इटावा में पुलिस की दबंगई: इमरजेंसी ड्यूटी कर रहे डॉक्टर को जबरन एसएसपी बंगले पर उठा ले गए पुलिसकर्मी
इटावा में पुलिस की दबंगई: इमरजेंसी ड्यूटी कर रहे डॉक्टर को जबरन एसएसपी बंगले पर उठा ले गए पुलिसकर्मी
इटावा, उत्तर प्रदेश। इटावा जिले से मानवता को शर्मसार करने वाली एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जहां बुधवार की रात पुलिसकर्मियों ने जिला अस्पताल में ड्यूटी कर रहे डॉक्टर को जबरन उठाकर एसएसपी आवास ले गए। घटना के बाद मेडिकल स्टाफ में भारी रोष व्याप्त है, और गुरुवार सुबह ओपीडी सेवाएं ठप कर दी गईं। मामले ने तूल पकड़ लिया है और अब दोषी पुलिसकर्मियों पर एफआईआर की मांग की जा रही है। बुधवार देर रात करीब 11 बजे सिविल लाइन थाने के चार पुलिसकर्मी जिला अस्पताल की इमरजेंसी पहुंचे। वहां तैनात डॉक्टर राहुल बाबू से एसएसपी बृजेश कुमार श्रीवास्तव की बीमार मां को देखने के लिए उनके आवास चलने का दबाव बनाया गया। जब डॉक्टर ने इमरजेंसी ड्यूटी का हवाला देकर जाने से इनकार किया, तो पुलिसकर्मियों ने बलपूर्वक उन्हें जबरन अस्पताल से उठाकर एसएसपी आवास पहुंचा दिया।
पूरी घटना अस्पताल में लगे सीसीटीवी कैमरों में कैद हो गई है। डॉक्टर राहुल बाबू ने आरोप लगाया कि पुलिसकर्मियों ने उनके साथ अभद्रता की, गाली-गलौज की और मोबाइल फोन भी छीनने की कोशिश की। डॉ. राहुल का आरोप है कि इंस्पेक्टर सुनील कुमार ने मोबाइल फोन छीनने की कोशिश की, जबकि कांस्टेबल हितेश वर्मा ने सबसे अधिक दुर्व्यवहार किया। बाद में डॉक्टर को सिविल लाइन थाने ले जाकर और भी अपमानजनक व्यवहार किया गया। घटना की जानकारी मिलते ही गुरुवार सुबह फार्मासिस्ट एसोसिएशन, राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद और पीएमएस यूनियन के पदाधिकारी जिला अस्पताल पहुंच गए। गुस्साए स्टाफ ने ओपीडी सेवाएं बंद कर दीं, दवा वितरण केंद्र और चिकित्सा कक्ष में ताले डाल दिए गए। करीब दो घंटे तक ओपीडी सेवा ठप रही, जिससे मरीजों को भारी परेशानी झेलनी पड़ी।
स्थिति को बिगड़ता देख सीएमओ डॉ. बृजेंद्र कुमार सिंह खुद अस्पताल पहुंचे। उन्होंने यूनियन पदाधिकारियों और पीड़ित डॉक्टर से बातचीत कर मामले की निष्पक्ष जांच और दोषियों पर कार्रवाई का आश्वासन दिया। इसके बाद ओपीडी सेवाएं बहाल की गईं। एसएसपी बृजेश कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि उन्होंने किसी पुलिसकर्मी को डॉक्टर को जबरन लाने के लिए नहीं कहा था। यह पूरी तरह अनुचित है और ऐसे कृत्य के लिए दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने स्पष्ट किया कि जैसे ही उन्हें मामले की जानकारी मिली, डॉक्टर को सम्मान के साथ वापस भेजने के निर्देश दिए गए। सीएमओ डॉ. बीके सिंह ने घटना की गंभीरता को देखते हुए डीजीपी और एसएसपी को पत्र भेजकर दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने की मांग की है। साथ ही अस्पताल में इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो, इसके लिए विशेष सतर्कता बरतने की अपील भी की है।
राज्य कर्मचारी परिषद के अध्यक्ष अरविंद धनगर ने चेतावनी दी है कि यदि दोषी पुलिसकर्मियों पर तत्काल एफआईआर दर्ज नहीं की गई और उन्हें निलंबित नहीं किया गया, तो प्रदेशव्यापी आंदोलन किया जाएगा। डिप्लोमा फार्मासिस्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष इंद्र बहादुर ने कहा कि यह घटना केवल डॉक्टर के नहीं, पूरे स्वास्थ्य विभाग के सम्मान पर हमला है।





