आगरा में लहराई तलवारें, तोड़फोड़, अखिलेश यादव को गोली मारने की धमकी

Apr 13, 2025 - 13:11
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आगरा में लहराई तलवारें, तोड़फोड़, अखिलेश यादव को गोली मारने की धमकी

आगरा। पीले और केसरिया रंग के स्कार्फ पहने और तलवारें लहराते हुए करणी सेना के साथ अन्य 40 क्षत्रिय समूहों के सदस्य शनिवार को आगरा के गढ़ी क्षेत्र में इकट्ठा हुए और सपा सांसद रामजी लाल सुमन का जमकर विरोध किया। उन्होंने राजपूत राजा राणा सांगा पर रामजी लाल सुमन के बयान का विरोध करते हुए उनसे माफी मांगने को कहा. इतना ही नहीं एक प्रदर्शनकारी ने भड़काऊ बयान देते हुए सपा प्रमुख और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को गोली मारने की धमकी तक दे दी। बता दें कि करणी सेना के कार्यकर्ता यहां राणा सांगा की जयंती मनाने जुटे थे।

इस दौरान कार्यकर्ताओं ने तलवारें लहराईं और जमकर प्रदर्शन किया. कार्यक्रम खत्म होने के बाद उन्होंने रास्ते में लगी बैरिकेडिंग को लाठी-डंडों से तोड़ दिया. साथ ही नेशनल हाईवे पर जाम भी लगा दिया। इस दौरान एक प्रदर्शनकारी ने अखिलेश यादव को गोली मारने की धमकी दी. प्रदर्शनकारी ने एक प्राइवेट चैनल से बातचीत में कहा कि महाराणा सांगा हमारे लिए पिता समान हैं. क्या हम उनके अपमान को बर्दाश्त करेंगे? अगर कोई हमारे पिता को गाली देगा तो क्या हम चुप बैठे रहेंगे? मैं खुद जाकर अखिलेश यादव को गोली मार दूंगा। प्रदर्शनकारी ने कहा कि सांसद रामजी लाल सुमन को पद से बर्खास्त कर दिया जाना चाहिए. ये लोग हमारे पूर्वजों को अपमानित करते हैं. हमारे माता-पिता को गाली देने का काम करते हैं. बता दें कि इससे पहले अखिलेश यादव ने करणी सेना पर तंज करते हुए कहा था कि अगर कोई रामजीलाल सुमन या हमारे कार्यकर्ता का अपमान करेगा तो हम भी उनके साथ खड़े दिखाई देंगे।

उन्होंने कहा कि यह सेना वेना सब नकली है, यह सब बीजेपी वाले है। दरअसल आगरा के गढ़ी रामी में शनिवार को पहले से ही करणी सेना समेत कई संगठनों ने घोषणा की थी कि राणा सांगा की जयंती पर रक्त स्वाभिमान सम्मेलन आयोजित किया जाएगा. राणा सांगा को लेकर रामजी लाल सुमन द्वारा राज्यसभा में की गयी एक टिप्पणी को लेकर क्षत्रिय संगठनों ने नाराजगी जाहिर की है. यह विवाद उस समय शुरू हुआ जब सुमन ने 21 मार्च को संसद में कहा कि राणा सांगा ने इब्राहिम लोदी को हराने के लिए बाबर को भारत आमंत्रित किया था। उन्होंने कहा था कि अगर भारतीय मुसलमानों को बाबर का वंशज बताया जाता है तो इसी तरह दूसरे समुदायों को भी राणा सांगा जैसे गद्दार के वंशज के तौर पर देखा जा सकता है. राजपूत विरासत पर सवाल खड़ा करने वाले इस बयान से अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा और करणी सेना सहित राजपूत संगठन भड़क उठे। इसके बाद, करणी सेना के सदस्यों ने 26 मार्च को आगरा में रामजी लाल सुमन के आवास पर हमला कर तोड़फोड़ की।

आगरा में रक्त स्वाभिमान सम्मेलन के मद्देनजर पुलिस ने कड़े इंतजाम किए थे. शहर क्षेत्र के पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) सोनम कुमार ने बताया कि त्रिस्तरीय सुरक्षा योजना बनाई गई थी और 24 स्थानों पर पुलिस तैनात की गयी थी. उन्होंने बताया कि कई जगहों पर बेरिकेडिंग लगाए गए थे. आगरा के अलावा मेरठ, झांसी और मैनपुरी से भी पुलिस बुलाई गयी थी। रक्त स्वाभिमान सम्मेलन के मद्देनजर सपा सांसद के आवास पर भी सुरक्षा कड़ी की गई. सांसद ने कहा कि पहले उनके आवास पर हमला हुआ था लेकिन ऐसा दोबारा न हो, इसके लिए प्रशासन ने इंतजाम किए. वहीं करणी सेना के प्रदेश अध्यक्ष संदीप सिंह ने कहा कि सम्मेलन में तय हुआ है कि रामजी लाल सुमन माफी मांगें. अगर वह माफी नहीं मांगेंगे तो हम आगे की रणनीति बनाएंगे।

इस सम्मेलन में 40 से ज्यादा क्षत्रिय संगठन शामिल हुए। करणी सेना और अन्य क्षत्रिय समूहों के सदस्यों ने भगवा और पीले रंग के स्कार्फ़ पहनकर राणा सांगा की स्तुति करते हुए प्रदर्शन किया. कथित रूप से इस कार्यक्रम के कई ऑनलाइन प्रसारित वीडियो में कुछ लोगों को तलवारें, भाले और लाठी-डंडे लहराते हुए देखा गया. करणी सेना के सदस्यों द्वारा खुलेआम हथियार लेकर घूमने के बारे में पूछे जाने पर डीसीपी सोनम कुमार ने कहा कि पुलिस विभाग मामले की जांच करेगा। करणी सेना द्वारा जारी की गई इस चेतावनी के बाद स्थानीय प्रशासन हाई अलर्ट पर रहा कि अगर रामजी लाल सुमन ने शाम पांच बजे से पहले माफ़ी नहीं मांगी तो वे उनके आवास की ओर मार्च करेंगे. इस धमकी के जवाब में, सपा के स्थानीय सदस्य भी सांसद के आवास के पास इकट्ठा होने लगे. पुलिस सूत्रों ने बताया कि वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों और बीजेपी के स्थानीय नेताओं के हस्तक्षेप के बाद करणी सेना के मार्च के आह्वान को वापस ले लिया गया, जिससे तनाव कम हो गया।