मिल में गन्ना तौल की धीमी गति से परेशान हो रहे हैं बैलगाड़ी वाले किसान
मिल में गन्ना तौल की धीमी गति से परेशान हो रहे हैं बैलगाड़ी वाले किसान
देर से शुरू हुए गन्ना पेराई सत्र के कारण गेहूं बुवाई के लिए खेत खाली करने की मजबूरी में कोल्हू व क्रेसरों पर पहले ही छोटे व मध्यम जोत वाले कृषक बेच चुके अधिकांश गन्ना-
- सर्दी के मौसम में रात के समय अलाव की व्यवस्था न होने से भी किसानों को परेशानी हो रही है
कायमगंज / फर्रुखाबाद। दि किसान सहकारी चीनी मिल में कांटे पर की जा रही तौल की धीमी गति से बैलगाड़ी बाले किसान खासे परेशान है। लेट पेराई शुरू होने से काफी किसान अपने खेतों में गेहूँ बोने की लालसा में कोल्हू पर पहले ही गन्ना बेच चुके है। दि किसान सहकारी चीनी मिल में पेराई सत्र देर से शुरू हुआ। गन्ना पेराई कार्य दिसंबर माह में सुचारू रूप से शुरू हो सका है। किसानो का कहना है काफी किसान पहले ही गेहूं बोने की बजह से गन्ना कोल्हू पर बेच आए है।
उन्हे खेत खाली करना था। अब चीनी मिल में आने वाले किसानो की संख्या कम है। यहां तौल को लेकर बेहद समस्या आ रही है। एक बैलगाड़ी की तौल में करीब एक घंटा लग रहा है। किसान परेशान है। कई – कई दिन लगने से मवेशियो के चारे की समस्या बनी रहती है। किसानो का कहना है कि गेहूं की फसल की वुबाई का समय निकला जा रहा है। खेत खाली करने में समय लग रहा है।
उनका कहना है अब वह मक्का की ही फसल बो पांयेगे । किसानो का कहना है मिल परिसर में रात में अलाव नहीं जलता है। सर्दी से परेशान हैं। कई -कई दिन लगने से ट्रैक्टर का किराया भी बढ़ जाता है। मशीने जर्जर होने के कारण तकनीकी खराबी आ जाती है। इस कारण और दिक्कत होती है। सहकारी क्षेत्र के इस चीनी मिल की त्रासदी है कि ना तो इनकी मशीनों की पेराई क्षमता ज्यादा है। और ना ही यह सही ढंग से पुरानी होने के कारण चल पा रही हैं। मिल कैसे चल रहा है। यह हाल अब किसी से छिपा नहीं है।