मामा - फूफा बनकर खाता खाली कर रहे साइबर अपराधी
 
                                UP गाजियाबाद। साइबर अपराधी आपका परिचित बनकर आपके खातों में सेंध लगा रहे हैं। ठग कॉल करके मामा-फूफा तो कभी पिता का दोस्त बताकर आर्थिक मदद मांग रहे हैं।
कई बार शातिर कॉल करके कह रहे हैं कि आपके पापा को रुपये भेजने थे, ज्यादा रुपये चले गए बाकी के रुपये वापस कर दो। ऐसे कई मामले सामने आ चुके हैं। अगर आपके पास भी ऐसी कोई कॉल आए तो जाल में फंसे नहीं और रुपये देने से पहले अपने रिश्तेदार या पिता को कॉल करके इसे सत्यापित कर लें। दिल्ली में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के जरिये कॉल रिकॉर्ड करके परिचित की आवाज निकालकर ठगी कर रहे हैं।
एडीसीपी अपराध सच्चिदानंद का कहना है कि किसी भी अनजान नंबर से कॉल करने वाले के झांसे में न आएं। कॉलर आपका परिचित बनकर रुपये मांगता है तो कतई न दें। पहले अपने उस परिचित को कॉल करके सत्यापित कर लें कॉलर जो बता रहा है। ठगी से बचने के लिए सतर्कता जरूरी है। इन बातों का रखें ध्यान - किसी भी अनजान नंबर पर बात करने से बचें। - बात करते हैं और कॉलर आपका परिचित बताकर रुपये मांगता है तो तुरंत रुपये न दें।
पहले कॉल काटकर अपने उसी परिचित के नंबर पर कॉल करके सत्यापित कर लें। शातिर कई बार खाते में रुपये भेजने का फर्जी मेसेज भेजकर रुपये मांगते हैं। ऐसे में पहले अपने खाते की ट्रांजेक्शन देख लेंं और उस मेसेज का सत्यापन कर लें। 10 फीसदी बढ़ गया साइबर अपराध पिछले साल की तुलना में इस साल 10 फीसदी साइबर अपराध ज्यादा बढ़ गया है।
पिछले साल 10 महीनों में 4553 ठगी की शिकायतें आईं। वहीं इस बार सितंबर तक 5081 शिकायतें आ चुकी हैं। केस 1. एनडीआरएफ में तैनात एसआई ललित कुमार से शातिरों ने गांव के व्यक्ति की आवाज निकालकर मदद के नाम पर 65 हजार रुपये ठग लिए। गांव में बात करने पर पता चला कि उनके साथ ठगी हुई है। 2. नंदग्राम क्षेत्र निवासी वंदना को कॉल करके शातिर ने ननद का पति बताकर 20 हजार रुपये भेजने की बात कहकर खाते से दो बार में 40 हजार रुपये निकाल लिए। जानकारी करने पर उन्हें ठगी का पता चला।
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 







 
                                                                                                                                                     
                                                                                                                                                     
                                                                                                                                                     
                                                                                                                                                     
                                                                                                                                                     
                                                                                                                                                     
                                             
                                             
                                             
                                             
                                            