वकील की हत्या: सुबह धमकी, दोपहर में हत्या, सीसीटीवी देखकर बहन ने कहा- मेरा पति है हत्यारा

Aug 31, 2023 - 14:32
Aug 31, 2023 - 14:33
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वकील की हत्या: सुबह धमकी, दोपहर में हत्या, सीसीटीवी देखकर बहन ने कहा- मेरा पति  है हत्यारा
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गाजियाबाद के तहसील सदर में बुधवार दोपहर करीब दो बजे दो नकाबपोश हमलावरों ने चैंबर में घुसकर वकील मनोज चौधरी उर्फ मोनू (38) की गोली मारकर हत्या कर दी। तहसील में भारी संख्या में पुलिसकर्मियों की मौजूदगी के बावजूद बदमाश आसानी से पैदल ही फरार हो गए। 

इस दौरान वह सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गया। हत्या के पीछे मोनू के बहनोई एडवोकेट अमित डागर, उसके भाई एडवोकेट नितिन डागर और उसके परिवार के सदस्यों के साथ विवाद सामने आया है। मोनू की पत्नी कविता ने उसके खिलाफ सिहानी गेट थाने में नामजद रिपोर्ट दर्ज कराई है। 

गाजियाबाद में मनोज चौधरी की बहन सरिता का कहना है कि फुटेज में दिख रहे दो लोगों में से एक उसका पति अमित डागर है और दूसरा देवर नितिन डागर है। दोनों ने हत्या की है। ये दोनों वकील हैं। ससुर मदन और दो अन्य अनुज और पालू साजिश में शामिल हैं। मनोज की पत्नी कविता ने इन लोगों के खिलाफ ही नामजद रिपोर्ट दर्ज कराई है। 

सरिता ने बताया कि 24 जून से वह अपने मायके में रह रही है। अमित ने चार दिन पहले उसके भाई को जान से मारने की धमकी दी थी। बुधवार सुबह भी उसने उसे फोन किया और कहा, मैं तुम्हारा रक्षाबंधन खराब कर दूंगा। अमित चिरंजीव विहार का रहने वाला है और नोएडा में प्रैक्टिस करता है। नितिन गाजियाबाद तहसील सदर में ही प्रैक्टिस करता है। मनोज 2008 से वकालत कर रहे थे। उनके पिता रंजीत सिंह सब इंस्पेक्टर थे। उनका निधन हो गया है।

तीन टीमों का गठन

अतिरिक्त पुलिस आयुक्त दिनेश कुमार पी. ने कहा कि हत्यारों को पकड़ने के लिए तीन टीमों का गठन किया गया है। शुरुआती जांच में पारिवारिक विवाद की बात सामने आई है। अमित ने 15 जनवरी को अपनी पत्नी, बच्चे और मां पर गोली चला दी थी।15 जनवरी को शराब के नशे में अमित ने अपनी लाइसेंसी पिस्टल से पत्नी, बच्चों और मां पर गोली चला दी थी। इनमें से एक गोली उसकी मां को लगी। अमित उस मामले में जेल जा चुका है। अमित के पिता ने कविनगर थाने में केस दर्ज कराया था। अमित की पिस्टल पुलिस के कब्जे में है।

पुलिस ने इस मामले में 10 फरवरी को आरोपपत्र दायर किया था। सरिता ने बताया कि उसके बाद वह अपने मायके आ गई। समझौता होने के बाद वह 16 अप्रैल को फिर से ससुराल चली गई। फिर भी पति की आदतों में सुधार नहीं हुआ है। जब उसने फिर से उसके साथ मारपीट शुरू कर दी, तो वह 24 जून को अपने माता-पिता के घर आ गई। उनका एक बेटा और एक बेटी है। बेटा अपने पिता के साथ रहता है और बेटी उसके साथ रहती है।

राखी पर चार बहनों का इकलौता भाई छीन कर ले गया

मनोज चौधरी अपनी चार बहनों सरिता, सपना, कल्पना और ज्योति के इकलौते भाई थे। घर में रक्षाबंधन की तैयारियां चल रही थीं। सरिता ने बताया कि 31 अगस्त को सभी बहनें अपने भाइयों को राखी बांधती थीं। लेकिन, पति ने उससे पहले ही भाई की हत्या कर दी।
घटना के चश्मदीद मुनेश त्यागी ने बताया कि वह अपने चैंबर (नंबर 95) में मनोज चौधरी और दो मुंशी के साथ बैठे थे। मनोज खाना खा रहा था। तभी दो युवक अंदर घुसे। एक मनोज के पास आया और उसकी कनपटी पर गोली मार दी। इससे पहले कि वे कुछ समझ पाते, हमलावर भाग खड़े हुए।

यह घटना मुश्किल से 30 सेकंड में हुई। मनोज की मौके पर ही मौत हो गई। पुलिस ने बताया कि हमलावरों ने तहसील परिसर में ही अपनी बाइक खड़ी की थी। पैदल ही वहां पहुंचे। इसके बाद बाइक से फरार हो गए। गोविंदपुरम निवासी मनोज चौधरी तहसील बार एसोसिएशन के पूर्व सचिव थे।