तत्काल रोक** लगा दी है। **आईजी समीर वर्मा की भूमिका संदेह के घेरे में** जांच के दायरे में विभाग के आईजी समीर वर्मा की भूमिका सबसे अहम मानी जा रही है। उनके खिलाफ शुरुआती शिकायतों के आधार पर ही मंत्री ने कार्रवाई की पहल की है। अब उनकी भूमिका की **गहन पड़ताल** की जाएगी।
**भ्रष्टाचार पर ‘जीरो टॉलरेंस’ की नीति** मंत्री रविंद्र जायसवाल ने स्पष्ट किया कि सरकार **भ्रष्टाचार के खिलाफ किसी भी प्रकार की रियायत नहीं** देगी। दोषी पाए गए अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ **सख्त से सख्त कार्रवाई** सुनिश्चित की जाएगी। **विशेष टिप्पणी:** तबादलों के इस कथित खेल ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि कैसे बिना किसी पारदर्शिता और प्रक्रिया के इतने बड़े पैमाने पर नियुक्तियां की जाती हैं? अब निगाहें जांच रिपोर्ट और मुख्यमंत्री के अगले कदम पर टिकी हैं।