बांग्लादेश पहुंचे अमेरिकी सैनिक, एंट्री का नहीं रिकार्ड, भारत के खिलाफ अब क्या करने वाले हैं यूनुस?
Bangladesh: शेख हसीना के तख्तापलट के बाद से भारत और बांग्लादेश के रिश्ते तनावपूर्ण चल रहे हैं। अंतरिम सरकार के प्रमुख मुहम्मद यूनुस सत्ता परिवर्तन के बाद लगातार चुनौतियों का सामना कर रहें हैं। इस बीच बांग्लादेश में अमेरिकी सैनिकों की बढ़ती संख्या ने एक नए विवाद को जन्म दे दिया है।
खासकर अमेरिकी सैनिकों रहने खाने को लेकर बरती जा रही सतर्कता ने शक पैदा कर दिया है। जानकारी के मुताबिक, बिते दिनों 10 सितंबर को अमेरिकी वायु सेना और अमेरिकी सेना के लगभग 120 अधिकारी ढाका से चटगांव पहुंचे। उनके ठहरने के लिए ढाका के प्रसिद्ध रेडिसन ब्लू होटल में 85 कमरे पहले से बुक किए गए थे। लेकिन होटल के रजिस्टर में किसी भी अधिकारी का नाम दर्ज नहीं किया गया। हालांकि, आधिकारिक बयान में कहा गया है कि सैनिक संयुक्त सैन्य अभ्यास के लिए बांग्लादेश आए हैं।
बता दें कि, 14 सितंबर को चटगांव एयरपोर्ट पर मिस्र की वायु सेना का एक विमान उतरा, और इसके अगले ही दिन अमेरिकी सैनिकों ने बांग्लादेश वायु सेना के पटेंगा एयरबेस का निरीक्षण किया था। इन घटनाओं ने यह साफ कर दिया है कि बांग्लादेश इस समय कई वैश्विक शक्तियों की सैन्य कूटनीति का केंद्र बनता जा रहा है। अमेरिकी सैनिकों की उपस्थिति तब और चर्चा में आ गई जब 31 अगस्त को ढाका के वेस्टिन होटल में अमेरिकी विशेष बल कमान के अधिकारी टेरेंस अर्वेले जैक्सन मृत पाए गए। अप्रैल में बांग्लादेश पहुंचे इस अधिकारी की मौत को संदिग्ध माना जा रहा है। हालांकि, अमेरिकी और बांग्लादेशी अधिकारियों ने इस मामले पर अब तक कोई सार्वजनिक टिप्पणी नहीं की है, जिससे इस घटना को लेकर संदेह और भी गहरा गया है।
अमेरिकी सैनिक पहले भी बांग्लादेश में “टाइगर लाइटनिंग 2025” और “ऑपरेशन लाइटनिंग” जैसे सैन्य अभ्यासों में भाग ले चुके हैं। इन अभ्यासों का उद्देश्य क्षेत्रीय सुरक्षा को मजबूत करना, सेनाओं के बीच समन्वय बढ़ाना और शांति स्थापना के प्रयासों को समर्थन देना रहा है। शेख हसीना सरकार के पतन के बाद इन गतिविधियों को अमेरिका की बांग्लादेश में बढ़ती रणनीतिक दिलचस्पी के रूप में देखा जा रहा है।





