आगरा के लिए शर्म की बात, पानी उपलब्ध होने के बाद भी, बहार से पानी मंगाना पड़ रहा- जल पुरुष

Sep 18, 2024 - 19:03
Sep 18, 2024 - 19:04
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आगरा के लिए शर्म की बात, पानी उपलब्ध होने के बाद भी, बहार से पानी मंगाना पड़ रहा- जल पुरुष
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आगरा के लिए शर्म की बात, पानी उपलब्ध होने के बाद भी, बहार से पानी मंगाना पड़ रहा

 जल पुरुष आज सिविल सोसाइटी ऑफ़ आगरा और सेंट ज़ेवियर इंटरनेशनल स्कूल के संयुक्त तत्वाधान में शमशाबाद रोड स्थित सेंट जेवियर इंटरनेशनल स्कूल में स्कूल के बच्चों की पानी पंचायत संपन्न हुई ।

आगरा के जल स्रोतों को चिन्हित कर जलसंचय की प्रभावी योजना बनाई जाए जल पंचायत में आगरा जनपद के जल स्रोतों की पहचान करने और उन्हें पुनर्जीवित करने के प्रयासों को प्रभावी बनाये जाने पर बल दिया है। वक्ताओं में से अधिकांश का मानना था कि अगर जल संचय की योजनाओं का सही प्रकार से क्रियान्वयन होता रहता तो आगरा की जल समस्या इतनी अधिक नहीं गहराती।सेंट ज़ेवियर इंटरनेशनल स्कूल, शमशाबाद रोड पर 18 सितंबर को आयोजित छात्र जल पंचायत के इस आयोजन में मुख्य वक्ता, नमामि गंगा परियोजना की कमेटियों में शामिल जलपुरुष राजेन्द्र सिंह थे।

श्री राजेन्द्र सिंह ने बच्चों के प्रयासों की प्रशंसा की ,कहा कि उन्हें खुशी है कि बच्चे जल संकट के प्रति जागरूक है और समस्या को उठाने के साथ ही समाधान भी सुझा रहे हैं।उनकी बात शासन,प्रशासन और जनप्रतिनिधियों तक जहा जहा संभव होगा जरूर पहुंचायेगे। पंचायत के फैसले आगरा को पानीदार बनाने के लिए सबसे पहले शहर के पानी को स्वच्छ किया जाये और अच्छे पानी में गन्दा पानी नहीं मिलने देना.हमको यमुना को साफ रखना होगा, पानी को ट्रीट करके ही यमुना में डालना होगा।

--जल उपलब्ध लेकिन संचय नहीं आगरा के जल स्रोतों को चिन्हित कर जलसंचय की प्रभावी योजना बनाई जाए छात्र एवं युवा वक्ताओं ने पंचायत में अपने विचार रखते हुए कहा कि आगरा के लिए जल प्रबंधन महत्वपूर्ण है। हर साल मानसून के दौरान, आगरा में भरपूर पानी उपलब्ध होता है। लेकिन व्यवस्थित तरीके से इसका संचय करने की व्यवस्थित प्रणाली अब तक नहीं बनायी जा सकी है। अब जब कि जल संकट और अधिक बढ़ गया है,भूगर्भ जल तेजी के साथ हो रही गिरावट थामी नहीं जा रही है,तो प्रभावी एवं व्यवहारिक कदमों को तत्काल उठाए जाने की जरूरत है।

आगरा के चारों तरफ जल सरंचनाओं को पुन्हे विकसित किया जाये और हरा बनाया जाये. उटंगन और खारी हों जल से भरपूर पंचायत के सहभागी चाहते हैं कि उटांगन और खारी नदियों की बदहाली बंद हो। उप्र सरकार राजस्थान सरकार से वार्ता कर उ प्र का भाग सुनिश्चित करवाये। पंचायत इस बात तथ्य को गंभीरता से लेती है बारिश सामान्य होने पर राजस्थान ने अंतरराज्यीय जल बंटवारा नीति की अनदेखी करते हुए इन नदियों का पूरा पानी रोक देता है। वहीं भारी मानसून पर इन नदियों पर बने अपने बांधों को खोल देता है। जिससे जनपद के सीमांत एवं नदी तटीय गांवों में जलमग्नता की स्थिति उत्पन्न हो जाती है। स्कूली बच्चों का मानना है कि महानगर के पुराने तालाबों को पुनर्जीवित किया जाये।

मडलायुक्त के संज्ञान में लाई जा चुकी शास्त्रीपुरम जलाशय योजना का क्रियान्वयन करवाया जाये।यह जलाशय योजना सिकंदरा राजवाह के उस बीस क्यूसेक पानी की उपलब्धता पर आधारित है,जिसे कि सिंचाई विभाग नाला जखीरा में होकर डिस्चार्ज करता है। --भूजल दोहन नीति से समस्याये बढी बच्चों की राय से सहमत पंचों में से अधिकांश ने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि उ प्र शासन के द्वारा जो भूजल दोहन नीति(THE UTTAR PRADESH GROUND WATER (MANAGEMENT AND REGULATION) ACT, 2019, No. 1468(2)/LXXIX-V-1-19-1(ka)-14-19) बनाई हुई है, उसके कारण नागरिकों की परेशानी और बढ गई है। नई बोरिंगों को लगाये जाने की अनुमति की संभावनाएं बिल्कुल खत्म सी हो गई है।

अब आगरा में खाती के अलाव कारखाने,विपणन परिसरों तक के लिए पंप सेट नहीं लगवाये जा सकते। --वैट लैंड नहीं तालाब बनाये बच्चों का मानना था कि आगरा शहर में मानसून के दौरान भरपूर पानी होता है, इसे तालाब बनाकर बचाने की जरूरत है, न कि जलाशयों की क्षमता कम करने वाले वेटलैंड घोषित करते रहने की। -भरतपुर -धौलपुर में हुए हैं गंभीर प्रयास जल पंचायत में पडोसी जनपद भरतपुर और धौलपुर में हाल में ही विकसित हुई नई जल संरचनाओं पर चर्चा हुई और इन्हें स्थानीय हितो के अनुरूप अत्यंत उपयोगी बताया गया।

‘तरुण भारत ‘ के संस्थापक जलपुरुष राजेन्द्र सिंह द्वारा किये गये प्रयासों को अत्यंत कामयाब बताया गया। जल पंचायत में श्री राजेन्द्र सिंह से अनुरोध किया गया कि राजस्थान की आगरा की सीमा में प्रवेश करने वाली नदियों का पानी राजस्थान में ही रोका जाना बंद करवाने का प्रयास करें,इससे राजस्थान को कितना फायदा हो रहा हो यह तो हम नहीं कह सकते किंतु इससे आगरा में भूजल स्तर तेजी के साथ गिरता जा रहा है। इंडिया मार्का हैंडपंप जनपद भर में नाकारा हो चुके हैं,जेट पंप भी बीते समय की बात हो चुका है,अधिकांश विकासखंड और महानगर अति जल दोहित स्थिति में पहुंच जाने के कारण केवल सबमर्सिबल पंपों से ही जल दोहन संभव हो पा रहा है।

पंचायत में भाग लेने वालों में स्कूल- 1. होली पब्लिक स्कूल, 2. दिल्ली पब्लिक स्कूल इंटरनेशनल, 3.डॉ रॉय पब्लिक स्कूल, 4. एक पहेल स्कूल, 5. भारतीय विध्या मंदिर स्कूल, 6. सेंट मार्क्स स्कूल, 7. सेंट जेवियर्स इंटरनेशनल स्कूल. के बच्चेम पंच मंडल- 1. कर्नल शिव कुंजरू,2. ब्रिगेडियर विनोद दत्ता, 3.डॉ. अतुल माथुर, 4. डॉ आकाश अग्रवाल- एमएलसी 5. कशिश -छात्र सेंट ज़ेवियर इंटरनेशनल स्कूल . विशिष्ट अतिथि- 1. सुबोध शर्मा -अलीगढ, प्रेम शर्मा -अलीगढ, कांति नेगी आदि स्कूल मैनेजमेंट- 1. कविता अग्रवाल- डायरेक्टर, 2. जे पी अग्रवाल- संस्थापक, 3. सी पी अग्रवाल- - चेयरमैन, 4. मुकुल विधोलिया- प्रिंसिपल और स्कूल टीचर्स और सहयोगी।

सेंट जेवियर इंटरनेशनल स्कूल के बच्चों ने मुख्यातिथि राजेन्द्र सिंह को अपने स्कूल के जलसंचय प्रयासों की जानकारी देते हुए बताया कि उनके स्कूल परिसर में प्रभावी जल संचयन व्यवस्था है। स्कूल के छात्रों ने सब का स्वागत किया और अनिल शर्मा ने पानी पंचायत का संचालन किया।