UP Cabinet Meeting: योगी सरकार का नया फैसला, यूपी में महंगी होगी शराब
UP Cabinet Meeting: प्रदेश में मदिरा के शौकीनों को अगले वर्ष पहले अप्रैल से देशी व अंग्रेजी शराब, बीयर व भांग के लिए अपनी जेब और हल्की करनी पड़ेगी।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई कैबिनेट बैठक में वर्ष 2024-25 के लिए नई आबकारी नीति को मंजूरी दे दी गई है। नई नीति में लाइसेंस फीस में इजाफा किया गया है। विदेशी मदिरा, बीयर, भांग और माडल शाप दुकानों के लिए वित्तीय वर्ष 2024-25 में वार्षिक लाइसेंस फीस में 10 प्रतिशत की वृद्धि की गई है।
36 प्रतिशत तीव्रता की देशी मदिरा की लाइसेंस फीस 254 रुपये प्रति बल्क लीटर और ड्यूटी 30 रुपये से बढ़ाकर 32 रुपये प्रति लीटर निर्धारित की गई है। देशी शराब का अधिकतम खुदरा मूल्य पांच रुपये के गुणक में निर्धारित किया जाएगा। नई आबकारी नीति के तहत देशी शराब की चार श्रेणियां होंगी।
शीरे से निर्मित 25 व 36 प्रतिशत तीव्रता की देशी शराब 200 एमएल क्षमता की कांच व पेट (प्लास्टिक) की बोतलों तथा एसेप्टिक ब्रिक पैक में मिलेंगी। अनाज आधारित 42.8 प्रतिशत और 36 प्रतिशत तीव्रता की देशी मदिरा की श्रेणियां भी उपलब्ध होंगी। देशी शराब की यह श्रेणियां 200 एमएल की कांच, पेट (प्लास्टिक) की बोतलों तथा एसेप्टिक ब्रिक पैक में मिलेंगी।
दुकान में बैठाकर पिला सकेंगे बीयर यदि बीयर की दुकानों में 100 वर्ग फीट जगह अलग से 20 मीटर की परिधि के अंदर है तो लाइसेंसी 5000 रुपये शुल्क जमा कर वहां लोगों को बैठाकर बीयर पिला सकेगा। हालांकि इस परमिट रूम में कैंटीन की सुविधा अनुमन्य नहीं होगी। मेट्रो/रेलवे स्टेशनों व हवाई अड्डों पर भी मिलेगी शराब नई नीति में सक्षम स्तर से अनुमोदन मिलने पर मेट्रो व रेलवे स्टेशनों सहित हवाई अड्डों पर भी शराब के प्रीमियम उत्पादों की बिक्री की व्यवस्था की गई है। शराब की दुकानों पर ग्राहक डिजिटल भुगतान भी कर सकेंगे।
होटलों व बार के लिए सुविधा सरकार ने होटल व बार उद्योग को राहत दी है। उनसे उसी भवन के किसी दूसरे स्थान पर अन्य बार काउंटर खोलने के लिए लाइसेंस फीस का 25 प्रतिशत या 2.5 लाख रुपये, जो अधिक हो, शुल्क लिया जाएगा। साथ ही एफएल-7 बार और एफएल-7ए क्लब बार फीस में वृद्धि की गई है। विवाह या अन्य समारोह में शराब के लिए सिर्फ 12 घंटे का लाइसेंस विवाह या अन्य समारोह के लिए कार्यक्रमों वाले स्थलों पर अब सिर्फ 12 घंटे के दौरान या रात 12 बजे तक ही शराब परोसी जा सकेगी।
नई नीति में समारोह में शराब परोसने की खातिर लिए जाने वाले बार लाइसेंस की अवधि 12 घंटे या रात 12 बजे तक होगी। वाइन उद्योग को बढ़ावा प्रदेश में वाइन उद्योग को बढ़ावा देने के लिए उप्र द्राक्षासवनी नियमावली, 1961 में संशोधन को मंजूरी देकर अंगूर, सेब और नाशपाती से बनने वाली साइडर, शेरी और पेरी वाइन के उत्पादन को मंजूरी दी गई है।
बार और माइक्रो ब्रिवरी का लाइसेंस एक साथ लेने पर पहले वर्ष में एक लाख रुपये की छूट दिए जाने का प्रावधान किया गया है। नई नीति में यह भी -ठेकों पर शराब के ब्रांड वाले अन्य पेय पदार्थों की बिक्री की मंजूरी नहीं दी गई है। -देशी, विदेशी शराब, बीयर, माडल शाप, भांग, की कुल दुकानों में तीन प्रतिशत तक की बढ़ोती को भी मंजूरी दी गई है।
किसी ब्रांड के पंजीकरण व नवीनीकरण हेतु ट्रेड मार्क पंजीकरण प्रमाणपत्र की उपलब्धता को समाप्त कर दिया गया है। -देशी शराब की नई दुकानों पर पहली की बजाय पांच अप्रैल तक पुराने स्टाक की शराब की बिक्री की मंजूरी दी गई है। -पुलिस अथवा अन्य किसी संस्था द्वारा जिलाधिकारी की पूर्वानुमति के बिना फुटकर व थोक शराब तथा भांग की दुकान का संचालन बंद नहीं करवाया जा सकेगा।