Arvind Kejriwal : अरविन्द केजरीवाल की बेल होने से विधानसभा चुनावों पर पड़ेगा असर, क्या अब होगा खेला
Arvind Kejriwal : अरविन्द केजरीवाल की बेल होने से विधानसभा चुनावों पर पड़ेगा असर, क्या अब होगा खेला
दिल्ली मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल अब जेल से बाहर आ चुके हैं और पार्टी कार्यकर्ताओं और नेताओं में खुशी है। उनके बाहर आने के बाद निश्चित रूप से कार्यकर्ताओं मे नया जोश देखने को मिला है।
हरियाणा में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं और उससे पहले केजरीवाल की वापसी पार्टी में नई ऊर्जा भर देगी। इसे चुनाव से पहले आम आदमी पार्टी की जीत के रूप में भी देखा जा रहा है. दरअसल, हरियाणा में आप और कांग्रेस के गठबंधन की बात सफल नहीं हो पाई है. अब पार्टी अपने दम पर चुनाव लड़ेगी और इसके लिए उम्मीदवारों की घोषणा भी कर दी गई।
अरविंद केजरीवाल एक प्रखर वक्ता हैं और उनके होने से पार्टी को चुनावी कैंपेन में एक नई धार मिलेगी. वो पार्टी के स्टार प्रचारकों में से एक हैं। इससे पहले उनकी पत्नी सुनीता केजरीवाल लगातार चुनाव प्रचार में जुटी हुईं थी। कैंपेन में सीएम केजरीवाल की भागीदारी से न सिर्फ आम आदमी पार्टी की संभावनाएं बढ़ेंगी बल्कि पार्टी के बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद की जा रही है।
आप के संयोजक एक प्रभावशाली नेता हैं और इस नाते उनकी रिहाई बेहद महत्वपूर्ण मानी जा रही है और ऐसे कारक भी सक्रिय होंगे जो कई राज्यों में होने वाले चुनाव के नतीजों को प्रभावित कर सकते हैं। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि अरविंद केजरीवाल की रिहाई से निश्चित रूप से हरियाणा के चुनाव पर असर पड़ेगा. हालांकि ये कहना जल्दबाजी होगी कि ये असर कितना व्यापक होगा। माना जा रहा है कि अगर आम आदमी पार्टी हरियाणा में बेहतर प्रदर्शन करती है तो इससे कांग्रेस को ही नुकसान होगा।
इसके अलावा महाराष्ट्र में भी विधानसभा चुनाव होने हैं और आम आदमी पार्टी घोषणा कर चुकी है कि वो राज्य में हाथ आजमाएगी। मुंबई में पार्टी की अध्यक्ष प्रीति शर्मा ने कहा भी था कि पार्टी महाराष्ट्र में चुनाव लड़ने के लिए तैयार है और वोट वैंक भी काफी मजबूत है. 36 सीटों पर आप अपने उम्मीदवार भी उतारेगी।
जाहिर है कि अरविंद केजरीवाल महाराष्ट्र में भी पार्टी के प्रचार के लिए जाएंगे। उनकी मौजूदगी से आम आदमी पार्टी को फायदा होगा. हालांकि राज्य के अंदर मुकाबला दो गठबंधनों के बीच है। पहला महायुति और दूसरा महाविकास अघाड़ी।