GST काउंसिल बैठक से पहले राहत की तैयारी: रोजमर्रा के सामान और शिक्षा सामग्री पर लग सकता है 'Zero GST'

Aug 28, 2025 - 09:05
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GST काउंसिल बैठक से पहले राहत की तैयारी: रोजमर्रा के सामान और शिक्षा सामग्री पर लग सकता है 'Zero GST'

GST काउंसिल बैठक से पहले राहत की तैयारी: रोजमर्रा के सामान और शिक्षा सामग्री पर लग सकता है 'Zero GST'

नई दिल्ली – प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 15 अगस्त को लाल किले से दिए गए भाषण में किए गए वादे के अनुरूप, आगामी दिवाली से पहले जनता को जीएसटी (GST) में बड़े सुधारों की सौगात मिल सकती है। सरकार अब जरूरी फूड प्रोडक्ट्स और शिक्षा से जुड़ी वस्तुओं पर जीएसटी दरों में कटौती करने की दिशा में अग्रसर है। 3-4 सितंबर को प्रस्तावित 56वीं जीएसटी काउंसिल की बैठक में इसपर अंतिम फैसला हो सकता है।

सूत्रों के मुताबिक, सरकार जीरो जीएसटी स्लैब के दायरे को बढ़ाने की योजना बना रही है। इसके तहत कई रोजमर्रा के उपयोग की चीजों को शामिल किया जा सकता है जो अभी तक 5% या 18% टैक्स के दायरे में थीं। इनमें प्रमुख रूप से **UHT दूध, प्री-पैकेज्ड पनीर, पिज्जा ब्रेड और रेडी टू ईट रोटियां** शामिल हैं। अब तक 18% जीएसटी के दायरे में आने वाले रेडी-टू-ईट **पराठे** को भी शून्य कर श्रेणी में लाया जा सकता है। मंत्रियों के समूह (GoM) की सिफारिशों के अनुसार, सरकार इसकी दरों को युक्तिसंगत बनाने की दिशा में काम कर रही है। शिक्षा से संबंधित कई वस्तुएं जैसे **मानचित्र, एटलस, ग्लोब, पेंसिल-शार्पनर, प्रैक्टिस बुक, ग्राफ बुक और लैब नोटबुक** आदि पर अभी 12% जीएसटी लागू है। अब इन्हें जीरो स्लैब में लाने की तैयारी है, जिससे छात्रों और अभिभावकों को सीधा लाभ मिलेगा। हैंडलूम उत्पादों और **कच्चे रेशम** पर पहले 5% जीएसटी लगाने का विचार किया गया था, लेकिन अब इन्हें छूट देने की सिफारिश की गई है।

इससे देश के लाखों बुनकरों और कारीगरों को राहत मिलेगी। फिटमेंट समिति ने भी सुझाव दिया है कि **मक्खन, कंडेन्स्ड मिल्क, जैम, मशरूम, खजूर, मेवे और नमकीन** जैसे उत्पादों को 12% से घटाकर **5% जीएसटी** के तहत लाया जाए। अधिकारियों के मुताबिक, यह कदम जीएसटी ढांचे को सरल और प्रभावी बनाने की दिशा में है। इससे जहां एक ओर कैटेगरी को लेकर चल रहे भ्रम को दूर किया जा सकेगा, वहीं दूसरी ओर आम उपभोक्ता और छात्रों को सीधी राहत मिलेगी। अब सभी की निगाहें अगले सप्ताह होने वाली जीएसटी काउंसिल की बैठक पर टिकी हैं, जहां इन प्रस्तावों पर अंतिम मुहर लगाई जा सकती है।