नगर पालिका ने जारी किया दूसरा फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र डीएम से शिकायत

Dec 6, 2023 - 20:27
 0  54
नगर पालिका ने जारी किया दूसरा फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र  डीएम से शिकायत
Follow:

नगर पालिका ने जारी किया दूसरा फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र डीएम से शिकायत

फर्रुखाबाद। वरिष्ठ अधिवक्ता राजकुमार सिंह राठौर ने जिलाधिकारी से शिकायत की है कि फर्रुखाबाद नगर पालिका के द्वारा दूसरा फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र जारी किया गया है श्री राठौर ने श्री राठौर ने मीडिया को बताया की नगर पालिका ने ज्ञान कुमार का मृत्यु प्रमाण पत्र जारी किया।

बाद में जमीन का फर्जीवाडा करने वाले भू माफिया अवधेश कुमार यादव को ज्ञान कुमार का फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र जारी कर दिया। श्री राठौर आज पीड़ित शील कुमार हजेला को लेकर जिलाधिकारी से मिले। जिलाधिकारी ने कार्रवाई करने का आदेश दिया है। जनपद कन्नौज तहसील व थाना छिबरामऊ ग्राम बहवलपुर निवासी शीलकुमार हजेला पुत्र रघुनाथ दास हजेला ने जिलाधिकारी को शिकायती पत्र देकर अवगत कराया कि परबाबा स्व० छोटेलाल थे।

स्व० छोटेलाल के तीन पुत्र स्व० भगवानदास, स्व० रघुनाथ दास व स्व० दामोदर दास थे। स्व० भगवानदास के दो पुत्र स्व० बालकराम व स्व० प्रहलाद थे। तथा स्व० रघुनाथ दास के स्व० गोपालदास व प्रार्थी स्वंय शील कुमार हजेला वस्व. रवीन्द्र कुमार हजेला थे। स्व० दामोदर दास के पांच पुत्र स्व० विजय कुमार हजेला, स्व० अशोक कुमार हजेला व संत कुमार हजेला, दीपक कुमार हजेला व अजय कुमार हजेला जीवित हैं।

स्व० बालकराम जो प्रार्थी के चचेरे भाई थे, का एक पुत्र स्व० ज्ञान कुमार था जो कि नगरपालिका फर्रुखाबाद में मोहर्रिर के पद पर कार्यरत थे। मोहल्ला मनिहारी फर्रुखाबाद में निवास करते थे। प्रार्थी के चचेरे भाई बालकराम ने अपने जीवन काल में ही अपनी चल व अचल सम्पत्ति का वसीयतनामा प्रार्थी के नाम कर दिया था। क्योंकि उनके पुत्र ज्ञानकुमार विवाह योग्य नही थे तथा न ही उनका विवाह हुआ था।

 प्रार्थी के चचेरे भाई बालकराम की मृत्यु के पश्चात प्रार्थी उनकी चल अचल सम्पत्ति का वसीयत के आधार पर वारिस हुआ। स्व० ज्ञानकुमार पुत्र स्व० बालकराम भी प्रार्थी का भतीजा था। प्रार्थी के चचेरे भाई स्व० बालकराम की मृत्यु के समय उनका पुत्र ज्ञानकुमार जीवित था। इस कारण प्रार्थी ने स्व० बालकराम की चल अचल सम्पत्ति वसीयत के आधार पर अपने नाम इन्द्राज नही कराई।

इस कारण उत्तराधिकारी ज्ञानकुमार के नाम दर्ज हो गयी। प्रार्थी के भतीजे ज्ञान कुमार ने भी अपनी चल अचल सम्पत्ति की बसीयत विना किसी जोर दवाव व लालच के प्रार्थी के नाम कर दी। जिस समय का यह प्रकरण है, कन्नौज जनपद फर्रुखाबाद का हिस्सा था। तथा तहसील छिबरामऊ जनपद फर्रुखाबाद के अन्र्तगत आती थी। जिस समय प्रार्थी के भतीजे ज्ञान कुमार की मृत्यु हुई उससे पहले ही प्रार्थी के गांव में चकबंदी चल रही थी तथा चकबंदी का रिकार्ड फतेहगढ़ कार्यालय फूसबंगला में अग्निकांड होने के कारण नष्ट हो गयी था।

जिस कारण सम्पत्ति का दाखिल खारिज नही हो पाया था। अग्निकांड में रिकार्ड नष्ट हो जाने के कारण गांव की चकबंदी अभी तक नहीं हो पाई है। तथा अभी भी चकबंदी की कार्यवाही चल रही है। प्रार्थी के भतीजे ज्ञान कुमार पुत्र स्व० बालकराम की अचल सम्पत्ति असल रिकार्ड उपलब्ध न होने के कारण अभी उसी के नाम दर्ज चली आ रही है। प्रार्थी के भतीजे ज्ञान कुमार की मृत्यु 18.08.1991 को फर्रुखाबाद नगर पालिका परिषद में ही हुई थी। प्रार्थी के द्वारा ही उनका दाह संस्कार आदि किया गया था।

तथा शांति पाठ आदि भी प्रार्थी के द्वारा ही सम्पन्न कराया गया। प्रार्थी को उनके मृत्यु प्रमाणपत्र की कोई आवश्यकता नहीं थी। इस कारण उनकी मृत्यु के पश्चात कोई मृत्यु प्रमाणपत्र प्राप्त नही किया था। इसके पश्चात प्रार्थी ने मृत्यु प्रमाणपत्र प्राप्त करने हेतु श्रीमान अपर जिलाधिकारी महोदय फर्रुखाबाद को प्रार्थनापत्र प्रस्तुत किया गया। इस प्रार्थनापत्र पर नगरपालिका फर्रुखाबाद के अधिशाषी अधिकारी को नियमानुसार कार्यवाही कर प्रमाणपत्र जारी करने का आदेश हुआ।

 तत्पश्चात नगरपालिका फर्रुखाबाद के अधिशाषी अधिकारी द्वारा सम्पूर्ण जांच के उपरान्त 6 मई 2023 को ज्ञान कुमार पुत्र स्व० बालकराम निवासी हाल मनिहारी फर्रुखाबाद व स्थाई पता ग्राम बहवलपुर तहसील छिबरामऊ जनपद कन्नौज मृत्यु दिनांकित 18 अगस्त 1991 जारी किया गया। प्रार्थी को यह प्रमाणपत्र सम्पूर्ण जांच करने के पश्चात जारी किया गया था। प्रार्थी को जब ज्ञान कुमार का मृत्यु प्रमाण पत्र जारी किया गया। तब प्रार्थी को बताया गया कि इससे पूर्व कोई मृत्यु प्रमाणपत्र जारी नही किया गया है तथा न ही कोई रिकार्ड कार्यालय मे उपलब्ध है।

 प्रार्थी के भतीजे की गांव में जो भी कृषि भूमि है, उस सभी भूमि पर मृत्यु के पश्चात बतौर वारिस प्रार्थी का कब्जा चला आ रहा है। प्रार्थी के भतीजे ज्ञान कुमार की मृत्यु के पश्चात बलराम सिंह पुत्र त्रिभुवन सिंह निवासी बहबलपुर तहसील व थाना छिबरामऊ जिला कन्नौज ने गाटा संख्या 835 का बैनामा फर्जी तौर पर किसी दूसरे व्यक्ति को खड़ा करके तथा उसकी फोटो लगाकर बैनामा करा लिया परन्तु उनके नाम दाखिल खारिज नही हुआ तथा न ही उनका कब्जा हुआ। समस्त कब्जा भूमि पर प्रार्थी का बदस्तूर कब्जा चला आ रहा है।

इसी मध्य क्रेता बलराम सिंह की मृत्यु हो गयी तथा उसका पुत्र अवधेश यादव व प्रताप सिंह यादव पुत्रगण बलराम सिंह यादव अपने पिता के फर्जी बैनामे के आधार पर यह भूमि अपने नाम दर्ज कराना चाहते है। जब इनको इस बात की जानकारी हुई कि पिता द्वारा करवाये गये विक्रय पत्र 28 दिसंबर 91 से पूर्व ही विक्रेता ज्ञानकुमार की मृत्यु हो चुकी थी। तब अवधेश सिंह यथ प्रताप सिंह ने प्रार्थी के विरूद्ध सिविल जज (सी०डि०) कन्नौज जनपद कन्नौज के न्यायालय में एक वाद प्रस्तुत किया जो कि विचाराधीन चल रहा है।

इस वाद में यह मांग की गयी कि प्रार्थी उनके कब्जे में किसी प्रकार का हस्तक्षेप न करे। जबकि उनका कोई भी कब्जा इस भूमि गाटा संख्या 835 पर नहीं है। प्रार्थी का ही कब्ज़ा उक्त भूमि पर चला आ रहा है। है प्रार्थी ने इस वाद मे अपना जबाव दाखिल कर दिया है जिसमें प्रार्थी ने स्पष्ट रूप से अंकित किया है कि बैनामा फर्जी है। क्योंकि बैनामा से पूर्व दिनांक 18 अगस्त 1991 को ज्ञान कुमार की मृत्यु हो चुकी थी। प्रार्थी ने मृत्यु प्रमाणपत्र भी पत्रावली पर प्रस्तुत कर दिया है। अवधेश सिंह व प्रताप सिंह को जब यह जानकारी हुई तो इस सम्बंध में मृत्यु प्रमाणपत्र में परिवर्तन के लिये प्रार्थनापत्र दिनांक 13 जून 2023 को जिलाधिकारी फर्रुखाबाद को चौ० अवधेश सिंह के नाम से भारतीय किसान यूनियन (बलराज) के लेटर पैड पर प्रस्तुत किया जिस पर जिलाधिकारी ने अधिशाषी अधिकारी नगर पालिका फर्रुखाबद को स्वंय सभी तथ्यों की जांच करें का आदेश पारित किया।

इस प्रार्थनापत्र की जांच ई०ओ० नगर पालिका द्वारा सम्पन्न कराई गई। परन्तु इस जांच के दौरान को कोई नोटिस अपना पक्ष प्रस्तुत करने के लिये प्रार्थी को नही भेजा गया तथा न ही कोई मौका प्रार्थी को अपना पक्ष प्रस्तुत करने के लिये दिया गया। जबकि अवधेश सिंह के द्वारा अपने प्रस्तुत प्रार्थनापत्र में प्रार्थी पर संगीन आरोप लगाये थे परन्तु फिर भी प्रार्थी को अपना पक्ष प्रस्तुत करने का मौका नही दिया गया।

 नगरपालिका के ई०ओ० द्वारा जांच करने के उपरान्त 22 जून 2023 को अपनी आख्या में किसी मजिस्ट्रेट से जांच कराने की संस्तुति की है। क्योंकि प्रार्थी के प्रार्थनापत्र पर जारी मृत्यु प्रमाणपत्र दिनांकित 6 मई 2023 से पूर्व भी एक मृत्यु प्रमाणपत्र दिनांक 9 मार्च 1992 को जारी किया जाना बताया गया है। इस मृत्यु प्रमाणपत्र में ज्ञानेश्वर प्रसाद हजेला पुत्र श्री बालकराम हजेला मृत्यु दिनांक 7 मार्च 1992 अंकित है। 9 मार्च 1992 को जो मृत्यु प्रमाणपत्र जारी किया गया है। वो किसके प्रार्थनापत्र पर जारी किया गया है उसका कोई रिकार्ड नगरपालिका परिषद के पास उपलब्ध नहीं है, ऐसा वह स्वीकार करते हैं। यह प्रमाणपत्र फर्जी प्रतीत हो रहा है।

इसी प्रमाणपत्र को नगर पालिका के अधिशाषी अधिकारी ने दिनांक 16 मई 2023 को अवधेश सिंह के प्रार्थनापत्र पर जारी कर दिया। यह प्रमाणपत्र विना किसी जांच तथा प्रार्थी को सुनवाई का कोई मौका न देकर फर्जी व कूटरचित तरीके से जारी कर दिया गया है। अवधेश सिंह यादव व प्रताप सिंह यादव शतिर किस्म के अपराधी व्यक्ति है। अवधेश सिंह के विरूद्ध लगभग दस संगीन आपराधिक मुकुदमें दर्ज है तथा न्यायालय में विचाराधीन है तथा प्रताप सिंह यादव पर भी कई संगीन आपराधिक मुकदमें चल रहे है।

और दोनो ही भू-माफिया है तथा अवैध रूप से भूमि पर कब्जा करते चले आ रहे है। इस फर्जी व कूटरचित प्रमाणपत्र को जारी करने में अवधेश सिंह यादव, प्रताप सिंह यादव पुत्रगण बलराम सिंह यादव व नगरपालिका के कर्मचारी व ई०ओ० से षड्यंत करके अनुचित लाभ पहुंचाने की दृष्टि से जारी किया गया है।

अवधेश सिंह यादव प्रताप सिंह ने अपने पिता बलराम सिंह द्वारा करवाये गये फर्जी बैनामा को सही ठहराने के क्रम में फर्जी प्रमाणपत्र जारी करवाया है। प्रार्थी ने 22 अगस्त 2023 को प्रार्थनापत्र प्रस्तुत किया था जिस पर कार्यवाही किये जाने के सम्बंध में आदेश दिया गया था। विना पक्षकार को सुने मृत्यु प्रमाणपत्र निरस्त करके पुनः जारी किया जाना कानूनी व न्याय की दृष्टि से सही नही है। पुनः प्रार्थनापत्र प्रस्तुत कर रहा है।