लखनऊ में मायावती की रैली ने बदले सियासी समीकरण, ‘विशेष’ समर्थन बना चर्चा का केंद्र

Oct 10, 2025 - 09:22
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लखनऊ में मायावती की रैली ने बदले सियासी समीकरण, ‘विशेष’ समर्थन बना चर्चा का केंद्र

लखनऊ में मायावती की रैली ने बदले सियासी समीकरण, ‘विशेष’ समर्थन बना चर्चा का केंद्र

*राजनीतिक गलियारों में हलचल, बसपा ने बताया बड़ी सफलता

लखनऊ। कई महीनों की सियासी खामोशी के बाद बहुजन समाज पार्टी (बसपा) सुप्रीमो मायावती ने लखनऊ में रविवार को एक बड़ी रैली के जरिए वापसी का बिगुल फूंक दिया। रैली में उमड़ी भीड़ ने पार्टी कार्यकर्ताओं को उत्साहित किया, वहीं विरोधियों के खेमे में हलचल तेज हो गई है। बसपा नेताओं ने इस रैली को "ऐतिहासिक" और "जनता का आशीर्वाद" बताया है, जबकि राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि इस रैली की सफलता में "विशेष समर्थन" की अहम भूमिका रही है। हालांकि, इस "विशेष" शब्द को लेकर राजनीतिक गलियारों में कई तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं। मायावती ने अपने संबोधन में न सिर्फ भाजपा और सपा पर निशाना साधा, बल्कि आगामी विधानसभा चुनावों को लेकर पार्टी की रणनीति के संकेत भी दिए। उन्होंने कहा, "अब समय आ गया है कि बहुजन समाज दोबारा सत्ता में भागीदारी सुनिश्चित करे।" रैली में शामिल बड़ी संख्या में लोगों को देखकर सवाल उठ रहे हैं कि क्या यह भीड़ केवल जनाधार की है या इसके पीछे कोई ‘प्रेरित तंत्र’ भी है।

जानकारों का कहना है कि बसपा की यह रैली "नेरेटिव सेट" करने की एक कोशिश भी हो सकती है, जिसमें कुछ खास वर्गों का सहयोग भी रहा है। राजनीतिक विश्लेषक प्रो. रमेश दीक्षित का कहना है, "मायावती की यह रैली आने वाले चुनावों की तैयारी का ट्रेलर है। लेकिन इसकी सफलता कितनी स्थायी होगी, यह देखना दिलचस्प होगा।" गौरतलब है कि 2024 के लोकसभा चुनावों में निराशाजनक प्रदर्शन के बाद बसपा पूरी तरह से बैकफुट पर चली गई थी। लंबे समय से मायावती ने सार्वजनिक मंचों से दूरी बनाए रखी थी। ऐसे में लखनऊ की रैली को बसपा की सक्रिय राजनीति में वापसी के रूप में देखा जा रहा है।