नागा साधु क्यों पहनते हैं रुद्राक्ष? जानें क्या हैं इसे पहनने के लाभ

Feb 10, 2025 - 10:02
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नागा साधु क्यों पहनते हैं रुद्राक्ष? जानें क्या हैं इसे पहनने के लाभ
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प्रयागराज में महाकुंभ चल रहा है. महाकुंभ में भारी संख्या में नागा साधु आते हैं. नागा साधु ही महाकुंभ में मुख्य आकर्षण का केंद्र रहते हैं. नागा साधु महाकुंभ मेले में ही दिखाई देते हैं। इसके बाद ये जंगलों और पर्वतों पर तप के लिए चले जाते हैं. नागा साधु वस्त्र नहीं धारण करते हैं. हालांकि महाकुंभ के दौरान ये श्रृंगार अवश्य करते हैं. नागा साधु कुल 17 श्रृंगार करते हैं।

नागा साधुओं के 17 श्रृंगारों में ही रुद्राक्ष पहनना भी शामिल होता है. रुद्राक्ष बहुत ही पावन माना जाता है. रुद्राक्ष का मतलब रुद्र की आंखें हैं. रुद्राक्ष कई प्रकार के होते हैं. नागा साधु महाकुंभ में रुद्राक्ष क्यों पहनते हैं. आइए इस बारे में विस्तार से जानते हैं। नागा साधु भगवान शिव के उपासक माने जाते हैं. नागा भगवान शिव की ही पूजा-अराधना करते हैं. नागा भगवान शिव को अपना आराध्य देव मानते हैं. पौराणिक कथाओं में बताया गया है कि रुद्राक्ष भगवान शिव के आंसुओं से उत्तपन्न हुआ है।

 कथाओं के अनुसार, भगवान शिव ने हजारों सालों तक आंखें बंद रखीं. ध्यान में बैठे रहे. इसके बाद भगवान ने अपनी आंखें खोली तो उनके आंखों से आनंद के आंसू निकल पड़े. यही आंसू धरती पर गिरे तो रुद्राक्ष बन गए। मान्यता है कि रुद्राक्ष भोलेनाथ का दिव्य वरदान है. महाकुंभ में नागा साधु अपने गले में जो रुद्राक्ष पहनते हैं वो उनके भगवान शिव से संबंध का प्रतीक होता है. मान्यता है कि वो महाकुंभ में स्वयं को नकारात्मक ऊर्जा से बचा के रखने के लिए नागा साधु रुद्राक्ष पहनते हैं. नागा साधु महाकुंभ में हमेशा रुद्राक्ष की माला पहनकर रखते हैं. रुद्राक्ष की नागाओं की साधना में भी महत्वपूर्ण भूमिका रहती है. रुद्राक्ष नागाओं को महाकुंभ में गहराई से तप करने में सहायता करता है।

 रुद्राक्ष पहनने से नकारात्मक ऊर्जा दूर हो जाती है. रुद्राक्ष पहनने से मन को शांत रहता है और तनाव में कमी आती है. रुद्राक्ष पहनने से मासिक एकाग्रता बढ़ती है। रुद्राक्ष पहनने से हानिकारक ग्रहों के असर में कमी आती है. रूद्राक्ष पहनने से ध्यान करने में सहायता मिलती है. रुद्राक्ष पहनने से आध्यात्मिक विकास होता है. रुद्राक्ष पहनने से जीवन की मुश्किलें दूर हो जाती हैं।