भिखारी को अपने कपड़े पहनाकर कार में जिंदा जलाया, 60 लाख हड़पने के लिए खौफनाक साजिश का 17 साल बाद खुलासा
भिखारी को अपने कपड़े पहनाकर कार में जिंदा जलाया, 60 लाख हड़पने के लिए खौफनाक साजिश का 17 साल बाद खुलासा
 
                                उत्तर प्रदेश के आगरा जनपद में 18 साल पहले जिस बिजनेसमैन की गाड़ी में जलकर मौत हुई थी। अब पुलिस ने उसे जिंदा पकड़ा है। उसकी मौत के बाद परिजनों ने बीमा कंपनी से 56 लाख रुपए का क्लेम भी ले लिया था।
पुलिस द्वारा बिजनेसमैन और उसके परिजनों को गिरफ्तार करने के बाद उनके खिलाफ आवश्यक कार्रवाई की जा रही है। उन पर आरोप है कि उन लोगों ने साजिश के तहत एक निर्दोष व्यक्ति को कार में जिंदा जला दिया। रिपोर्ट की माने तो नोएडा के दनकौर भट्टा पारसौल में विजयपाल सिंह नामक एक शख्स ट्रैवल्स का काम करता था। ट्रैवल्स के काम में उसे काफी नुकसान हुआ।
उसके बाद उसने भरपाई की योजना बनाई। इसके लिए विजयपाल सिंह ने अपने दोस्त रामवीर और अभय सिंह के साथ मिलकर घाटे से उबरने के लिए बात किया। इस दौरान उसके दोस्तों ने कहा कि तुम अपने बेटे का बीमा कराए हो अगर उसकी मौत हो जाती है तो क्लेम मिल सकता है। विजयपाल अपने बेटे को खोना नहीं चाहता था ऐसे में उसने बेटे की जगह दूसरे को मारने का प्लान किया।
योजना के तहत तीनों ने मिलकर आगरा जनपद में एक मानसिक विक्षिप्त युवक को पकड़ लिया। उसे युवक को पकड़ने के बाद तीनों लोगों ने पहले उसकी हत्या कर दी उसके बाद अपने बेटे का कपड़ा उसे पहना दिया तथा बेटे अनिल की आईडी भी उसके पॉकेट में रख दी। उसके बाद उसे लेकर तीनों आगरा किला के पास पहुंचे। आगरा किला के पास मरे हुए शख्स को ड्राइविंग सीट पर बैठा कर में आग लगा दिया। बाद में लोगों की सूचना पर विजयपाल सिंह वहां पहुंचा तो उसने मृतक की पहचान अपने बेटे अनिल के रूप में की।
पहचान करने के बाद पुलिस द्वारा मामले में आवश्यक कार्रवाई की गई और विजयपाल ने मरे हुए शख्स का अंतिम संस्कार भी कर दिया। अंतिम संस्कार करने के बाद विजयपाल बीमा कंपनियों से संपर्क किया और अपने बेटे की मौत दिखाकर 56 लाख का क्लेम ले लिया। अहमदाबाद में चला गया था अनिल बताया जा रहा है कि इस घटना के पहले ही अनिल को उन लोगों ने अहमदाबाद दे दिया था।
अहमदाबाद पहुंचने के बाद अनिल वहां अपना नाम राजकुमार रख लिया था और वहां पर फर्जी पहचान पत्र और ड्राइविंग लाइसेंस भी बनवा लिया था। इधर घटना के बाद विजयपाल भी अपना गांव छोड़कर गाजियाबाद चला गया और वहां पर लोहिया नगर में कमरा लेकर रहने लगा। अहमदाबाद में उसका बेटा राजकुमार बनाकर टैक्सी चलाता था और कभी-कभी वह अपने पिता से मिलने के लिए गाजियाबाद भी आता था।
इसी बीच उसकी हरकतों के चलते अहमदाबाद पुलिस को उसके ऊपर शक हुआ। शक होने के बाद अहमदाबाद की पुलिस द्वारा आगरा पुलिस से संपर्क कर इस मामले की जानकारी दी गई।जानकारी के बाद आगरा पुलिस ने गुरुवार को रामवीर को गौतम बुद्ध नगर से गिरफ्तार कर लिया। इसके अलावा इस मामले में शामिल अन्य लोगों की भी तलाश पुलिस टीम द्वारा की जा रही है।
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 







 
                                                                                                                                                     
                                                                                                                                                     
                                                                                                                                                     
                                                                                                                                                     
                                                                                                                                                     
                                                                                                                                                     
                                             
                                             
                                             
                                             
                                            