UP Politics : मायावती 10 विधानसभा उप चुनाव में उतरेंगी अपने प्रत्याशी , राजनीति गर्म
उत्तर प्रदेश की जिन 10 विधानसभा सीटों के लिए उपचुनाव होने हैं उसमें प्रयागराज की फूलपुर विधानसभा सीट भी शामिल है. जहां लोकसभा में बीजेपी प्रत्याशी प्रवीण पटेल के यहां से जीतने के बाद यह विधान सभा सीट खाली हुई है।
सपा इस पटेल बाहुल्य आबादी में किस पर दांव लगाए इसे लेकर मंथन जारी था, लेकिन इसी बीच बसपा सुप्रीमो मायावती ने भी इस बार इस उपचुनाव में अपने प्रत्याशी उतारने का ऐलान कर बीजेपी और सपा को हैरान कर दिया है। लोकसभा चुनाव में मिली हार के बाद मायावती ने बड़ा फैसला लिया है, क्योंकि बसपा सुप्रीमो मायावती उपचुनाव में अपने प्रत्याशी उतारने से बचती हुई नजर आई हैं।
लेकिन फूलपुर विधानसभा में बसपा का मजबूत वोट बैंक है जो आने वाले उपचुनाव में बीजेपी और सपा की जीत का कांटा बन सकता है। सभी राजनीतिक पार्टियों ने इस फूलपुर उपचुनाव में जाने के लिए अभी से अपनी तैयारियां तेज कर दी हैं. फूलपुर विधानसभा सीट पर यहां से विधायक रहे प्रवीण पटेल के लोकसभा में चुनाव जीतने के बाद खाली हुई है.इसके बाद से ही सपा और बीजेपी खेमें में प्रत्याशियों के चयन को लेकर सियासी हवाएं तेज हो गई हैं।
इस दौरान बीजेपी के पास जो पैनल में नाम आए हैं, उनमें स्थानीय स्तर के ब्लॉक प्रमुख और पार्टी पदाधिकारियों के हैं. जोकि एक खास बिरादरी से जुड़े हुए हैं. बता दें कि, फूलपुर विधानसभा का जो इलाका है वो पटेल बाहुल्य इलाका है. लिहाजा बीजेपी यहां से किसी पटेल चेहरे पर ही दांव लगाना चाहती है। सपा ने भी इस विधानसभा सीट को लेकर अपनी तैयारियां शुरू कर दी हैं. जिस तरीके से इस लोकसभा चुनाव में सपा का प्रदर्शन रहा है।
उसे देखते हुए अनुमान लगाया जा रहा है कि सपा यहां से लोकसभा के प्रत्याशी रहे अमर नाथ मौर्या को टिकट दे दे. यहां पर उनका जनाधार भी अच्छा है। सपा और बीजेपी उम्मीदवारों के बीच अब यूपी उपचुनाव में बसपा सुप्रीमो मायावती ने अपने प्रत्याशियों को चुनावी मैदान में उतारने का ऐलान कर दिया है. इस बीच सपा और बीजेपी के प्रत्याशियों के चयन को लेकर थोड़ी अड़चन आ सकती है. अब इस समीकरण को देखते हुए बीजेपी और सपा ने अपने उम्मीदवारों का चयन शुरु किया है।
इस बार के लोकसभा चुनाव में फूलपुर विधानसभा सीट से बीजेपी की जीत मिली है. लेकिन सपा और बीजेपी की तुलना में बसपा को अच्छे वोट मिले थे. इसी वजह से बीजेपी और सपा प्रत्याशियों के चयन में इसका खास ख्याल रखेंगी. क्या बसपा के आने के पहले जो नाम लिस्ट में चल रहे थे क्या उसे बदलने की जरूरत है।