संक्रमण का खतरा सावधानी ही उपाय

इस समय मौसम में बहुत तेजी से उतार-चढ़ाव हो रहा है, कभी बारिश की वजह से मौसम थोड़ा ठंडा हो जाता है, कभी गरमी अचानक बढ़ जाती है। इसके चलते कई नए तरह के जीवाणु और विषाणु पैदा हो रहे हैं। इसी चलते कोरोना के नए बहुरूप भी उभर आए हैं। यों, आमतौर पर इस मौसम में लोगों को सांस की तकलीफ, सर्दी-खांसी-जुकाम और बुखार की शिकायत बढ़ जाती है। पर, मौसम के उतार-चढ़ाव के कारण यह संक्रमण तेजी से उभरता देखा जा रहा है।
इसके चलते लोगों में फिर से स्वाभाविक भय का वातावरण बन रहा है। सरकारें भी लोगों से सावधान रहने को कह रही हैं। मगर यह कोई घबराने की बात या भयभीत होकर अस्पतालों के चक्कर काटने की स्थिति नहीं है । थोड़ी सावधानी बरतें, तो इस समस्या से बहुत आसानी से पार पाया जा सकता है। हाथ-मुंह धोते रहें संक्रमण का खतरा सबसे अधिक हाथों और नाक के जरिए होता है । जब भी और जहां भी मौका मिले, हाथों को साबुन से जरूर धोएं। आंखों पर छींटे मारें और मुंह धोते रहें। अगर सेनेटाइजर का उपयोग करते रहें, तो और अच्छा। कोरोना के वक्त जिस तरह साफ- सफाई का ध्यान रखते थे, उसी तरह इस मौसम में भी सावधानी बरतें, खासकर बच्चों को इससे बचने की हिदायत अवश्य दें । मास्क पहनें संक्रमण का दूसरा सबसे अधिक खतरा सांसों के विषाणु प्रवेश से होता है। जब भी आप किसी सर्दी-जुकाम-खांसी से पीड़ित व्यक्ति के पास उठते-बैठते हैं, तो उसके विषाणु का प्रभाव आप पर भी पड़ने का अंदेशा रहता है। इसलिए जब भी घर से बाहर निकलें तो मास्क अवश्य पहनें। अगर घर में किसी व्यक्ति को संक्रमण है, तो उससे मास्क पहन कर रहने को कहें और उससे दूरी बनाए रखें। खानपान का ध्यान किसी भी प्रकार के संक्रमण से बचाव का सर्वोत्तम तरीका है कि अपने शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाएं। इसके लिए ताजा पका भोजन ही करें। भोजन में फल और हरी सब्जियों की मात्रा बढ़ा दें ।
घर में ही निकाल कर फलों का रस पीएं। बाहर का भोजन बिल्कुल त्याग दें। इस मौसम में बाहर के बने भोजन से पाचन-तंत्र और उसके चलते प्रतिरोधक क्षमता कमजोर पड़ने की आशंका सबसे अधिक रहती है। बाहर के भोजन के बजाय घर का बना और गरमागरम खाना ही खाएं। थोड़ी-थोड़ी देर पर पानी या इलेक्ट्राल और ओआरएस घोल लेते रहें । बेवजह काढ़ा आदि लेने का प्रयास न करें । संक्रमण की स्थिति में अगर खांसी जुकाम- बुखार, गले में खिचखिच हो जाए, तो घबराने की कतई जरूरत नहीं। किसी चिकित्सक से संपर्क करें और सामान्य दिनों की तरह ही उपचार कराएं।
अगर सांस की तकलीफ अधिक बढ़ जाए, तभी कोरोना की जांच कराएं और फिर चिकित्सकों की सलाह से उपचार शुरू करें। इस बात का सदा ध्यान रखें कि घबराहट से बीमारियां ज्यादा तेजी से अपना असर दिखाती हैं। जितना सामान्य और सहज रहेंगे, बेवजह भय में नहीं रहेंगे, उतनी ही जल्दी स्वस्थ भी होंगे। विजय गर्ग सेवानिवृत्त प्रिंसिपल मलोट