Lohri 2024: धार्मिक महत्व और परंपरा, क्यों जलाई जाती है आग, क्या है इससे जुड़ा महत्व?

Lohri 2024: धार्मिक महत्व और परंपरा, क्यों जलाई जाती है आग, क्या है इससे जुड़ा महत्व?

Jan 3, 2024 - 11:15
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Lohri 2024: धार्मिक महत्व और परंपरा,  क्यों जलाई जाती है आग, क्या है इससे जुड़ा महत्व?
Lohri 2024: धार्मिक महत्व और परंपरा, क्यों जलाई जाती है आग, क्या है इससे जुड़ा महत्व?
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Lohri 2024: धार्मिक महत्व और परंपरा

लोहड़ी का त्योहार भारत में एक महत्वपूर्ण और धार्मिक उत्सव के रूप में मनाया जाता है, विशेषकर पंजाब राज्य में। इस वर्ष, 13 जनवरी को देश भर में लोहड़ी के उत्साह, हर्ष और उल्लास का माहौल महसूस हो रहा है।

लोहड़ी के त्योहार में देर शाम के समय आग जलाई जाती है, जिसमें रेवड़ी, गजक, मूंगफली और गुड़ को भी दान माना जाता है। यह आग नई फसल को समर्पित करने के लिए होती है, जिससे सूर्य और अग्नि देवताओं को कृतज्ञता व्यक्त की जाती है।

सूर्य देव और अग्नि देव को समर्पित इस पर्व की मान्यताओं में इस त्योहार को नई फसल के आगमन का समय माना जाता है। आग के माध्यम से इस बात का प्रतीक माना जाता है कि नई फसल का भोग सबसे पहले देवताओं तक पहुंचता है और उनकी कृपा से अच्छी फसल की कामना की जाती है।

इस त्योहार की परंपरा माता सती से भी जुड़ी है। अनुसार, माता सती ने अपने पिता राजा दक्ष के महायज्ञ में शिव का अपमान देखा और अपने पति के अनादर को न सहा, जिसके परिणामस्वरूप वह अपनी देह को अग्नि में समर्पित कर दी थी।

लोहड़ी का महत्व इस तरह से धार्मिक, सांस्कृतिक और सामाजिक दृष्टिकोण से गहराया जाता है, जो इसे भारतीय समाज के लिए एक विशेष त्योहार बनाता है।

Lohri 2024 overview

उत्सव लोहड़ी
समय 13 जनवरी
स्थान भारत, विशेषकर पंजाब राज्य
अर्थ और महत्त्व नई फसल का आगमन, धार्मिक उत्सव, आभासी अग्नि की परिक्रमा
आहुति रेवड़ी, गजक, मूंगफली, गुड़
धार्मिक कथा माता सती का त्याग और अग्नि में समर्पण
परंपराएं आग की परिक्रमा, पंजाबी लोक गीतों का गाया जाना

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