Ganesh Chaturthi 2023 Puja mahurt 2023: गणेश चतुर्दशी 19 को जाने शुभ महूर्त व विधि

Sep 18, 2023 - 16:26
Sep 18, 2023 - 16:42
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Ganesh Chaturthi 2023 Puja mahurt 2023: गणेश चतुर्दशी 19 को जाने शुभ महूर्त  व विधि
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Ganesh Chaturthi 2023 Puja: 19 सितंबर 2023 को गणेश चतुर्थी पर गौरी पुत्र गणेश घर-घर में विराजमान होंगे. कहते हैं भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि के दिन ही माता पार्वती ने अपने मैल से एक पुतला बनाकर उसमें प्राण डाले थें।

इन्हें गणेश का नाम दिया गया. यही वजह है कि हर साल इस दिन रिद्धि सिद्धि के दाता, बुद्धि, ज्ञान के कारक गणपति का जन्मोत्सव मनाया जाता है इसे कलंक चतुर्थी या पत्त्थर चतुर्थी के नाम से भी जाना जाता है. ये त्योहार 10 दिन तक यानी गणेश चतुर्थी से चतुर्दशी तिथि तक चलता है।

 जानें गणेश चतुर्थी 2023 पर बप्पा की स्थापना का मुहूर्त, मंत्र, विधि. गणेश चतुर्थी 2023 स्थापना मुहूर्त (Ganesh Chaturthi 2023 Muhurat) भाद्रपद शुक्ल पक्ष चतुर्थी तिथि शुरू - 18 सितंबर, 2023, दोपहर 02.09 भाद्रपद शुक्ल पक्ष चतुर्थी तिथि खत्म - 19 सितंबर 2023, दोपहर 3.13 गणेश चतुर्थी के दिन मध्याह्न का समय गणपति स्थापना और पूजा के लिये सर्वश्रेष्ठ माना जाता है गणेश जी स्थापना मुहूर्त - सुबह 11.01 - दोपहर 01.28 (अवधि - 2.27 मिनट) वर्जित चंद्रदर्शन समय - सुबह 09.45 - रात 08.44 गणेश चतुर्थी 2023

स्थापना के लिए चौघड़िया मुहूर्त (Ganesh Chaturthi 2023 Chaughadiya Muhurat) चर (सामान्य) - सुबह 09.11 - सुबह 10.43 लाभ (उन्नति) - सुबह 10.43 - दोपहर 12.15 अमृत (सर्वोत्तम) - दोपहर 12.15 - दोपहर 01.37 गणेश चतुर्थी पूजा सामग्री (Ganesh Chaturthi Puja Samagri) गणेश जी की मूर्ति, पूजा के लिए चौकी, लाल या पीला कपड़ा, कलश, गंगाजल, कुमकुम, हल्दी, मौली, अक्षत, सुपारी, लौंग, इलाइची, पान, दूर्वा, पंचामृत, आम के पत्ते, सिंदूर, लाल फूल, जनेऊ, नारियल, घी, कपूर, चंदन, मोदक या बेसन के लड्डू, सुपारी, पंचमेवा, धूप गणेश चतुर्थी मूर्ति स्थापना की विधि (Ganesh Chaturthi Murti Sthapana Vidhi) गणेश चतुर्थी के दिन स्नान आदि के बाद स्वच्छ पीले या लाल रंग के कपड़े पहनें. व्रत का संकल्प लें. मूर्ति स्थापना वाली जगह पर गंगाजल छिड़कें।

 उत्तर-पूर्व दिशा में पूजा की चौकी रखें और उस पर लाल या सफेद कपड़ा बिछाएं. चौकी पर थोड़े से चावल रखकर शुभ मुहूर्त में गणेश जी की प्रतिमा स्थापित करें. गणपति के दहीने ओर कलश की स्थापना करें. कलश में जल, आम के पत्ते, सिक्का, अक्षत डालें और ऊपर से नारियल रखकर उस पर मौली बांध दें।

 रोली, मौली, हल्दी, सिंदूर, अक्षत, चंदन, अबीर, गुलाल, मेहंदी, लाल पुष्प , लौंग, इलायची, पान का पत्ता, नारियल अर्पित करें. बप्पा के साथ कलश की भी पूजा करें. बप्पा को जनेऊ पहनाएं. 11 दूर्वा जोड़े में बनाकर अर्पित करें. लड्डू या मोदक भोग लगाएं. गणेश चतुर्थी की कथा सुनें. गणेश चालीसा का पाठ भी करना चाहिए. अंत में आरती कर, पुष्पांजलि करें और फिर सभी प्रसाद बांटें।

 इस दिन चंद्रमा के दर्शन नहीं करना चाहिए. गणेश चतुर्थी मूर्ति स्थापना मंत्र (Ganesh Chaturthi Puja Mantra) गणेश जी का स्थापना मंत्र अस्य प्राण प्रतिषठन्तु अस्य प्राणा: क्षरंतु च। अस्यै देवत्वमर्चार्यै मामहेति च कश्चन ऊं सिद्धि-बुद्धि सहिताय श्री महागणाधिपतयें नम:। सुप्रतिष्ठो वरदो भव।।

 गणपति पूजा मंत्र

 वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ।

 निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा॥

नोट- सुराग ब्यूरो किसी प्रकार की मान्यता व जानकारी की पुष्टि नहीं करता।

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