Women Reservation Bill: जानिए क्या है सांसदों का गणित और मोदी सरकार क्यों है आश्वस्त
Women Reservation Bill: जानिए क्या है सांसदों का गणित और मोदी सरकार क्यों है आश्वस्त
Women Reservation Bill: बुधवार को नए संसद भवन में एक नया इतिहास रचा गया। लोकसभा और विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान करने वाला नारी शक्ति वंदन विधेयक बुधवार को लोकसभा में पारित हो गया। बिल में ओबीसी, एससी और एसटी के लिए कोटा तय करने की मांग कर रहे राजनीतिक दल भी इस बार बिल की राह में रोड़ा नहीं बने। इस बिल के समर्थन में 454 वोट पड़े जबकि सिर्फ दो सांसदों ने इस बिल का विरोध किया।
अब इस बिल को आज राज्यसभा में पेश किया जाएगा और राज्यसभा में पूरे दिन इस बिल पर चर्चा जारी रहेगी. ऐसे में आज सबकी नजर राज्यसभा पर है. हालांकि मोदी सरकार राज्यसभा में भी इस बिल के पास होने को लेकर पूरी तरह आश्वस्त है। एनडीए के पास लोकसभा में पूर्ण बहुमत है लेकिन राज्यसभा में स्थिति वैसी नहीं है। इस कारण यह जानना जरूरी है कि राज्यसभा में इस बिल को लेकर क्या संभावनाएं बन रही हैं। इसके लिए राज्यसभा के गणित को समझना जरूरी है।
राज्यसभा में 158 सांसदों के समर्थन की दरकार
लोकसभा और राज्यसभा में एनडीए की स्थिति में काफी फर्क है। एनडीए के पास राज्यसभा में बहुमत नहीं है। 239 सदस्यीय राज्यसभा में एनडीए के कुल 112 सांसद हैं। यह ताकत एक सामान्य विधेयक को पारित करने के लिए भी कम है। हालांकि, अब तक मोदी सरकार को राज्यसभा में अन्य विधेयकों को पारित कराने में बीजू जनता दल और वाईएसआर जैसे अन्य दलों का समर्थन मिलता रहा है। इसी वजह से मोदी सरकार दिल्ली सर्विस बिल को राज्यसभा में आराम से पास कराने में भी सफल रही थी।
हालांकि संसद और विधानसभाओं में महिलाओं को 33 फीसदी आरक्षण देने वाला नारी शक्ति वंदन बिल कोई सामान्य बिल नहीं है. यह संविधान संशोधन विधेयक है और इसे पारित कराने के लिए दो तिहाई सांसदों का समर्थन होना जरूरी है। इस वजह से राज्यसभा में इस बिल को पास कराने के लिए 158 सांसदों के समर्थन की जरूरत है। इसलिए मोदी सरकार राज्यसभा में केवल बीजू जनता दल और वाईएसआर पर निर्भर नहीं रह सकती। उसे कांग्रेस और टीएमसी जैसे अन्य बड़े दलों के समर्थन की भी जरूरत है।
मोदी सरकार क्यों दिख रही आश्वस्त
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहले ही सभी दलों से महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए इस विधेयक को पारित करने की अपील कर चुके हैं। उन्होंने सभी दलों से दलगत भावनाओं से ऊपर उठकर इस विधेयक का समर्थन करने की अपील की थी। उन्होंने कहा कि कई मौकों पर हमारे विपक्षी दलों ने भी दलगत भावनाओं से ऊपर उठकर काम किया है।
लोकसभा में जिस तरह से इस बिल को सभी दलों का व्यापक समर्थन मिला है, उसे देखते हुए सरकार राज्यसभा में भी इस बिल के पास होने को लेकर पूरी तरह आश्वस्त नजर आ रही है। लोकसभा में सिर्फ एआईएमआईएम नेता असदुद्दीन ओवैसी और उनके एक साथी सांसद ने इस बिल के खिलाफ वोट दिया था. इस वजह से सरकार को उम्मीद है कि राज्यसभा में भी यह बिल आसानी से पास हो जाएगा।
संशोधन के लिए दबाव बना सकता है विपक्ष
हालांकि लोकसभा में इस बिल पर चर्चा के दौरान कांग्रेस, सपा, राजद और जदयू समेत कुछ दलों ने ओबीसी, एससी और एसटी के लिए कोटा तय करने की मांग की थी। राज्यसभा में आज इस बिल पर चर्चा के दौरान इस मुद्दे को जोरदार तरीके से उठाए जाने की संभावना है। लोकसभा में नारी शक्ति वंदन बिल से जुड़े सभी संशोधन प्रस्ताव खारिज हो गए, लेकिन राज्यसभा में संशोधन प्रस्तावों को लेकर विपक्ष की ओर से दबाव बनाया जा सकता है।
हालांकि मोदी सरकार इस बिल को उसके मौजूदा स्वरूप में ही पास कराने की पूरी कोशिश कर रही है। सूत्रों के मुताबिक मोदी सरकार का मानना है कि राजनीतिक नुकसान के डर से राजनीतिक दल इस बिल की राह में रोड़ा नहीं बनेंगे। इसी आशंका के चलते कांग्रेस, सपा, राजद और जदयू जैसे दलों ने इस बार लोकसभा में कोटा तय करने की अपनी मांग को प्रतिष्ठा का विषय नहीं बनाया। यही परिदृश्य राज्यसभा में भी देखने को मिलने की उम्मीद है और यही वजह है कि मोदी सरकार पूरी तरह आश्वस्त नजर आ रही है।