दूर हुई मन की भ्रांति तो टीकाकरण के लिए तैयार हो गये 492 परिवार
दूर हुई मन की भ्रांति तो टीकाकरण के लिए तैयार हो गये 492 परिवार
स्वास्थ्य विभाग और यूनिसेफ के संयुक्त प्रयासों से हो रहा उदासीन परिवारों में टीकाकरण विभिन्न जानलेवा से बीमारियों से बचाव करता है नियमित टीकाकरण
कासगंज । नियमित टीकाकरण के प्रति समुदाय में फैली भ्रांतियों व उदासीनता के कारण सातों ब्लॉकों में 1655 परिवारों के बच्चों का टीकाकरण नहीं हो पाया था । जब इन परिवारों के मन में बैठी भ्रांति दूर की गयी तो 492 परिवारों ने टीकाकरण करवा लिया। यह संभव हो पाया स्वास्थ्य विभाग और यूनिसेफ संस्था के संयुक्त प्रयासों से धर्म गुरु, ग्राम प्रधान व अन्य स्थानीय प्रभावशाली लोगों की मदद से इन परिवारों को टीकाकरण के लिए राजी किया।
उन्हें समझाया गया कि नियमित टीकाकरण विभिन्न प्रकार की जानलेवा बीमारियों से बच्चों की रक्षा करता है। जनपद के ब्लॉक सोरों के ग्राम विधोनी निवासी वीरेश का कहना है कि सुशांत उनका पहला बच्चा है। जिसकी उम्र एक वर्ष है। उसे बी. सी. जी व पेंटावेलेंट टीका की पहली व दूसरी डोज़ उन्होंने लगवाई थी। टीका लगने के बाद बच्चा बहुत रोया और उसे बुखार भी हो गया था। बुखार और पैर में सूजन के डर की वजह से बच्चे को पेंटावेलेंट टीके की तीसरी डोज़ व खसरा का टीका उन्होंने नहीं लगवाया। गाँव की आशा, आंगनबाड़ी और एएनएम ने भी उन्हें मनाया लेकिन वह तैयार नहीं हुए।
स्वास्थ्य विभाग व यूनिसेफ की टीम उनके घर आई और उन्हें टीकाकरण के फायदे बताए। टीम ने समझाया कि टीका न लगवाने से बच्चे को निमोनिया हो जाएगा तो पैसा भी खर्चा होगा और बच्चा भी बीमार रहेगा। टीकाकरण से बच्चे की रक्षा होगी और अनावश्यक पैसे भी नहीं खर्च होंगे। यह भी बताया कि टीकाकरण के कारण होने वाला बुखार सामान्य है और इससे घबराने की आवश्यकता नहीं है। कुछ टीकों से ऐसा होता है।
इसके बाद सुशांत को पेंटावेलेंट की तीसरी डोज़ व खसरा का टीका भी लगवा लिया। वीरेश ने बताया टीका लगने के बाद एएनएम ने दवा दिया और बताया कि थोड़ा सा बुखार व दर्द होने पर दवा देना है साथ में टीके वाली जगह पर बर्फ से सिंकाई भी करनी है। ऐसा करने से सुशांत को कोई दिक्कत नहीं हुई । इसी तरह ग्राम गंगागढ़ निवासी जुगेंद्र ने बताया कि पल्ल्वी (नौ माह) उनकी दूसरी बेटी है। उन्होंने उसको एक भी टीका नहीं लगवाया था। इससे पहले भी अपनी बड़ी बेटी अंशिका जो कि चार वर्ष की हो गई है, उसको कभी भी टीका नहीं लगवाया। पड़ोस में एक बच्चे के बीमार होने के बाद वह भी डर गये थे । गाँव में यूनिसेफ व स्वास्थ्य विभाग ने बैठक में टीकाकरण के फायदे बताए। टीम ने समझाया कि कुछ टीकों के लगने पर बच्चे को थोड़ा सा बुखार व दर्द होता है जो कि एएनएम द्वारा दी गई दवा को खिलाने पर ठीक हो जाता है।
यूनिसेफ के बीएमसी ने अपना फ़ोन नंबर दिया और कहा कोई भी परेशानी होने पर फ़ोन कर लें। इसके बाद बच्ची का टीकाकरण कराया गया और वह स्वस्थ है। जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ. अंजुश सिंह ने कहा कि जिले के सात ब्लॉक में 1655 परिवार ऐसे थे जो टीकाकरण के प्रति उदासीन थे। इन परिवारों के मन की शंका को दूर किया गया तो 492 परिवार के बच्चों का टीकाकरण संभव हो सका अन्य परिवारों को भी तैयार किया जा रहा है। अभिभावकों को संदेश दिया जा रहा है कि सरकारी अस्पताल का टीका सुरक्षित और असरदार है।
जिला प्रतिरक्षण अधिकारी ने कहा कि नियमित टीकाकरण टिटनेस, क्षय रोग, हेपाटाइटिस, पोलियो, निमोनिया, काली खाँसी, गलघोंटू, दस्त,खसरा और रतौंधी जैसी 12 जानलेवा बीमारियों से बचाव करता है। उन्होंने कहा कि जानलेवा बीमारियों से बचाव के लिए नियमित टीकाकरण कारगर उपाय है। उन्होंने सभी अभिभावकों से अपील की है कि अपने बच्चों का सम्पूर्ण टीकाकरण कराएं। यूनीसेफ जिला समन्वयक राजीव चौहान ने बताया कि ब्लॉक कासगंज, सोरों, गंजडुण्डवारा, पटियाली, सहावर, अमापुर और सिढ़पुरा में उदासीन परिवारों को तैयार करने के लिए गृह भ्रमण किया गया । अभी भी 1163 उदासीन परिवार हैं जिन्हें नियमित टीकाकरण के लिए तैयार किया जा रहा है।