गणपति बप्पा मोरया! 27 अगस्त को देशभर में धूमधाम से मनाई जाएगी गणेश चतुर्थी

गणपति बप्पा मोरया! 27 अगस्त को देशभर में धूमधाम से मनाई जाएगी गणेश चतुर्थी
बुद्धि, समृद्धि और शुभता के देवता **भगवान गणेश** के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाने वाला **गणेश चतुर्थी** का पावन पर्व इस वर्ष **27 अगस्त 2025, बुधवार** को पूरे देश में श्रद्धा और उत्साह से मनाया जाएगा। इस दिन भक्त गणपति बप्पा की मूर्ति को घरों और पंडालों में विधिवत स्थापित कर, 10 दिनों तक विशेष पूजा-अर्चना करेंगे। हिंदू पंचांग के अनुसार, **चतुर्थी तिथि** का आरंभ **26 अगस्त को दोपहर 3:09 बजे** से हो रहा है और यह समाप्त होगी **27 अगस्त को दोपहर 1:54 बजे**।
? **गणेश पूजा का शुभ मुहूर्त:** गणेश चतुर्थी पर पूजा का सबसे उत्तम समय **मध्याह्न मुहूर्त** होता है। **पूजा का समय:** सुबह **11:24 बजे से दोपहर 01:54 बजे तक** (अवधि: 2 घंटे 30 मिनट)
? **पूजन सामग्री की सूची:** गणेश चतुर्थी की पूजा पूरी विधि-विधान से करने के लिए निम्नलिखित सामग्री की आवश्यकता होगी: * भगवान गणेश की मूर्ति (इको-फ्रेंडली मिट्टी की मूर्ति को दें प्राथमिकता) * ताजा फूल व माला * दूर्वा घास (गणेश जी को अति प्रिय) * मोदक या लड्डू (प्रिय भोग) * ताजे फल (केला, सेब आदि) * चंदन, सिंदूर, रोली या कुमकुम * दीपक, धूप, अगरबत्ती * घी/तेल, कपूर * अक्षत (चावल) * नारियल, जनेऊ, सुपारी, पान के पत्ते * जल कलश, गंगाजल (यदि उपलब्ध हो) * लौंग, इलायची, दक्षिणा * लाल वस्त्र (गणेश जी को अर्पित करने हेतु)
? **सिर्फ पूजा नहीं, परिवारिक मिलन का भी पर्व** गणेश चतुर्थी केवल धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि **सामाजिक एकता और सामूहिक खुशियों का प्रतीक** भी है। इस दिन से शुरू होकर **अनंत चतुर्दशी** तक पूरे 10 दिन तक गणेशोत्सव की धूम रहती है — भक्ति संगीत, सांस्कृतिक आयोजन, और सामूहिक भोज के साथ माहौल भक्तिमय हो जाता है। इस वर्ष भी लाखों श्रद्धालु गणपति बप्पा का भव्य स्वागत करने को तैयार हैं। तो आइए, पूरे हर्षोल्लास से गूंज उठे — **“गणपति बप्पा मोरया, मंगलमूर्ति मोरया!”**