सास से किचकिच के बाद बहू ने तीन बच्चों को तालाब में फेंककर की आत्महत्या
झारखंड के पलामू में घरेलू विवाद में बहू ने अपने तीन बच्चों को तालाब में फेंककर की आत्महत्या। मामले की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची, और तीनों शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया।
झारखंड के पलामू जिले में एक दर्दनाक घटना सामने आई है, जिसने सबको हिला कर रख दिया है। इस घटना का केंद्रीय कारण घरेलू विवाद था, जिसमें एक सास-बहू के बीच तनाव बढ़ गया था। इस तनाव के परिणामस्वरूप, बहू ने अपने तीन छोटे बच्चों को एक तालाब में फेंक दिया और खुद भी उसी तालाब में कूद गई। इस घटना में मां और दो बच्चों की मौत हो गई, जबकि तीसरे बच्चे की जान बच गई। यह घातक घटना हैदरनगर थाना क्षेत्र के करीमनडीह गांव में घटी। मृतक महिला का नाम निर्मला देवी था, जिनकी उम्र 32 साल थी।
निर्मला देवी के तीन बच्चे थे - लाडली कुमारी (8 साल), करण कुमार (6 साल), और गुड्डू कुमार (4 साल)। गुड्डू कुमार को तालाब में डूबने से बचाया गया, लेकिन दुसरे दो बच्चों की कई आशाएं थीं।
मृतका के पति जवाहिर राम चार दिन पहले सिकंदराबाद में मजदूरी करने के लिए बाहर गए थे। उनके बाहर जाने के बाद, महिला के बीच सास समेत विवाद बढ़ गया, जिसके परिणामस्वरूप एक घातक कदम उठाया गया।
घटना के पश्चात्, घातक आत्महत्या का प्रमुख आरोपी बन गई और पुलिस को सूचना मिलते ही मौके पर पहुंची। हैदरनगर थाने की पुलिस ने तीनों शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए अस्पताल भेज दिया है। पुलिस अब मामले की जांच में जुटी है और इसके पीछे छिपी वजहों को साफ करने का काम कर रही है।
करीमनडीह गांव में इस दर्दनाक घटना के बाद सन्नाटा छा गया है। परिजनों के आँखों से बहने वाले आंसू रुकने का नाम नहीं ले रहे हैं, और इस घातक घटना ने गांव को गहरे शोक में डाल दिया है।
परिजनों का कहना है कि किसी ने यह सोचा भी नहीं था कि महिला इस तरह कदम उठाएगी और अपने बच्चों के साथ इस प्रकार का क्रूरता करेगी। घटना के बाद पुलिस ने गांव के ग्रामीणों और परिजनों से इस मामले के संबंध में जानकारी जुटाई है और उनके सवालों का उत्तर ढूंढ़ रही है।
इस दर्दनाक घटना ने गांव के लोगों को अपनी सोच और मानसिकता पर विचार करने के लिए मजबूर किया है, और यह एक बड़ा सवाल उठाता है कि कैसे घरेलू विवादों को सुलझाया जा सकता है और मानसिक स्वास्थ्य की दिशा में मदद करने के लिए समाज में जागरूकता और शिक्षा की आवश्यकता है। घरेलू विवादों को सुलझाने के लिए मानवीय संवाद और सहयोग का महत्व होता है, और लोगों को आपसी समझदारी की दिशा में बढ़ना होगा।