सारगर्भित शब्द चार
सारगर्भित शब्द चार
जिसके जीवन में समझदारी, जवाबदारी, वफ़ादारी और ईमानदारी का दुर्लभ गुण आ जाता है वह जीवन की सारी समझ को जान जाता है । जीवन की सत्यता का व्यवहार के धरातल पर आचरण जीवन को बहुत सुंदर बना देते है ।
हमारे भी कषायों की मन्दता हो उपशान्त हो हमारे सब कषाय। प्रशस्त राग को छोड़ने की भूमिका को अपनाने में हम सफल हो । क्योंकि हम सबकी मृत्यु तो निश्चित है जो की अवश्यम्भावी सत्य है । जिसको नकारने की भूल हम न करें कभी भी लेकिन व्यवहार के धरातल पर प्रबुद्ध ज्ञानी गुणी का हमे बोध प्रेरणा मार्गदर्शन देता हैं ।
हमारा जीवन सतत प्रवाहमान और गतिशीलता से प्रवर्धमान होता रहें निरन्तर जिससे हमारी आत्मा पर चढ़ी हुई मलिनता की परत उतर सकें कुछ अंशों में। विनम्रता ही मानव जीवन में विजय का अचूक अमोघ,अकाट्य मंत्र है। सफलता के सोपान का यह शक्तिशाली सक्रिय, सुदृढ तंत्र है। प्रकृति के कण-कण मे यह विनम्रता की परछाई समाहित है ।
जो विनम्र नहीं वह अंहकार के सुदृढ पाश से बंधा परतंत्र है। तूफ़ानों के सामने न झुकने वाले वृक्ष उखङ जाते है।सूखे हुए पत्ते हवा के हल्के से स्पर्श से झङ जाते हैं। जरूरी है अपने मे समभाव से सहने की क्षमता को सही जगाना से क्योंकि लचीलापन है जिन्दादिली, मुर्दे तो अकङ जाते है।
यह शाशवत सत्य है कि मानव अपने जन्म के साथ ही जीवन, मरण, यश, अपयश, लाभ, हानि, स्वास्थ्य, बीमारी, देह, रंग, परिवार, समाज, देश और स्थान आदि सब कुछ पहले से ही निर्धारित करके आता है। भोगावली कर्म सबको भोगने ही पड़ते है ।इस तरह जिस व्यक्ति में जीवन के सारगर्भित सभी गुण आचरण में आ जाते है तो समझ लें वह गुणों का भण्डार है । जो परिवार , समाज आदि में सबका प्यारा सबसे न्यारा चमकता सितारा है। प्रदीप छाजेड़ ( बोरावड़)